पुणे में तेंदुए ने महिला को मार डाला, 100 मीटर तक शव घसीटा; 7 महीने में सातवां शिकार
- महाराष्ट्र के पुणे के एक गांव में तेंदुए के हमले में 40 वर्षीय महिला की मौत हो गई। हमले के बाद तेंदुआ महिला के शरीर को 100 मीटर तक घसीटकर भी ले गया। वनकर्मियों ने तेंदुए को पकड़ने का अभियान शुरू कर दिया है।
महाराष्ट्र के पुणे के एक गांव में तेंदुए के हमले में 40 वर्षीय महिला की मौत हो गई। राज्य वन विभाग के अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी। अधिकारियों ने बताया कि खेत में काम कर रही महिला पर तेंदुए ने घात लगाकर हमला किया। हमला करने के बाद लहुलूहान अवस्था में महिला को 100 मीटर तक घसीटकर भी ले गया। यह घटना मार्च के बाद से जुन्नार वन प्रभाग में तेंदुए के हमले के कारण हुई सातवीं मौत है।
जुन्नार वन प्रभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, "इस बात की पुष्टि हो चुकी है कि यह मौत तेंदुए के हमले से हुई है। हमने तेंदुए की खोज और पकड़ने का अभियान शुरू कर दिया है। पिंपरी-पेंढर और आस-पास के इलाकों में 40 पिंजरे और 50 कैमरा ट्रैप लगाए हैं। हम तेंदुए का पता लगाने के लिए थर्मल ड्रोन का भी इस्तेमाल कर रहे हैं।"
यह हमला सुबह करीब 6 बजे हुआ। महिला सुजाता ढेरे खेत में काम कर रही थी। तेंदुए ने महिला पर घात लगाकर हमला किया। महिला को लहुलूहान करने के बाद वह उसे करीब 100 फीट तक घसीटकर भी ले गया। इस हमले में महिला गंभीर रूप से घायल हो गई और कुछ ही देर में महिला ने दम तोड़ दिया। घटना के बाद, पुलिस और वन अधिकारी जांच करने के लिए घटनास्थल पर पहुंचे और महिला के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया। यह घटना पुणे जिले के जुन्नार तहसील में स्थित पिंपरी-पेंढर गांव में घटी।
इलाके में पिंजरे और कैमरा ट्रैप लगाए
जुन्नार वन प्रभाग की सहायक वन संरक्षक स्मिता राजहंस ने बताया कि बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान शुरू हो चुका है और स्थानीय लोगों में जागरूकता बढ़ाने के प्रयास भी किए जा रहे हैं। राजहंस ने कहा, "पिंपरी-पेंढर गांव और आस-पास के इलाकों में तलाशी और पकड़ने का अभियान जारी है। हमने तेंदुए का पता लगाने के लिए ट्रैप कैमरे, पिंजरे लगाए हैं और थर्मल ड्रोन का इस्तेमाल कर रहे हैं। हम निवासियों के बीच जागरूकता बढ़ाने के लिए भी काम कर रहे हैं और उन्हें सुरक्षा दिशानिर्देशों का सख्ती से पालन करने की सलाह दी है।"
तेंदुए के हमलों में बढ़ोत्तरी
यह घटना 2001 के बाद से जुन्नार में तेंदुए के हमलों के कारण होने वाली मौतों की दूसरी सबसे बड़ी संख्या है। सबसे ज़्यादा हमले 2002 में हुए थे। उस साल ऐसे हमलों में 11 लोगों की मौत हो गई थी। हालांकि तब से कोई बड़ी घटना नहीं हुई है, लेकिन इस साल मार्च महीने के बाद से ही तेंदुए के हमलों से सात लोगों की मौत हो चुकी है।