Hindi Newsमहाराष्ट्र न्यूज़Ramdas Athawale disappointment after Republican Party of India failed to secure ministerial birth

'देवेंद्र फडणवीस ने किया था वादा मगर...', कैबिनेट विस्तार में जगह नहीं मिलने पर रामदास आठवले

  • रामदास आठावले ने दावा किया कि उन्हें इस कार्यक्रम में आमंत्रित नहीं किया गया था। उन्होंने कहा, 'मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री इस कार्यक्रम में शामिल हुए। मगर, महायुति गठबंधन का हिस्सा होने के बावजूद मुझे निमंत्रण नहीं भेजा गया।'

Niteesh Kumar लाइव हिन्दुस्तानSun, 15 Dec 2024 11:55 PM
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महाराष्ट्र में महायुति की गठबंधन सरकार के कैबिनेट विस्तार में रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया के विधायक को जगह नहीं मिली। केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले ने रविवार को इस पर निराशा जाहिर की। उन्होंने कहा, 'रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया ने विधानसभा चुनाव में अच्छा प्रदर्शन किया है। हमने देवेंद्र फडणवीस के साथ कई बैठकें कीं। उन्होंने हमें कम से कम एक मंत्रालय देने का वादा किया था। हालांकि, इस विस्तार में RPI (A) का कोई प्रतिनिधित्व नहीं है। इसलिए हम कैबिनेट में कम से कम एक मंत्रालय की मांग कर रहे हैं।'

रामदास आठावले ने दावा किया कि उन्हें इस कार्यक्रम में आमंत्रित नहीं किया गया था। उन्होंने कहा, 'मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री इस कार्यक्रम में शामिल हुए। मगर, महायुति गठबंधन का हिस्सा होने के बावजूद मुझे निमंत्रण नहीं भेजा गया।' मालूम हो कि महाराष्ट्र में काफी दिनों की दुविधा के बाद रविवार को आखिरकार मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस मंत्रिमंडल का विस्तार हुआ। शपथ समारोह राज्य की दूसरी राजधानी नागपुर में आयोजित किया गया। यह ऐतिहासिक पल है, क्योंकि यह समारोह 30 वर्षों से अधिक समय के बाद नागपुर में आयोजित हुआ।

5 नहीं, ढाई साल का होगा कार्यकाल

नागपुर में रविवार को 39 मंत्रियों को शपथ दिलाई गई। इस अवसर पर सीएम फडणवीस, उपमुख्यमंत्री अजित पवार और एकनाथ शिंदे के साथ-साथ केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी सहित भाजपा के कई नेता उपस्थित थे। राज्यपाल ने नागपुर में नवनिर्वाचित मंत्रियों को मंत्री पद की शपथ दिलाई। प्राप्त जानकारी के अनुसार शपथ लिए मंत्रियों का कार्यकाल 5 साल का नहीं, बल्कि ढाई साल का होगा। मंत्री पद का शपथ लेने के बाद उन्हें शपथ पत्र भी लिखना होगा। इसे लेकर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (अजित गुट) के प्रमुख अजित पवार और शिवसेना (शिंदे गुट) प्रमुख एकनाथ शिंदे का बयान भी सामने आया है। हालांकि, यह फॉर्मूला भाजपा के मंत्रियों पर लागू होगा या नहीं। यह अभी साफ नहीं है।

मंत्रिमंडल विस्तार में नए चेहरों को मौका

गौरतलब है कि मंत्रिमंडल के विस्तार में कुछ नए चेहरों को मौका दिया गया तो कुछ पुराने चेहरे को दोबारा मंत्री बनाया गया है। इस बीच मंत्री पद नहीं मिलने से कुछ नेताओं में नाराजगी देखी गई है। एनसीपी (अजित गुट) के 2 वरिष्ठ नेताओं और पूर्व मंत्रियों छगन भुजबल और दिलीप वाल्से-पाटिल को मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किया गया है। कुल 39 मंत्रियों को शपथ दिलाई गई है। इनमें भाजपा के 19, एनसीपी (अजित गुट) के 9 और शिवसेना शिंदे समूह के 11 विधायकों को मंत्री पद की शपथ दिलाई गई है। इन मंत्रियों में से 33 कैबिनेट रैंक के हैं, जबकि शेष छह राज्य मंत्री हैं। इनमें से 20 नए मंत्री हैं, जिनमें तीन महिलाएं भी शामिल हैं।

(एजेंसी इनपुट के साथ)

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