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महिला ने लगाया रेप का आरोप तो पार्टनर ने पेश कर दिया लिव-इन रिलेशनशिप एग्रीमेंट, साजिश का दावा

  • महिला का आरोप है कि उसके साथी ने उससे शादी करने का वादा किया था। जब वे साथ रह रहे थे तब उसने कई बार उसका बलात्कार किया। आरोपी की ओर से पेश वकील इसे धोखाधड़ी का मामला बता रहे हैं।

Niteesh Kumar लाइव हिन्दुस्तानTue, 3 Sep 2024 02:42 PM
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मुंबई में एक महिला ने अपने पूर्व पार्टनर पर रेप का आरोप लगाया है। इस मामले में आरोपी गिरफ्तारी से पहले ही जमानत हासिल करने की कोशिशों में जुट गया है। इसके लिए 46 वर्षीय व्यक्ति ने लिव-इन रिलेशनशिप एग्रीमेंट पेश किया है। इसमें दावा किया गया है कि वे दोनों एक-दूसरे के खिलाफ यौन उत्पीड़न का कोई केस दर्ज नहीं करेंगे। हालांकि, 29 वर्षीय महिला का कहना है कि डॉक्युमेंट पर उसका साइन नहीं है। पुलिस के मुताबिक, शिकायतकर्ता महिला बुजुर्गों की देखभाल करने का काम करती है। आरोपी सरकारी कर्मचारी है जो अब यह साबित करने की कोशिश में है कि दोनों रिलेशनशिप में थे।

महिला का आरोप है कि उसके साथी ने उससे शादी करने का वादा किया था। जब वे साथ रह रहे थे तब उसने कई बार उसका बलात्कार किया। आरोपी की ओर से पेश वकील सुनील पांडे इसे धोखाधड़ी का मामला बता रहे हैं। उन्होंने कहा, 'आवेदक को झूठे मामले में फंसाया जा रहा है। उसे परिस्थितियों का शिकार बनाने की कोशिश है। वे दोनों लिव-इन रिलेशनशिप में थे। इसे लेकर उनके बीच करार भी हुआ था। इससे साफ पता चलता है कि दोनों रिलेशनशिप में रहने के लिए सहमत हुए थे। इससे जुड़े कागजात पर महिला ने हस्ताक्षर किए हैं।

डॉक्युमेंट में 7 बातों पर सहमति का दावा

आरोपी की ओर से जो डॉक्युमेंट पेश किया गया, उसमें दोनों के बीच 7 सूत्री समझौता मालूम पड़ता है। इसके मुताबिक, यह तय हुआ कि वे 1 अगस्त 2024 से 30 जून 2025 तक साथ रहेंगे। दूसरे क्लॉज में कहा गया कि इस दौरान वे एक-दूसरे के खिलाफ यौन उत्पीड़न का केस दर्ज नहीं कराएंगे। तीसरे प्वाइंट में कहा गया कि महिला पुरुष के साथ उसके घर पर रहेगी। अगर उसे उसका व्यवहार सही नहीं लगा, तो वे एक महीने का नोटिस देकर किसी भी समय अलग हो सकते हैं। चौथा बिंदु कहता है कि जब महिला उसके साथ रहेगी हो तो उसका कोई रिश्तेदार घर पर नहीं आएगा। पांचवें खंड के मुताबिक, महिला पुरुष को किसी भी तरह का उत्पीड़न या मानसिक पीड़ा नहीं पहुंचाएगी। छठा प्वाइंट है कि अगर महिला गर्भवती होती है तो पुरुष को जिम्मेदार नहीं ठहराया जाएगा। सातवां बिंदु है कि अगर उत्पीड़न से पुरुष को मानसिक आघात पहुंचा तो महिला को जिम्मेदार ठहराया जाएगा।

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