अमित शाह से मिलने भेष बदलकर दिल्ली जाते थे अजित पवार? बोले- साबित करो, राजनीति छोड़ दूंगा
रिपोर्ट के मुताबिक, नासिक में पत्रकारों को दिए अपने जवाब में पवार ने जोर देकर कहा कि वे गुप्त राजनीति में शामिल नहीं हैं। पवार ने कहा कि मैं लोकतंत्र में काम करने वाला कार्यकर्ता हूं।
महाराष्ट्र की राजनीति में एक बार फिर से घमासान मचा हुआ है। गठबंधन सरकार में उपमुख्यमंत्री अजित पवार पर आरोप लगा है कि वे चुपके से दिल्ली गए और वहां केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की। हालांकि अजित पवार ने इससे इनकार किया है। महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने शुक्रवार को कहा कि अगर उन पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मिलने के लिए भेष बदलकर दिल्ली जाने का आरोप सच साबित होता है तो वह राजनीति से इस्तीफा दे देंगे। उन्होंने विपक्षी नेताओं को चुनौती दी कि अगर उनके आरोप झूठे साबित होते हैं तो वे राजनीति छोड़ दें। उन्होंने दावा किया कि उन्हें बदनाम करने की कोशिश की जा रही है।
मीडिया रिपोर्टों में दावा किया गया है कि अजित पवार ने हाल ही में एक अनौपचारिक बातचीत के दौरान राष्ट्रीय राजधानी में अमित शाह के साथ बैठक करने की बात स्वीकार की थी। कहा जा रहा है कि पवार ने अपनी पार्टियों के बीच गठबंधन के बारे में बैठकें की थीं। पवार ने कथित तौर पर कहा था, "मैं उन बैठकों में भाग लेने के लिए दिल्ली जाते समय हवाई यात्रा के दौरान मास्क और टोपी पहनता था। मैंने हवाई यात्रा के लिए अपना नाम भी बदल लिया था।" इस बयान के कारण शिवसेना (यूबीटी) और एनसीपी (एसपी) के नेताओं ने पवार पर निशाना साधा।
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, नासिक में पत्रकारों को दिए अपने जवाब में पवार ने जोर देकर कहा कि वे गुप्त राजनीति में शामिल नहीं हैं। पवार ने कहा, "मैं लोकतंत्र में काम करने वाला कार्यकर्ता हूं। मुझे कुछ भी छिपाकर राजनीति करने की आदत नहीं है। हालांकि, हमें विरोधियों ने फर्जी बयानों और झूठी खबरों के जरिए बदनाम किया जा रहा है।" पवार ने कहा कि सरकार द्वारा लागू की जा रही सफल योजनाओं के कारण उनके विरोधी उन्हें बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं।
पवार ने कहा, "मेरे भेष बदलकर दिल्ली जाने की खबर झूठी है। अगर मैं कहीं जाना चाहता हूं तो खुलेआम जाऊंगा। मुझे किसी से डरने की जरूरत नहीं है। अगर भेष बदलने की खबरें साबित होती हैं तो मैं राजनीति छोड़ दूंगा।" उन्होंने मांग की कि संसद द्वारा रिपोर्टों की प्रामाणिकता की पुष्टि की जाए और गलत साबित होने पर इस्तीफा देने की अपनी इच्छा दोहराई। पवार ने कहा, "लेकिन अगर रिपोर्ट गलत पाई जाती है तो बिना किसी सबूत या तथ्य के आरोप लगाने वालों को राजनीति छोड़ देनी चाहिए।"
कथित घटनाओं के दौरान अजित पवार महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष के नेता के तौर पर काम कर रहे थे। हालांकि अजित पवार ने तर्क दिया कि ऐसा भेस बदलना असंभव होगा। उन्होंने आगे कहा, "जब यह घटना हुई, तब मैं महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष का नेता था। हर कोई मुझे पहचानता है और इसलिए ऐसी घटना असंभव है। वर्तमान में जो कुछ भी चल रहा है, वह सब गलत है। इन रिपोर्टों का कोई आधार या सबूत नहीं है।"
पवार ने अपनी प्रतिष्ठा को धूमिल करने के प्रयासों की ओर भी इशारा किया और कुछ विपक्षी नेताओं पर कटाक्ष किया। पवार ने कहा, "इस समय राज्य में मुझे बदनाम करने की कोशिशें चल रही हैं। बातूनी लोगों की संख्या बढ़ गई है। सुबह का सायरन किसी के बारे में कुछ भी कह देता है।" उनका इशारा शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत की ओर था। उन्होंने राज्य सरकार द्वारा शुरू की गई विभिन्न योजनाओं के बारे में विस्तार से बताया और जोर देकर कहा कि वे अच्छी तरह से सोची-समझी और स्थायी रूप से डिजाइन की गई हैं।
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