लोकसभा में जीत, विधानसभा की सभी सीटों पर हार; नांदेड़ के वोटिंग पैटर्न पर कांग्रेस का सवाल
- सप्पल ने एक्स (ट्विटर) पर एक लंबी पोस्ट लिखी। उन्होंने लिखा कि नांदेड़ लोकसभा क्षेत्र में कांग्रेस को 5.87 लाख वोट मिले, जबकि उन्हीं छह विधानसभा सीटों पर कुल 4.27 लाख वोट ही मिले।
महाराष्ट्र की नांदेड़ लोकसभा सीट और उसके अंतर्गत आने वाली छह विधानसभा सीटों पर एक साथ हुए उपचुनाव के नतीजों ने कांग्रेस पार्टी को चौंका दिया है। कांग्रेस ने नांदेड़ लोकसभा सीट पर शानदार जीत दर्ज की, लेकिन उसी क्षेत्र की सभी छह विधानसभा सीटें गंवा दीं। कांग्रेस वर्किंग कमेटी के स्थायी सदस्य गुरदीप सिंह सप्पल ने इस 'अनोखे वोटिंग पैटर्न' पर सवाल उठाए हैं।
सप्पल ने एक्स (ट्विटर) पर एक लंबी पोस्ट लिखी। उन्होंने लिखा कि नांदेड़ लोकसभा क्षेत्र में कांग्रेस को 5.87 लाख वोट मिले, जबकि उन्हीं छह विधानसभा सीटों पर कुल 4.27 लाख वोट ही मिले। इसका मतलब है कि औसतन 26,500 कांग्रेस समर्थकों ने विधानसभा चुनाव में पार्टी के खिलाफ वोट दिया। उन्होंने लिखा, "महाराष्ट्र में विधानसभा के साथ साथ नांदेड़ लोकसभा का भी उपचुनाव था। इस लोकसभा हलके में छ: विधानसभा की सीट आती हैं। कांग्रेस सभी छ: विधानसभा सीट हार गई है, लेकिन लोकसभा का चुनाव जीत गई है। ऐसा इसलिए हुआ है कि लोकसभा सीट पर कांग्रेस को 1,59,323 वोट ज्यादा मिले हैं! छ: विधानसभा सीटों पर कुल मिला कर कांग्रेस को 4.27 लाख वोट मिले हैं, जबकि लोकसभा सीट पर 5.87 लाख वोट मिले हैं; हालांकि दोनों की पोलिंग एक साथ हुई है।"
नतीजों का अंतर और सवाल
सप्पल ने दावा करते हुए लिखा, "इसका मतलब क्या हुआ? यही कि जिन वोटरों ने लोकसभा सीट पर कांग्रेस को वोट दिया, उन्हीं वोटरों में से औसतन 26,500 वोटर उन हर विधानसभा सीट पर कांग्रेस के खिलाफ हो गए! लेकिन कांग्रेस का हर चौथा वोटर ठीक उसी वक्त विधानसभा में पार्टी के खिलाफ क्यों हो गया था? अब ये तो बीजेपी के नेता भी नहीं मानेंगे ये एक-चौथाई वोटर शिंदे-फडणवीस-अजित की तिकड़ी को प्रधानमंत्री मोदी से भी ज्यादा पसंद करते हैं, इसीलिए विधानसभा में उस तिकड़ी के साथ चले गए! ये छ: विधानसभा सीट कांग्रेस कुल जमा 1,84,597 वोटों से हारी है, और 1.59,323 वोट लोकसभा की बनिस्बत कम हुए हैं! इस अद्भुत संयोग का और अपने एक-चौथाई वोटरों के इस अभूतपूर्व वोटिंग पैटर्न की हम जांच कर रहे हैं।"
नांदेड़ लोकसभा उपचुनाव की बात करें तो चुनाव आयोग के मुताबिक, कांग्रेस उम्मीदवार चव्हाण रविन्द्र वसंतराव को कुल 586788 वोट मिले। जबकि दूसरे नंबर पर रहे भाजपा उम्मीदवार डॉ. संतुकराव मारोत्राओ हम्बर्डे को 585331 वोट मिले। इस लिहाज से कांग्रेस उम्मीदवार कांटे की टक्कर में महज 1457 मतों के अंतर से जीत दर्ज करने में कामयाब रहे।
हालांकि महाराष्ट्र में कांग्रेस ने नांदेड़ लोकसभा सीट तो जीत ली, लेकिन विधानसभा सीटों पर उसे करारी हार का सामना करना पड़ा। नांदेड़ लोकसभा क्षेत्र में छह विधानसभा सीटें हैं, जहां कांग्रेस ने सभी विधानसभा सीटें भाजपा और एकनाथ शिंदे की अगुआई वाली शिवसेना के हाथों गंवा दीं। भोकर में भाजपा के चव्हाण श्रीराय अशोकराय ने कांग्रेस के कदम कोंधेकर तिरुपति को हराया। इसी तरह नांदेड़ उत्तर और नांदेड़ दक्षिण में शिवसेना के बालाजी देवीदासराव कल्याणकर और आनंद शंकर तिड़के ने कांग्रेस के उम्मीदवार अब्दुल सत्तार गफूर और मोहनराव मारोतराव हंबार्डे को हराया।
नायगांव में, भाजपा के राजेश संभाजीराव पवार ने कांग्रेस की मीनल पाटिल खतगांवकर के खिलाफ जीत हासिल की, जबकि डेगलूर (एससी) में, भाजपा के अंतापुरकर जितेश रावसाहेब ने कांग्रेस के निवृत्ति कोंडीबा कांबले सांगविकर को पछाड़ दिया। मुखेड़ सीट पर बीजेपी के तुषार गोविंदराव राठौड़ ने कांग्रेस के पाटिल हनमंतराव वेंकटराव को हराया।
अगस्त में कांग्रेस सांसद वसंतराव चव्हाण की मृत्यु के बाद नांदेड़ में लोकसभा उपचुनाव हुआ था। हालांकि लोकसभा उपचुनाव में इस कड़ी टक्कर वाली जीत के बावजूद, नांदेड़ में सभी छह विधानसभा क्षेत्रों में कांग्रेस की हार पार्टी के लिए एक बड़ा झटका है। महा विकास अघाड़ी गठबंधन- जिसमें कांग्रेस, शरद पवार की एनसीपी और उद्धव ठाकरे की शिवसेना शामिल हैं- उसको राज्य चुनावों में करारी हार का सामना करना पड़ा।