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Hindi Newsदेश न्यूज़AG Noorani Famous lawyer and political commentator passed away had written famous book on Kashmir

एजी नूरानी कौन? जिनके निधन पर राजनीति से लेकर विद्वान जगत में शोक की लहर

  • AG Noorani Death: वह लंबे अकादमिक और पत्रकारिता करियर के लिए भी मशहूर रहे हैं। वह कई अखबारों में नियमित कॉलम भी लिखा करते थे। उन्होंने कई सेमिनारों में कई पेपर पेश किए हैं। उनके निधन पर राजनीतिक जगत में भी शोक की लहर है।

Pramod Praveen लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीThu, 29 Aug 2024 01:26 PM
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मशहूर राजनीतिक टिप्पणीकार, वकील और लेखक एजी नूरानी का गुरुवार को मुंबई में निधन हो गया। वह 94 वर्ष के थे। उन्होंने कई किताबें भी लिखी हैं, जिनमें चर्चित 'द कश्मीर क्वेश्चन' भी शामिल है। वह संवैधानिक मामलों के बड़े कानूनी जानकार थे। संवैधानिक मामलों पर विशेषज्ञता की वजह से विद्वान जगत में उन्हें काफी सम्मान प्राप्त था। उन्होंने बॉम्बे हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में लंबे समय तक प्रैक्टिस की थी।

वह लंबे अकादमिक और पत्रकारिता करियर के लिए भी मशहूर रहे हैं। वह कई अखबारों में नियमित कॉलम भी लिखा करते थे। उन्होंने कई सेमिनारों में कई पेपर पेश किए हैं। उनके निधन पर राजनीतिक जगत में भी शोक की लहर है। हैदराबाद से सांसद और AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने उनके निधन पर दुख जताया है और अपने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा, “विद्वानों के बीच एक दिग्गज ए जी नूरानी का निधन हो गया है। मैंने उनसे बहुत कुछ सीखा, संविधान से लेकर कश्मीर, चीन और यहां तक ​​कि अच्छे खाने की सराहना करने की कला भी। अल्लाह उन्हें मगफिरत अता करे।”

जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने भी एक्स पर लिखा, "आज सुबह ए जी नूरानी साहब के निधन के बारे में सुनकर दुख हुआ। नूरानी साहब एक स्कॉलर, एक कुशल वकील और एक विद्वान राजनीतिक टिप्पणीकार थे। उन्होंने कानून के मामलों और कश्मीर, आरएसएस और संविधान जैसे विषयों पर विस्तार से लिखा। अल्लाह उन्हें जन्नत में सबसे ऊंचा स्थान दे।” इनके अलावा कई राजनीतिज्ञों, पत्रकारों और स्कॉलर्स ने भी एजी नूरानी के निधन पर शोक और दुख जताया है।

कौन थे एजी नूरानी

एजी नूरानी का जन्म 16 सितंबर, 1930 को बॉम्बे में हुआ था। गवर्नमेंट लॉ कॉलेज, मुंबई से कानून की डिग्री प्राप्त करने से पहले उन्होंने सेंट मैरी स्कूल में स्कूली शिक्षा प्राप्त की थी। उनका कानूनी करियर शानदार रहा। उन्होंने भारत के सर्वोच्च न्यायालय और बॉम्बे उच्च न्यायालय में वकालत की प्रैक्टिस की थी। उनका जीवन ज्ञान, न्याय और लेखन के प्रति समर्पित था। वह अखबारों में नियमित तौर पर कॉलम लिखा करते थे।

उनके कॉलम हिंदुस्तान टाइम्स, द हिंदू, फ्रंटलाइन, इकनोमिक एंड पॉलिटिकल वीकली  सहित विभिन्न अखबारों में प्रकाशित हुए हैं। वे कई पुस्तकों के लेखक हैं, जिनमें द कश्मीर डिस्प्यूट, द डिस्ट्रक्शन ऑफ़ हैदराबाद, द बाबरी मस्जिद क्वेश्चन और लेफ्टवर्ड , द आरएसएस एंड द बीजेपी: ए डिवीजन ऑफ़ लेबर (2000), इस्लाम एंड जिहाद (2002) और सावरकर एंड हिंदुत्व: द गोडसे कनेक्शन (2002) शामिल हैं।

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