बकरी, नीलगाय का शिकार, गांव वालों से भी डर नहीं; कूनो से निकल मादा चीता वीरा है कहां
मादा चीता वीरा खेत में ही नीलगाय को खा ही रही थी। उसी समय कुछ गांव वाले जंगल की ओर गए थे। इन गांव वालों ने चीते को देखने के बाद शोर मचा दिया। उनका शोर सुनकर कई गांव वाले एकत्रित हो गए।
मध्य प्रदेश के श्योपुर जिले के कूनो नेशनल पार्क को छोड़ मादा चीता वीरा पिछले करीब सात दिनों से मुरैना जिले के जौरा नरहेला गांव में रह रही है। वह नरहेला गांव के ऊपर जंगल में छिपी बैठी है। पिछले एक सप्ताह के अंदर उसने एक बकरी और बकरे को अपना शिकार बनाया है। सोमवार की सुबह उसने एक नीलगाय का शिकार किया। गांव वालों ने बताया कि वीरा अभी भी उनके गांव के बाहर पहाड़ी पर छिपी बैठी है। उसने सुबह 6 बजे एक नीलगाय का शिकार किया। वह नीलगाय को खा ही रही थी, उसी समय कुछ गांव वाले जंगल की ओर गए थे। इन गांव वालों ने चीते को देखने के बाद शोर मचा दिया। उनका शोर सुनकर कई गांव वाले एकत्रित हो गए।
वीरा इसके बाद भी गांववालों के भय से नहीं भागी। वो करीब एक घंटे तक नीलगाय के पास ही बैठी रही। इसके बाद जैसे ही कूनो नेशनल पार्क के रेंजर और वन स्टाफ उनके पास पहुंचे तो वह उन्हें देखकर वहां से भाग खड़ी हुई। इसके बाद वो पहाड़ी की तरफ जाकर छिप गई। जिस नीलगाय का उसने शिकार किया, वन अमले ने उसे गाड़ी में लादा और पहाड़ी पर डाल आए।
वन अमला यह सोचकर पहाड़ी पर नीलगाय का शव छोड़कर आया कि मादा चीता वीरा उसे खाकर गांव की तरफ नहीं आएगी। इसके बाद कूनो के रेंजर और वन अमला चला गया। मुरैना के जौरा का वन अमला एक गाड़ी के साथ वहीं रुका रहा, जो कि अभी भी रुका हुआ है। ग्रामीण जोगेंद्र जादौन ने बताया कि वह सुबह खेत में गए थे, तभी उन्होंने देखा कि नीलगाय घूम रही है। एक चीता पीछे से आया और उसने नीलगाय पर हमला बोल दिया। यह देखकर उन्होंने वहां से दौड़ लगा दी। गांव के लोगों को बुला लाए। लगभग एक घंटे तक यह मादा चीता वहीं नीलगाय के पास बैठी रही।
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