4 घंटे की यात्रा सिर्फ 25 मिनट में, टेस्टिंग ट्रैक तैयार; इन 2 शहरों के बीच चलेगी हाइपरलूप ट्रेन
- चीन एयरोस्पेस साइंस एंड इंडस्ट्री कॉरपोरेशन हाइपरलूप आधारित मैग्लेव ट्रेन विकसित कर रहा है। 2025 तक 1000 किमी/घंटा की स्पीड तक पहुंचना।

Hyperloop train: भारत में पहली हाइपरलूप परियोजना मुंबई और पुणे के बीच प्रस्तावित है। मौजूदा समय में यह दूरी 3-4 घंटे में तय होती है, जबकि हाइपरलूप के जरिए यह सफर मात्र 25 मिनट में पूरा हो जाएगा। रिपोर्ट मुताबिक, इसमें एक पॉड में 24 से 28 यात्री बैठ सकते हैं। हार्डट हाइपरलूप को पहला सफल परीक्षण 2019 में हुआ।
हाइपरलूप एक हाई-स्पीड ट्रेन है, जो ट्यूब में वैक्यूम में चलती है। इसकी अधिकतम गति एक हजार किलोमीटर प्रतिघंटे तक जा सकती है। इसमें पॉड्स को वैक्यूम ट्यूब के भीतर चुंबकीय तकनीक पर चलाया जाता है। इस प्रणाली में ऊर्जा खपत बेहद कम होती है और यह लगभग शून्य प्रदूषण उत्पन्न करती है।
केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मंगलवार को एक्स पर वीडियो साझा कर कहा कि हाइपरलूप यात्रा के साधनों में आधुनिक बदलावों को बढ़ावा देने की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा। उन्होंने कहा कि हमने आईआईटी मद्रास को दो बार एक-एक मिलियन डॉलर का ग्रांट दिया है। इस परियोजना को आगे बढ़ाने के लिए एक मिलियन डॉलर का तीसरा अनुदान देने का समय आ गया है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, इस हाइपरलूप के शुरू होने से महज 30 मिनट में 300 किलोमीटर का सफर तय किया जा सकेगा।
स्पेनिश कंपनी जेलरॉस हाइपरलूप प्रणाली विकसित कर रही है। इसका लक्ष्य यूरोपीय शहरों को 1000 किमी/घंटा की स्पीड से जोड़ना।
बेंगलुरु-चेन्नई के बीच हाइपरलूप ट्रेन चलाने की योजना पर रेलवे काम कर रहा है। रेलवे मंत्रालय और आईआईटी मद्रास इस तकनीक पर शोध कर रहे हैं। यह दूरी महज 30 से 40 मिनट में तय हो सकेगी।
चीन एयरोस्पेस साइंस एंड इंडस्ट्री कॉरपोरेशन हाइपरलूप आधारित मैग्लेव ट्रेन विकसित कर रहा है। 2025 तक 1000 किमी/घंटा की स्पीड तक पहुंचना।