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'औलाद पैदा करो स्कीम निकालेंगे क्या, कितने रुपये देंगे', मोहन भागवत के बयान पर असदुद्दीन ओवैसी

  • असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, 'जब मोहन भागवत अपने किसी करीबी को मुख्यमंत्री बनाने की कोशिश कर रहे हैं, तो उन्हें इसके लिए कोई योजना लानी चाहिए।' उन्होंने कहा कि टीएफआर रेट हर एक कम्युनिटी का गिरा है।

Niteesh Kumar लाइव हिन्दुस्तानSun, 1 Dec 2024 10:40 PM
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राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत के जनसंख्या वाले बयान की खूब चर्चा हो रही है। एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने इसे लेकर रविवार को जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा, 'मैं मोहन भागवत से पूछना चाहता हूं कि वह अधिक बच्चे पैदा करने वालों को क्या देंगे? क्या वह ज्यादा बच्चे पैदा करने वालों के बैंक खातों में 1500 रुपये देंगे? क्या वह इसके लिए कोई योजना लाएंगे? क्या औलाद पैदा करो जैसी कोई स्कीम निकाली जाएगी।' ओवैसी ने तंज कसते हुए कहा कि लाडली बहना योजना में 1500 रुपये हर महीने दिए जाते हैं तो फिर मोहन भागवत को भी ऐसी घोषणा करनी चाहिए। आप कोई स्कीम निकालो और तय कर दो कि कितने बच्चे पैदा करने पर कितनी रकम दी जाएगी।

असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, 'जब मोहन भागवत अपने किसी करीबी को मुख्यमंत्री बनाने की कोशिश कर रहे हैं, तो उन्हें इसके लिए कोई योजना लानी चाहिए।' उन्होंने कहा कि टीएफआर रेट हर एक कम्युनिटी का गिरा है। धर्म के हिसाब से TFR रेट सबसे ज्यादा मुसलमानों का गिरा है। ओवैसी ने यह भी कहा कि मेरे 6 बच्चे हैं। यह मैं आपको पहले ही बता दे रहा हूं। नरेंद्र मोदी के 6 भाई हैं और अमित शाह के भी 6 भाई हैं। बता दें कि आरएसएस चीफ मोहन भागवत ने जनसंख्या वृद्धि में गिरावट पर चिंता जताई थी। उन्होंने कहा कि भारत की कुल प्रजनन दर (TFR) मौजूदा 2.1 के बजाए कम से कम 3 होनी चाहिए। टीएफआर का तात्पर्य एक महिला की ओर से जन्म दिए जाने वाले बच्चों की औसत संख्या से है।

आखिर मोहन भागवत ने क्या कहा

मोहन भागवत ने आगाह किया कि जनसंख्या विज्ञान के अनुसार अगर किसी समाज की कुल प्रजनन दर 2.1 से नीचे जाती है, तो यह विलुप्त होने के कगार पर पहुंच सकता है। उन्होंने कहा, ‘जनसंख्या में कमी गंभीर चिंता का विषय है। जनसांख्यिकी अध्ययनों से पता चलता है कि जब किसी समाज की कुल प्रजनन दर 2.1 से नीचे जाती है, तो उसके विलुप्त होने का खतरा होता है। इस गिरावट के लिए जरूरी नहीं कि बाहरी खतरे हों; कोई समाज धीरे-धीरे अपने आप ही विलुप्त हो सकता है।’ भागवत ने कहा कि इस मुद्दे के कारण कई भाषाएं और संस्कृतियां पहले ही विलुप्त हो चुकी हैं। इसलिए प्रजनन दर को 2.1 से ऊपर बनाए रखना आवश्यक है। परिवार समाज का अभिन्न अंग है और हर परिवार की समाज के गठन में अहमियत है।
(एजेंसी इनपुट के साथ)

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