Hindi Newsमहाराष्ट्र न्यूज़Devendra Fadnavis replied Sharad Pawar allegations Adani never organized BJP NCP meeting

अडानी ने करवाई थी BJP-NCP की मीटिंग? शरद पवार के आरोपों पर फडणवीस ने दिया जवाब

  • Maharastra election: महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने उद्योगपति गौतम अडाणी के घर पर एनसीपी नेताओं से बैठक को लेकर लगाए जा रहे आरोपों को सिरे से खारिज किया है।

Upendra Thapak लाइव हिन्दुस्तानFri, 15 Nov 2024 09:28 PM
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महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने उद्योगपति गौतम अडाणी के घर पर एनसीपी नेताओं से बैठक को लेकर लगाए जा रहे आरोपों को सिरे से खारिज किया है। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसा कभी नहीं हुआ। उद्योगपति ने कभी भी पार्टी की मीटिंग में हिस्सा नहीं लिया। दरअसल, हाल ही में महाराष्ट्र के वरिष्ठ नेता शरद पवार ने दावा किया था कि 2019 विधानसभा चुनाव के बाद एनसीपी के नेताओं का एक दल गौतम अडानी के घर पर बीजेपी के नेताओं से मिला था, इस मीटिंग में उनके भतीजे अजीत पवार भी शामिल थे।

इंडिया टुडे से बात करते हुए फडणवीस ने शरद पवार की तरफ से लगाए गए सभी आरोपों को निराधार बताया। न्यूज लॉन्ड्री को दिए अपने इंटरव्यू में शरद पवार ने आरोप लगाया था कि 2019 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के बाद गौतम अडानी ने दिल्ली स्थित अपने घर पर एक बैठक की मेजबानी की थी, जिसमें भाजपा और राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी के साथ मिलकर सरकार बनाने की संभावना के बारे में विचार किया गया था। शरद पवार ने दावा किया था कि इस बैठक में वह, अजित पवार, अमित शाह और अडानी मौजूद थे।

शरद पवार के पहले भाजपा के खेमे में शामिल अजीत पवार ने भी दावा किया था कि 2019 के चुनाव के पहले अडानी के घर हुई बैठक में भाजपा के शीर्ष नेता, जिनमें शाह और फडणवीस शामिल थे और अविभाजित एनसीपी की तरफ से वे, शरद पवार और प्रफुल्ल पटेल ने भाग लिया था।

कथित तौर पर यह मीटिंग तब हुई थी जब अजीत पवार ने भाजपा के साथ मिलकर सरकार नहीं बनाई थी। इस मीटिंग में बात नहीं बनने के बाद भाजपा और अजीत पवार के बीच बात बन गई। इसके बाद नाटकीय तौर पर अजीत पवार एनसीपी तोड़कर भाजपा के साथ गठबंधन में शामिल हो गए लेकिन 80 घंटे की सरकार चलाने के बाद वह वापस अपने चाचा के खेमे में लौट गए।

हालांकि महाविकास अद्याड़ी की सरकार गिरने के बाद अजीत फिर से पार्टी तोड़कर भाजपा के साथ आ गए और महायुति गठबंधन के तले शिंदे सरकार में दोबारा प्रदेश के उपमुख्यमंत्री बन गए।

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