Hindi Newsदेश न्यूज़Amit Shah made observer in Haryana amid Anil Vij Rao Inderjit Singh claim Chief Minister post

हरियाणा में बहुमत के बाद भी भाजपा ने अमित शाह को क्यों बनाया ऑब्जर्वर? क्या कोई चिंता

  • हरियाणा विधानसभा चुनावों में बीजेपी को अप्रत्याशित जीत मिली है। हालांकि इस चुनाव में पूर्ण बहुमत मिलने के बाद भी पार्टी को कई चिंताएं सता रही हैं।

Jagriti Kumari लाइव हिन्दुस्तान, चण्डीगढ़Mon, 14 Oct 2024 01:47 PM
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हरियाणा विधानसभा चुनाव में 48 सीटें जीतकर बहुमत हासिल कर बीजेपी ने सबको चौंकाया है। इसके बाद बीजेपी को तीन निर्दलियों का समर्थन भी मिल चुका है। हालांकि अब भी बीजेपी को को कई चिंताएं सता रही हैं। जहां एक ओर नायब सिंह सैनी के मुख्यमंत्री बनने की बात तय मानी जा रही है वहीं दूसरी तरफ मुख्यमंत्री चुनने के लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और मध्यप्रदेश के सीएम मोहन यादव को ऑब्जर्वर बनाकर भेजा जा रहा है। अब इस कदम से कई सवाल भी उठ रहे हैं। यह चर्चाएं तेज हो गई हैं कि कहीं बीजेपी को मुख्यमंत्री पद के लिए पूर्व गृह मंत्री अनिल विज और केंद्रीय राज्य मंत्री राव इंद्रजीत सिंह की दावेदारी का डर तो नहीं सता रहा है? गौरतलब है कि ऐसा पहली बार होगा जब अमित शाह किसी राज्य में पर्यवेक्षक बनकर पहुंच रहे हैं।

अनिल विज की दावेदारी

17 अक्टूबर को पंचकुला में नई सरकार के साथ मुख्यमंत्री पद का शपथ ग्रहण समारोह है। इससे एक दिन पहले भाजपा विधायक दल का नेता चुना जाना है जिसके लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अमित शाह को जिम्मेदारी सौंपी है। इसके पीछे मुख्यमंत्री पद के लिए पूर्व गृह मंत्री अनिल विज और केंद्रीय राज्य मंत्री राव इंद्रजीत सिंह की दावेदारी को कारण माना जा रहा है। हाईकमान को लगता है कि भाजपा विधायक दल की बैठक में अनिल विज और इंद्रजीत के समर्थक विधायक कोई खेला कर सकते हैं। चुनाव से पहले ही भाजपा ने कार्यवाहक मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को अगला मुख्यमंत्री घोषित कर दिया था। उनके नाम को लेकर पार्टी में किसी तरह का विवाद नहीं था लेकिन अंबाला छावनी के सातवीं बार विधायक चुने गए पूर्व गृह मंत्री अनिल विज ने मुख्यमंत्री पद पर दावेदारी जताकर पार्टी के सामने नया संकट खड़ा कर दिया है। ऐसे में पार्टी ने इस दावेदारी को हलके में नहीं लिया। एक दिन पहले ही अनिल विज पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात करने गए थे और इस मुलाकात को भी उनकी मुख्यमंत्री पद की दावेदारी से जोड़ कर देखा जा रहा है।

राव इंद्रजीत ने बढ़ाई मुश्किलें

भाजपा के शीर्ष नेतृत्व की दूसरी परेशानी की वजह केंद्रीय राज्य मंत्री राव इंद्रजीत हैं जिनकी निगाह लंबे समय से मुख्यमंत्री के पद पर टिकी हुई है। अहीरवाल में राव इंद्रजीत भाजपा का बड़ा नाम है। वह दो बार महेंद्रगढ़ व चार बार गुरुग्राम से सांसद बने हैं। इस बार उनकी बेटी आरती राव अटेली से विधायक चुनकर आई हैं। इसके अलावा राव इंद्रजीत की पसंद के हिसाब से इस बार भाजपा ने आठ टिकट दिए हैं जो सभी चुनाव जीतकर आए हैं। अहीरवाल बेल्ट में भाजपा ने 11 में से 10 सीटें जीती हैं।

राव इंद्रजीत ने दी थी सफाई

राव इंद्रजीत के अहीरवाल में नौ विधायकों के दम पर दावेदारी ठोंकने की खबरें भी आई थी जिसके बाद पार्टी हाई कमान चौकन्ना हो गया है। हालांकि शनिवार को राव इंद्रजीत ने एक ट्वीट कर सफाई दी है कि उन्हें नौ विधायकों के साथ अलग गुट के रूप में पेश किया जा रहा है जो उचित नहीं है। ऐसे में किसी तरह का विवाद खड़ा होने से पहले ही उसको दबाने की रणनीति के तहत अमित शाह को हरियाणा भेजा गया है।

रिपोर्ट: मोनी देवी

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