MLC राम के नाम से खफा हुए शिंदे? विधान परिषद अध्यक्ष चुनाव के नॉमिनेशन से बनाई दूरी
- विधान परिषद अध्यक्ष पद के चुनाव 2022 और 2023 में शिवसेना और एनसीपी के विभाजन के कारण नहीं हो पाए थे। बीजेपी के पास परिषद में बहुमत है, लेकिन शिवसेना इस पद को प्राप्त करने के लिए इच्छुक थी।
बुधवार को जब भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के एमएलसी राम शिंदे ने विधान परिषद के अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए अपना पर्चा दाखिल किया तब मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और उपमुख्यमंत्री अजित पवार ही उनके साथ थे, उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे उस समय उनके साथ नहीं दिखे। इसके बाद महाराष्ट्र के सियासी गलियारों की चर्चा तेज हो गई है। राम शिंदे की उम्मीदवारी को शिवसेना के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है। ऐसा इसलिए क्योंकि परिषद के अध्यक्ष पद पर शिवसेना भी अपनी दावेदारी जता रही थी। शिवसेना की उपाध्यक्ष नीलम गोरे भी इस चुनाव में संभावित उम्मीदवार मानी जा रही थीं।
राम शिंदे ने कहा, "कांग्रेस ने भी यह कहा कि उनकी तरफ से कोई नामांकन नहीं होगा। ऐसे में यह चुनाव निर्विरोध होगा। यह एक अच्छा संदेश गया है। मैं मुख्यमंत्री फडणवीस और उपमुख्यमंत्रियों का धन्यवाद करता हूं। बीजेपी और शिवसेना के वरिष्ठ नेताओं के बीच इस पर चर्चा हो सकती है।"
आपको बता दें कि विधान परिषद अध्यक्ष पद के चुनाव 2022 और 2023 में शिवसेना और एनसीपी के विभाजन के कारण नहीं हो पाए थे। बीजेपी के पास परिषद में बहुमत है, लेकिन शिवसेना इस पद को प्राप्त करने के लिए इच्छुक थी। बीजेपी के पास विधानसभा में अध्यक्ष पद भी है। अब बीजेपी के पास दोनों सदनों में अध्यक्षों की कुर्सियां होंगी।
पार्टी के सूत्रों ने बताया कि बीजेपी ने राम शिंदे को इस पद के लिए चुना है क्योंकि वे धनगर समुदाय से आते हैं। राम शिंदे करजत-जामखेड से विधायक थे, लेकिन 2019 और 2024 में एनसीपी के रोहित पवार से हार गए थे।
जुलाई में महाविकास आघाड़ी के विधायक और विधान परिषद सदस्य ने तत्कालीन राज्यपाल रमेश बैस से मुलाकात कर उनसे विधान परिषद अध्यक्ष के चुनाव को मानसून सत्र के दौरान कराने की मांग की थी। हालांकि तब चुनाव नहीं कराया गया था।
बीजेपी के एक पदाधिकारी ने कहा, "राम शिंदे 2019 में विधानसभा चुनाव हार गए थे। फिर एमएलसी बनाए गए, लेकिन वह 2024 में भी विधानसभा चुनाव हार गए। विधायक गोपीचंद पाडलकर भी धनगर समुदाय से हैं। वह नए सरकार में मंत्री बनाए गए हैं। इसलिए पार्टी ने राम शिंदे को अध्यक्ष पद के लिए चुना है। बीजेपी परिषद में सबसे बड़ी पार्टी है और उनका चुनाव निर्विरोध होना तय है।"