कोरोना नहीं, इस वायरस की वजह से अस्पतालों में बढ़ रहे मरीज; कम खतरनाक नहीं है H3N2
इन दिनों देश में एच3एन2 इन्फ्लुएंजा वायरस तेजी से फैल रहा है और इसकी वजह से बड़ी संख्या में लोग अस्पतालों में भर्ती हो रहे हैं। जानकारों का कहना है कि बदलते मौसम की वजह से वायरस ज्यादा प्रभावी है।
इस समय कोरोना और अन्य फ्लू वाले वायरस को पीछे छोड़कर H3N2 लोगों को सबसे ज्यादा संक्रमित कर रहा है। देश के बड़े हिस्से में लोग फ्लू से पीड़ित हैं। जानकारों का कहना है कि मौसम में बदलाव की वजह से फ्लू तेजी से फैल रहा है। एच3एन2 इन्फ्लुएंजा ए वायरस का ही वैरिएंट है जो कि इंसानों को ही प्रमुखता से प्रभावित करता है। आंकड़ों के मुताबिक इस समय सरकारी अस्पतालों में भर्ती होने वाले ज्यादातर मरीज इस वायरस से संक्रमित हैं। महाराष्ट्र के सरकारी अस्पतालों में शनिवार को करीब 100 मरीज भर्ती हुए।
महाराष्ट्र में इस वायरस से संक्रमण दर 19 फीसदी हो गई है जो कि अप्रैल और मई में 6 फीसदी थी। जनवरी से अब तक 1540 इन्फ्लुएंजा केस पाए जा चुक् हैं। इनमें से 900 एच3एन2 के ही थे। जानकारों का कहना है कि कई देशों में कोविड 19 ही इन्फ्लुएंजा वायरस में बदल गया है। डॉक्टरों का कहना है कि एच3एन2 वायरस दूसरे वायरसों को भी प्रभावी कर देता है जिससे शरीर को नुकसान पहुंच सकता है।
क्या हैं लक्षण?
एच3एन2 इन्फ्लुएंजा वायरस के लक्षण सामान्य ही हैं। इसमें खांसी, बुखार, ठंड लगना, दस्त, नाक बहना, छींक आना, गले में दर्द या खराश शामिल है। अगर कोई मरीज गंभीर होता है तो उसका बुखार लगातार बना रहता है। सीने में दर्द हो सकता है। इसके अलावा गला रुंध सकता है। इस स्थिति में तुरंत डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
यह वायरस छोटे बच्चों, बुजुर्गों और गर्भवती महिलाओं के लिए बेहद खतरनाक है। यह वायरस खांसने, छींकने या फिर संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से फैल सकता है। ऐसे में बचाव का तरीका संक्रमित व्यक्ति से दूर रहना, भीड़ में जाने से बचना, अगर कोई संक्रमित है तो उसे विशेष ध्यान देना चाहिए। संक्रमित व्यक्ति को मास्क का प्रयोग करना चाहिए और नियमित अपने हाथ को धोते रहना चाहिए।