चीता आगे-आगे अफसर पीछे-पीछे, कूनो से भटककर राजस्थान पहुंचा अग्नि; आज लौटेगा वापस
कूनो नेशनल पार्क के डीएफओ थिरुकुरल आर ने बताया कि चीता अग्नि शाम को एमपी की सीमा को पार कर राजस्थान के केलवाड़ा इलाके के जंगल में पहुंच गया था। जिसे हमारे वन विभाग की टीम ने ट्रेंकुलाइज कर लिया है।
मध्य प्रदेश के श्योपुर में कूनो नेशनल पार्क से 3 महीने बाद 2 नर चीतो को बड़े बाड़े से 17 दिसंबर को खुले जंगल में छोडा गया था। जिसमे से नर चीता अग्नि कूनो नेशनल पार्क की सीमा को लांघ कर आवदा क्षेत्र के रिहायशी इलाको में घूमता हुआ राजस्थान के केलवाड़ा इलाके में पहुंच गया था। कड़ी मशक्कत के बाद अब अग्नि चीते को कूनो नेशनल पार्क की टीम द्वारा वापस लाया गया है। आज अग्नि को एक्सपर्ट टीम द्वारा सफलतापूर्वक ट्रेंकुलाइज किया गया है। इसके बाद कूनो नेशनल पार्क की टीम ने राहत की सांस ली है।
कूनो नेशनल पार्क के डीएफओ थिरुकुरल आर ने बताया कि चीता अग्नि शाम को एमपी की सीमा को पार कर राजस्थान के केलवाड़ा इलाके के जंगल में पहुंच गया था। जिसे हमारे वन विभाग की टीम ने ट्रेंकुलाइज कर लिया है उसे पिंजरे में बंद कर के वापस कूनो नेशनल पार्क लाया गया है।
इसके पहले भी चीता पवन कूनो नेशनल पार्क से निकलकर रिहायशी इलाकों में होते हुए पोहरी और शिवपुरी के जंगल में जा पहुंचा था। जिसको तीन बार ट्रेंकुलाइज कर कूनो नेशनल पार्क के बाडे में लाया गया था। वहीं, मादा चीता गामिनी भी कई दिन तक कूनो नेशनल पार्क की सीमा से बाहर रही थी बाद में वह अपने आप कूनो नेशनल पार्क की सीमा में आ गई थी।
कूनो नेशनल पार्क प्रबंधन ने हमेशा से साथ साथ रहने वाले अग्नि और वायु चीते को एक साथ पार्क के अहेरा गेट क्षेत्र जोन में साथ साथ ही छोडा था। यह दोनो चीते हमेशा एक साथ ही रहते है, लेकिन अग्नि ने वायु का साथ छोडा और वह बीते शुक्रवार, गुरुवार रात से अग्नि कूनो पार्क की सीमा से बाहर निकल गया था। चीता को ट्रेंकुलाइज कर कूनो जंगल में लाया गया है। उसकी निगरानी के लिए वन विभाग की टीम तैनात की गई है साथ ही फिर से कहीं बाहर ना हो जाए इसके लिए उसे पर नजर रखी जा रही है।
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