पूरे देश में शिवसेना के विस्तार की तैयारी, हिंदुत्व और बालासाहेब पर होगा जोर; क्या बोले एकनाथ शिंदे
- जून 2022 में शिवसेना तब विभाजित हो गई थी जब शिंदे ने महाराष्ट्र के तत्कालीन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के खिलाफ विद्रोह कर दिया था, जिससे राज्य की महा विकास आघाडी (MVA) सरकार गिर गई थी।
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने नवंबर में हुए विधानसभा चुनाव में अपनी पार्टी के शानदार प्रदर्शन को लेकर कार्यकर्ताओं को सराहा। साथ ही, उन्होंने दूसरे राज्यों में भी शिवसेना के विस्तार पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि राज्य की जनता ने फैसला दे दिया है कि असली शिवसेना कौन है। दरअसल, जून 2022 में शिवसेना तब विभाजित हो गई थी जब शिंदे ने महाराष्ट्र के तत्कालीन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के खिलाफ विद्रोह कर दिया था, जिससे राज्य की महा विकास आघाडी (MVA) सरकार गिर गई थी। शिंदे गुट को शिवसेना नाम और तीर-कमान चिह्न मिला जबकि ठाकरे गुट को मशाल चिह्न के साथ शिवसेना (यूबीटी) नाम दिया गया।
एकनाथ शिंदे ने कहा, 'बालासाहेब और उनके हिंदुत्व की विचारधारा को मानने वालों की ओर से यह मांग हो रही है कि उनके इलाकों में भी शिवसेना की उपस्थिति दर्ज कराई जाए। हाल के दिनों में यूबीटी गुट के कई कार्यकर्ता और दूसरी पार्टियों के लोग भी असली शिवसेना के साथ आए हैं। उन्हें इस बात का विश्वास है कि हम कभी हिंदुत्व और बालासाहेब की विचारधारा से सत्ता के लिए समझौता नहीं करेंगे। फिलहाल हम पार्टी के विस्तार पर जोर दे रहे हैं।' उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी बालासाहेब के सपनों को सच करने में जुटी हुई है। राज्य के हर एक व्यक्ति तक सरकार की योजनाओं का लाभ मिलना चाहिए। शिंदे ने कहा, ‘आत्मसम्मान किसी भी पद से अधिक महत्वपूर्ण है। शिवसेना के आदर्शों और स्वाभिमान से कोई समझौता नहीं किया जाएगा। बालासाहेब ठाकरे के आदर्शों के साथ कोई समझौता नहीं किया जाएगा।’
'अब बताइए असली शिवसेना किसकी'
शिवसेना के संस्थापक बाल ठाकरे की 99वीं जयंती के मौके पर गुरुवार को आयोजित रैली को डिप्टी सीएम शिंद ने संबोधित किया। उन्होंने कहा कि शिवसेना (यूबीटी) ने 97 सीट पर चुनाव लड़ा और केवल 20 सीट जीतीं। शिंदे ने कहा, ‘हमने 80 सीट पर चुनाव लड़ा था और 60 सीट जीतीं। यह जीत शानदार है। अब बताइए असली शिवसेना किसकी है। जनता ने अपना फैसला सुना दिया है कि असली शिवसेना कौन सी है।’ शिंदे ने कहा कि हम बालासाहेब ठाकरे की विरासत के उत्तराधिकारी हैं। लोगों ने इस पर अपनी मुहर लगा दी है। उन्होंने कहा कि स्थानीय निकाय चुनावों में भी इसी तरह की सफलता मिलना जरूरी है।
(एजेंसी इनपुट के साथ)