'वन नेशन, वन इलेक्शन' बिल पर वोटिंग के दौरान गडकरी समेत मौजूद नहीं थे 20 सांसद, हाजिरी थी जरूरी
- विपक्षी सांसदों ने वन नेशन, वन इलेक्शन से जुड़े विधेयकों का विरोध किया और वोटिंग की मांग की। मत विभाजन में 269 सांसदों ने विधेयकों के पक्ष में मतदान किया, जबकि 196 ने इसके खिलाफ मतदान किया।
भारतीय जनता पार्टी (BJP) की अगुवाई वाली केंद्र सरकार संसद में मंगलवार को 'एक देश, एक चुनाव' पर बिल लेकर आई थी। इस दौरान भाजपा के ही कई सांसद संसद से गायब रहे, जिसमें मोदी कैबिनेट में शामिल तीन बड़े मंत्रियों, नितिन गडकरी, गिरिराज सिंह और ज्योतिरादित्य सिंधिया के भी नाम शामि हैं। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, इन्हें नोटिस भेजने की तैयारी चल रही है।
बीजेपी के सूत्रों के मुताबिक, पार्टी ने पहले ही लोकसभा के अपने सांसदों को तीन लाइन के व्हिप के जरिए निर्देश दिए थे कि वे इन विधेयकों की पेशी के दौरान सदन में मौजूद रहें। नोटिस उन सांसदों को भेजे जाएंगे जिन्होंने इस निर्देश की अवहेलना की है। हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि अनुपस्थित रहने वाले सांसदों ने पार्टी को अपनी अनुपस्थिति के कारणों के बारे में सूचित किया था या नहीं। रिपोर्ट के अनुसार कुछ सांसदों ने पार्टी को इसके बारे में जानकारी दी है।
आपको बता दें कि मंगलवार को लोकसभा में 'संविधान (139वां संशोधन) विधेयक, 2024' और 'संघ राज्य क्षेत्रों के कानून (संशोधन) विधेयक, 2024' पेश किए गए। इसमें लोकसभा और विधानसभा चुनावों को एक साथ कराने का प्रस्ताव रखा गया। ये विधेयक केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने पेश किए।
विपक्षी सांसदों ने विधेयकों का विरोध किया और वोटिंग की मांग की। मत विभाजन में 269 सांसदों ने विधेयकों के पक्ष में मतदान किया, जबकि 196 ने इसके खिलाफ मतदान किया। अब इन विधेयकों को आगे चर्चा के लिए संयुक्त संसदीय समिति (JPC) के पास भेजा जाएगा।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि जब 'वन नेशन, वन इलेक्शन' विधेयक को कैबिनेट में मंजूरी के लिए पेश किया गया, तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे विस्तृत चर्चा के लिए JPC को भेजने की बात की थी।
भाजपा सांसदों की अनुपस्थिति पर विपक्ष ने उठाया सवाल
'वन नेशन, वन इलेक्शन' विधेयक को संसद में पेश किए जाने के दौरान केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह, नितिन गडकरी, ज्योतिरादित्य सिंधिया और सीआर पाटिल सहित लगभग 20 बीजेपी सांसद अनुपस्थित थे। अनुपस्थित सांसदों में शांतनु ठाकुर, जगदंबिका पाल, बीवाई राघवेंद्र, विजय बघेल, उदयराज भोंसले, जगन्नाथ सरकार, जयंत कुमार रॉय, वी सोमन्ना और चिंतामणि महाराज के नाम भी शामिल हैं।
आपको बता दें कि 'वन नेशन, वन इलेक्शन' योजना के तहत संवैधानिक संशोधनों को पास करने के लिए सरकार को दो-तिहाई बहुमत की आवश्यकता होगी।