'50 खोके एकदम ओके' के नारों के साथ शिंदे गुट के विधायक पर हमला, 10 शिवसैनिक गिरफ्तार
हिंगोली से विधायक संतोष बांगर पर रविवार को अमरावती के अंजनगांव सुरजी में कथित तौर पर उद्धव ठाकरे के वफादारों ने हमला कर दिया। संतोष बांगर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के गुट से हैं।
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सुप्रीम कोर्ट और चुनाव आयोग के बाद शिवसेना बनाम शिवसेना की लड़ाई अब सड़कों पर आ पहुंची है। हिंगोली से विधायक संतोष बांगर पर रविवार को अमरावती के अंजनगांव सुरजी में कथित तौर पर उद्धव ठाकरे के वफादारों ने हमला कर दिया। संतोष बांगर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के गुट से हैं। अमरावती पुलिस ने सोमवार को बांगर की कार पर हमला करने के आरोप में 10 लोगों को गिरफ्तार किया है। संतोष बांगर को उस समय शिवसैनिकों के क्रोध का सामना करना पड़ा जब वह रविवार को अंजनगांव सुरजी स्थित देवनाथ देवस्थान मठ से अपनी पत्नी और बहन के साथ बाहर आ रहे थे।
नाराज शिवसैनिकों ने कथित तौर पर उनके वाहन को रोकने की कोशिश की और '50 खोके एकदम ओके' के नारे लगाते हुए उनके काफिले पर हमला कर दिया। बता दें कि, विधायक संतोष बांगर बागी शिंदे गुट में शामिल होने वाले शिवसेना के सबसे ताजा विधायक हैं। उन्होंने एकनाथ शिंदे के विद्रोह के बाद उद्धव ठाकरे के साथ रहने का फैसला किया था लेकिन अचानक अपनी वफादारी बदल दी और शिंदे खेमे में शामिल हो गए।
कहा जाता है कि बांगर रविवार दोपहर देवनाथ मठ गए थे लेकिन उनके दौरे की सूचना मिलने के बाद तहसील इकाई के शिवसैनिक लाला चौक पर जमा हो गए। बांगर का काफिला जैसे ही मठ से निकला, शिवसैनिकों ने '50 खोके एकदम ओके' के नारे लगाए और उनकी कार पर हमला करने की भी कोशिश की। इस घटना से अंजनगांव सुरजी में कुछ देर के लिए तनाव फैल गया।
अंजनगांव पुलिस निरीक्षक दीपक वानखड़े ने बताया कि पुलिस ने लगभग 20 शिवसैनिकों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 353 (लोक सेवक को कर्तव्य निर्वहन से रोकना), 143 (गैरकानूनी सभा), 341 (व्यक्ति को गलत तरीके से रोकना) और महाराष्ट्र पुलिस अधिनियम की धारा 135 (नियम के उल्लंघन की सजा) सहित विभिन्न धाराओं के तहत अपराध दर्ज किया है।
वानखेड़े ने कहा कि क्षेत्र के वरिष्ठ शिवसेना नेता व शहर शिवसेना प्रमुख अभिजीत अकोटकर और पूर्व तहसील सेना प्रमुख महेंद्र दीप्टे अन्य नौ शिवसैनिकों के साथ, हमले में शामिल थे। पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया है और कहा कि अन्य शिवसेना कार्यकर्ता जो हमले में शामिल थे वे उनकी तलाश कर रहे हैं।
इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए बांगर ने पलटवार करते हुए कहा, "अगर मेरी पत्नी और बहन मेरे साथ नहीं होतीं तो वे देखते कि संतोष बांगर क्या है। मैं वहां दर्शन के लिए गया था। मेरी पत्नी और बहन मेरे साथ थीं। देवदर्शन के बाद मैं बाहर आया। उस समय उपद्रवी लोगों का एक समूह वहां आया और मुझ पर हमला करने और मेरे वाहन को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की।"