बड़ी हो चुकी है BJP की फसल, लग गए हैं कुछ कीड़े; नितिन गडकरी बोले- छिड़कने होंगे कीटनाशक
- गडकरी ने भारतीय संविधान में निहित धर्मनिरपेक्षता के सिद्धांतों को भी रेखांकित किया और कहा कि सरकार और प्रशासन का धर्मनिरपेक्ष होना जरूरी है।
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने शनिवार को भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) में दागी नेताओं के घुसपैठ को लेकर चिंता जताई। गडकरी ने कहा कि जैसे-जैसे पार्टी का विस्तार हो रहा है, कुछ समस्याएं भी उत्पन्न हो रही हैं। उन्होंने कहा कि पार्टी को अपनी स्वच्छता बनाए रखने के लिए कदम उठाने होंगे।
'मुंबई तक' से बातचीत करते हुए नितिन गडकरी ने ‘बीमारी वाले फसलों’ का उदाहरण देते हुए कहा है कि पार्टी को ‘कीटनाशक’ छिड़कने की आवश्यकता पर जोर देना चाहिए। गडकरी ने कहा, "जब फसल बढ़ती है तो बीमारियां भी बढ़ती हैं। बीजेपी की फसल बहुत बड़ी हो गई है, जिसमें अच्छे अनाज के साथ-साथ कुछ बीमारियां भी आ रही हैं। इसलिए हमें ऐसे बीमार फसलों पर कीटनाशक छिड़कने होंगे।"
उन्होंने आगे कहा कि बीजेपी की बढ़ती सदस्यता के साथ राजनीतिक नेताओं के पार्टी में शामिल होने की प्रक्रिया पर भी नजर रखनी होगी। साथ ही नए सदस्यों को पार्टी की विचारधारा और संस्कृति से अवगत कराना जरूरी है।
उन्होंने कहा, "बीजेपी कार्यकर्ताओं की पार्टी है। नए लोग अलग-अलग कारणों से आ रहे हैं। यह हमारी जिम्मेदारी है कि उन्हें प्रशिक्षण दें, विचारधारा सिखाएं और उन्हें हमारे कार्यकर्ता बनाएं। हमारे प्रयास लगातार जारी हैं। हजारों कार्यकर्ता उठते हैं, लेकिन कभी-कभी एक कार्यकर्ता कुछ ऐसा कहता है जिससे हजारों कार्यकर्ताओं के प्रयास विफल हो जाते हैं।"
नितिन गडकरी के ये बयान महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों के संदर्भ में आए हैं। यहां बीजेपी महायुति गठबंधन के तहत शिवसेना (एकनाथ शिंदे गुट) और अजीत पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के साथ मिलकर चुनावी मैदान में है।
सरकार का धर्मनिरपेक्ष होना जरूरी
गडकरी ने भारतीय संविधान में निहित धर्मनिरपेक्षता के सिद्धांतों को भी रेखांकित किया और कहा कि सरकार और प्रशासन का धर्मनिरपेक्ष होना जरूरी है। उन्होंने कहा, "एक व्यक्ति कभी धर्मनिरपेक्ष नहीं हो सकता, लेकिन राज्य, सरकार और प्रशासन का धर्मनिरपेक्ष होना चाहिए।"
महाराष्ट्र में बीजेपी के प्रदर्शन और 2024 लोकसभा चुनावों में पार्टी की सीटों की संख्या में आई कमी पर नितिन गडकरी ने प्रदेश के स्थानीय नेतृत्व की क्षमता पर विश्वास जताया। उन्होंने यह भी कहा कि भले ही उनका राज्य में कोई औपचारिक पद नहीं है, लेकिन उन्हें जब भी जरूरत पड़े वे सहायता के लिए उपलब्ध हैं। गडकरी ने कहा, "मुझे महाराष्ट्र में कोई औपचारिक भूमिका नहीं है। यहां के नेता सक्षम हैं। उन्हें अभी मेरी आवश्यकता नहीं है। लेकिन जब भी उन्हें मेरी आवश्यकता होगी मैं सहायता के लिए उपलब्ध रहूंगा।"