मुझे मां से धोखा करने को कहा गया...उपचुनाव में गेमचेंजर होगा संजय राउत का मां को लिखा पत्र?
संजय राउत ने अपनी मां को हिरासत में रहते हुए एक पत्र लिखा था जो कि अब सामने आया है। इसमें उन्होंने कहा कि उनको धमकी दी जा रही थी और कहा जा रहा था कि अपनी पार्टी को धोखा दो।
शिवसेना नेता संजय राउत इस समय मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में जेल में हैं। जेल से ही उन्होंने अपनी मां के लिए एक भावुक पत्र लिखा है। उन्होंने इस पत्र में दावा किया है कि उन पर अपनी ही पार्टी को धोखा देने का दबाव था। जब उन्होंने यह बात नहीं मानी तो उन्हें जेल में डाल दिया गया। उन्होंने गिरफ्तारी के एक सप्ताह बाद ही मां को पत्र लिखा था और कहा था कि उद्ध ठाकरे और शिव सैनिक उनके अपने बच्चों की तरह हैं और वह उनका खयाल रखें।
संजय राउत का यह पत्र ऐसे समय में चर्चा में आया है जबकि अंधेरी पूर्व की सीट पर उपचुनाव होने हैं। कई राजनीतिक जानकारों का कहना है कि यह पत्र भी गेमचेंजर साबित हो सकता है। संजय राउत ने पत्र में लिखा, अभी मेरी ईडी कस्टडी खत्म हुई है और न्यायिक हिरासत में जाने से पहले मैं बेंच पर बैठकर यह पत्र लिख रहा हूं। मुझे आपको पत्र लिखे कई साल हो गए हैं लेकिन आज यह मौका मिला है।
उन्होंने लिखा, जब घर में ईडी तलाशी लेने पहुंची थी तब आप बालासाहेब ठाकरे की तस्वीर के नीचे चुपचाप बैठी थीं। आपका कमरा, मंदिर, किचेन और मसालों की डिब्बे तक की जब तलाशी ली जा रही थी तब आपने बहुत कुछ बर्दाश्त किया। लेकिन जब शाम को मुझ वे ले जाने लगे तो आपने मुझे गले लगा लिया। बाहर बहुत सारे शिवसैनिक खड़े थे। हर दिन जैसे मैं बाहर जाता हूं आपने उसी तरह उसदिन भी खिड़की से हाथ हिलाकर मुझे विदा किया और आंखों से कहा कि बेटा जल्दी आना। आपका हाथ तब तक लहराता रहा जब तक मुझे ले जाने वाली गाड़ी वहां से चली नहीं गई।
पत्र में आगे लिखा, महाराष्ट्र और देश की आत्मा को इस तरह नहीं मारा जा सकता। हजारों ऐसे सैनिक हैं जो कि देश की सीमा पर तैनात हैं और कई महीने तक अपने घर नहीं लौटते। कुछ ऐसे लोग भी होते हैं जो कि कभी नहीं लौटते। लेकिन अन्याय के आगे झुकना नहीं है। मैं अन्याय के खिलाफ लड़ रहा हूं। इसीलिए मुझे तुमसे दूर जाना पड़ा। मुझे यह मजबूती आपसे ही मिली है।
संजय राउत ने लिखा, शिवसेना हम सभी की मां है क्योंकि आप मेरी मां हैं। मुझ पर अपनी मां के साथ बेईमानी करने का दबाव डाला गया। सरकार के खिलाफ न बोलने जैसी धमकियां मिलीं कि यह महंगा पड़ेगा। लेकिन मैंने दया और कृपा के लिए भीख नहीं मांगी। हालांकि चिंता मत करो, जब तक मैं आऊंगा, तब तक उद्धव और कई शिव सैनिक आपके बच्चे होंगे। देखभाल करना!