क्या आप गद्दारों पर भरोसा कर उन्हें मान लेंगी अपना भाई? महिलाओं से उद्धव ठाकरे ने किया सवाल
- वहीं, ठाकरे ने शिवसेना (यूबीटी) द्वारा प्रतिद्वंद्वी गुट के विधायकों के खिलाफ अयोग्यता मामले में शीर्ष अदालत में की गई अपील के संदर्भ में कहा कि हमें सर्वोच्च न्यायालय पर भरोसा है।
सत्तारूढ़ शिवसेना पर परोक्ष हमला करते हुए प्रतिद्वंद्वी गुट के नेता उद्धव ठाकरे ने रविवार को आश्चर्य जताया कि क्या महिलाएं उन गद्दारों पर भाई की तरह भरोसा करेंगी जिन्होंने अपनी मूल पार्टी को धोखा दिया है। पैठण शहर में एक सभा को संबोधित करते हुए ठाकरे ने आरोप लगाया कि महिलाओं का समर्थन पाने के लिए देशद्रोही खुद को भाई के रूप में पेश कर रहे हैं। उनका परोक्ष संदर्भ एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली सरकार की महिलाओं के लिए मासिक धन अंतरण योजना की ओर था।
उन्होंने पूछा, ''क्या आप इन लोगों पर अपने भाई के रूप में भरोसा करेंगी जिन्होंने अपनी मूल राजनीतिक पार्टी को धोखा दिया है?'' विधानसभा चुनाव से कुछ महीने पहले शुरू की गई मुख्यमंत्री माझी लाडकी बहिन योजना के तहत पात्र महिलाओं को प्रति माह 1,500 रुपये मिलते हैं। इस बात पर जोर देते हुए कि न्याय में देरी न्याय से इनकार के समान है, ठाकरे ने कहा कि वह जनता की अदालत में न्याय की मांग कर रहे हैं जो सर्वोच्च है।
ठाकरे ने शिवसेना (यूबीटी) द्वारा प्रतिद्वंद्वी गुट के विधायकों के खिलाफ अयोग्यता मामले में शीर्ष अदालत में की गई अपील के संदर्भ में कहा, ''हमें सर्वोच्च न्यायालय पर भरोसा है।'' पूर्व मुख्यमंत्री ने कोलकाता के एक अस्पताल में एक डॉक्टर के बलात्कार और हत्या को लेकर पश्चिम बंगाल में हुए आंदोलन का संदर्भ देते हुए बदलापुर के एक स्कूल में दो लड़कियों के कथित यौन शोषण पर विरोध प्रदर्शन को उचित ठहराया।
ठाकरे ने कहा कि बदलापुर घटना में पुलिस द्वारा प्राथमिकी दर्ज करने में देरी के खिलाफ लोगों को न्याय मांगने का अधिकार है। उन्होंने कहा, ''लेकिन पुलिस ने प्रदर्शनकारियों के खिलाफ कार्रवाई की।'' पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ''जब हम विरोध करते हैं तो हम पर मुद्दे का राजनीतिकरण करने का आरोप लगाया जाता है। प्रदर्शनकारियों को न्याय मांगने का अधिकार है जैसा कि बंगाल में हो रहा है।'' उन्होंने कहा कि ठाकरे भले ही सत्ता में न हों, लेकिन वो जानते हैं कि लोगों से किए गए वादों को कैसे पूरा किया जाए। वंशवादी राजनीति की भाजपा की आलोचना का स्पष्ट रूप से खंडन करते हुए उन्होंने कहा, ''यह वादों को पूरा करने की हमारी घरानेशाही है।''