2019 में शरद पवार ने की थी अमित शाह के साथ सरकार बनाने की बात, अडानी भी थे साथ; अजित पवार का दावा
- अजित पवार ने उपमुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी और देवेंद्र फडणवीस ने मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी। लेकिन 80 घंटे के भीतर सरकार गिर गई और अजित पवार वापस एनसीपी में लौट आए और शरद पवार के साथ जुड़ गए।
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने दावा किया है कि जब साल 2019 में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के गठबंधन की बात चल रही थी तब उद्योगपति गौतम अडानी भी उस बैठक में शामिल हुए थे। उन्होंने दावा किया है कि इस बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के अलावा शरद पवार भी शामिल हुए थे। उन्होंने यह भी कहा कि वह शरद पवार के साथ पूरी जानकारी में रहते हुए बीजेपी के साथ गए थे।
2019 में बीजेपी के साथ सरकार बनाने की कोशिश के दौरान उनके द्वारा किए गए विद्रोह पर प्रतिक्रिया देते हुए अजित पवार ने The News Minute को दिए एक इंटरव्यू में ये बातें कही हैं। उन्होंने कहा, “हर कोई जानता है कि बैठक कहां हुई थी। सब लोग वहां थे। मैं फिर से बताता हूं कि उस बैठक में अमित शाह, गौतम अडानी, प्रफुल पटेल, देवेंद्र फडणवीस, अजित पवार और पवार साहब (शरद पवार) शामिल हुए थे।”
अजित पवार के अडानी से संबंधित दावों पर सबसे पहले प्रतिक्रिया देने वालों में राज्यसभा सांसद और शिवसेना (UBT) की प्रवक्ता प्रियंका चतुर्वेदी शामिल हुईं। उन्होंने एक्स पर लिखा, "कैबिनेट के एक सीनियर मंत्री द्वारा दिए गए इंटरव्यू के अनुसार गौतम अडानी उन बैठकों का हिस्सा थे, जिसमें महाराष्ट्र में बीजेपी को सत्ता में लाने के लिए संभावित गठबंधनों पर चर्चा हो रही थी। इससे कुछ गंभीर सवाल उठते हैं। क्या वह बीजेपी द्वारा अधिकृत वार्ताकार हैं? क्या उन्हें गठबंधन तय करने की जिम्मेदारी दी गई है? एक व्यापारी महाराष्ट्र में किसी भी कीमत पर बीजेपी को सत्ता में लाने के लिए इतनी गहरी रुचि क्यों दिखा रहा है?"
बैठक के बारे में पूछा जाने पर शरद पवार की बेटी और एनसीपी सांसद सुप्रिया सुले ने कहा कि उन्हें ऐसी किसी बैठक के बारे में जानकारी नहीं है। उन्होंने कहा, "मैं स्पष्ट कर देना चाहती हूं कि मुझे उस बैठक के बारे में बिल्कुल भी जानकारी नहीं है, जिसका जिक्र अजित पवार ने इंटरव्यू में किया है।"
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, कांग्रेस ने अडानी पर हमलावर होते हुए मोदी सरकार के साथ उनके करीबी रिश्तों का आरोप लगाया है। हालांकि पार्टी के प्रवक्ता ने इस मामले पर कोई टिप्पणी नहीं की है। सूत्रों के अनुसार कांग्रेस शरद पवार को लेकर कोई विवाद नहीं चाहती है, इसलिए इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।
बीजेपी ने इस मामले पर आधिकारिक तौर पर कोई बयान नहीं दिया, लेकिन पार्टी के एक सूत्र ने अजित पवार के दावों को चुनौती दी। उन्होंने कहा कि अजित पवार ने दावा किया कि यह बैठक पांच साल पहले हुई थी, जबकि यह वास्तव में 2017 में हुई थी। आपको बता दें कि 2017 में महाराष्ट्र में बीजेपी-शिवसेना की सरकार थी और केंद्र में भी बीजेपी की सरकार थी।
2019 में जब अजित पवार ने अपने इंटरव्यू में जिस समय का जिक्र किया उस दौरान बीजेपी और शिवसेना के बीच विधानसभा चुनाव परिणामों के बाद मुख्यमंत्री पद को लेकर विवाद हो गया था। इसके बाद अजित पवार बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस के साथ आए और समर्थन का प्रस्ताव दिया था।
आपको बता दें कि अजित पवार ने उपमुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी और देवेंद्र फडणवीस ने मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी। लेकिन 80 घंटे के भीतर सरकार गिर गई और अजित पवार वापस एनसीपी में लौट आए और शरद पवार के साथ जुड़ गए।