Hindi Newsमहाराष्ट्र न्यूज़Shivsena leader Sanjay Shirsat said party should get home ministry in new Maharashtra government

‘एकनाथ शिंदे को दरकिनार करने की कोशिश, शिवसेना को मिले गृह विभाग’; उठने लगी आवाज

  • संजय शिरसाट ने कहा, 'शिंदे को महायुति सरकार का चेहरा बनाकर भाजपा को निश्चित रूप से फायदा हुआ। भाजपा या एनसीपी, मराठा आरक्षण के आंदोलनकारियों को मनाने के प्रयास में शामिल नहीं थी। शिंदे ने ही इसका जिम्मा लिया।'

Niteesh Kumar भाषाSat, 30 Nov 2024 12:16 PM
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शिवसेना नेता संजय शिरसाट ने महाराष्ट्र की नई सरकार में पार्टी के लिए गृह विभाग की मांग रखी है। उन्होंने दावा किया कि कार्यवाहक मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को दरकिनार करने की कोशिश की जा रही है। शिरसाट ने कहा कि शिंदे की सकारात्मक छवि और उनकी शुरू की गई योजनाओं पर गौर करने के बाद कहा जा सकता है कि उन्हें सीएम के तौर पर ढाई साल और मिले होते तो वह और ज्यादा योगदान देते। औरंगाबाद पश्चिम विधानसभा सीट का प्रतिनिधित्व करने वाले विधायक ने कहा, ‘गृह विभाग शिवसेना को मिलना चाहिए। यह विभाग आमतौर पर उपमुख्यमंत्री के पास होता है। अगर मुख्यमंत्री गृह विभाग को संभालते हैं तो यह सही नहीं है।’ निवर्तमान सरकार में गृह विभाग देवेंद्र फडणवीस के पास है।

संजय शिरसाट का बयान महायुति के सहयोगी दल भाजपा, शिवसेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के बीच मतभेद को उजागर करता है। महायुति ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में 288 में से 230 सीट जीतकर शानदार प्रदर्शन किया। विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 132, शिवसेना ने 57 और एनसीपी ने 41 सीट जीती हैं। कार्यवाहक मुख्यमंत्री शिंदे का कहना है कि वह अगले मुख्यमंत्री के नाम के लिए भाजपा नेतृत्व के फैसले का पूरी तरह से समर्थन करेंगे और कोई रुकावट पैदा नहीं करेंगे। शिवसेना के सूत्रों के अनुसार, पार्टी ने सरकार के गठन को लेकर किए गए विचार-विमर्श के दौरान गृह विभाग की मांग की।

'संख्या बल के आधार पर मुख्यमंत्री पद की मांग'

सूत्रों ने कहा कि भाजपा अपने संख्या बल के आधार पर मुख्यमंत्री पद मांग रही है और शिवसेना इससे खफा है। शिरसाट ने कहा, ‘शिंदे को महायुति सरकार का चेहरा बनाकर भाजपा को निश्चित रूप से फायदा हुआ। भाजपा या एनसीपी, मराठा आरक्षण के आंदोलनकारियों को मनाने के प्रयास में शामिल नहीं थी। शिंदे ने ही इसका जिम्मा लिया। उन्होंने मराठा आरक्षण भी दिया, इसलिए उनके लिए समर्थन कई गुना बढ़ गया।’ उन्होंने कहा कि कल्याणकारी योजनाएं पहले भी थीं, लेकिन शिंदे ने उन्हें नया जीवन दिया। शिरसाट ने आरोप लगाया कि राकांपा प्रमुख अजित पवार ने महिलाओं के लिए शुरू की गई ‘मुख्यमंत्री माझी लाडकी बहिन योजना’ का विरोध किया था, लेकिन सरकार ने इस योजना को आगे बढ़ाया और इसका असर चुनाव में भी देखा।

शिवसेना नेता ने कहा कि मुख्यमंत्री के रूप में एकनाथ शिंदे की आम आदमी वाली छवि लोगों को काफी पसंद आई। उनके लिए गद्दार जैसे शब्दों का इस्तेमाल किए जाने के बावजूद उन्होंने मजबूती के साथ खुद की पहचान स्थापित की। उन्होंने कहा, ‘इससे पूरे महायुति को फायदा हुआ। उन्होंने सबसे ज्यादा रैलियां कीं। इसे देखते हुए कहा जा सकता है कि अगर उन्हें ढाई साल और मिलते तो वह राज्य के लिए और ज्यादा योगदान देते।’

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