कूनो नेशनल पार्क में मादा चीता आशा ने 3 शावकों को दिया जन्म, अब कितनी हो गई संख्या
भारत में चीता प्रोजेक्ट के तहत नामीबिया से चीतों को कूनो नेशनल पार्क में छोड़ा गया था। इन्हीं चीतों में से मादा चीता आशा ने तीन नन्हें शावकों को जन्म दिया है। सभी स्वस्थ बताए जा रहे हैं।
नए साल के शुरुआत में मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क से खुशखबरी आई है। यहां मादा चीता ने तीन शावकों को जन्म दिया है। मादा चीता आशा ने कूनो पार्क में तीन शावकों को जन्म दिया है। तीनों शावक अभी स्वस्थ बताए जा रहे हैं। कूनो नेशनल पार्क में 17 सितंबर, 2022 को 8 चीते लाए गए थे। यह सभी चीते नामीबिया से लाए गए थे। मादा चीता आशा उन्ही में से एक है। अब यहां चीतों और शावकों की कुल संख्या 18 हो गई है। केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र सिंह ने कूनो नेशनल पार्क में जन्में चीते के तीनों शावकों का एक वीडियो भी शेयर किया है। इसमें तीनों शावक स्वस्थ नजर आ रहे हैं और उन्हें चहलकदमी करते भी देखा जा सकता है।
इन नन्हे मेहमानों के इस दुनिया में आने की सूचना केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने ही सोशल मीडिया पर शेयर कर दी है। अपने एक्स पोस्ट पर मंत्री यादव ने लिखा, जंगल में म्याऊँ। यह बताते हुए खुशी हो रही है कि कूनो नेशनल पार्क ने तीन नए सदस्यों का स्वागत किया है। शावकों का जन्म नामीबियाई चीता आशा से हुआ है।' उन्होंने इसे देश में शुरू किए गए चीता प्रोजेक्ट की बड़ी सफलता बताते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बधाई दी है।
क्या बोले सीएम मोहन यादव
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा, 'चीता प्रोजेक्ट के तहत कूनो नेशनल पार्क में तीन शावकों का जन्म हुआ है। यह प्रोजेक्ट पीएम नरेंद्र मोदी और मध्य प्रदेश सरकार के नेतृत्व में शुरू किया गया था। मैं मध्य प्रदेश के सभी अधिकारियों को शुभकामना देता हूं।'
14 वयस्क चीते अभी मौजूद हैं
कूनो नेशनल पार्क में वर्तमान में 14 वयस्क और एक शावक चीता मौजूद है।अब तीन नन्हे शावको मिलाकर 18 हो चुकी है।इनमें 7 नर चीते गौरव, शौर्य, वायु, अग्नि, पवन, प्रभाष और पावक शामिल हैं।वहीं 7 मादा चीतों में आशा, गामिनी, नाभा, धीरा, ज्वाला, निरवा और वीरा शामिल है। इनमें से अभी केवल दो चीते ही खुले जंगल में मौजूद हैं जो भ्रमण के लिए आने वाले पर्यटकों को दिख सकते हैं, जबकि शेष सभी चीतों को अभी बड़े बाड़े में ही रखा गया है। इन्हें तीन नन्हे शावको को मिलाकर अब कुल चीताओ की संख्या 18 हो चुकी है।
6 चीतों की हो चुकी है मौत
भारत में चीता प्रोजेक्ट को बढ़ावा देने के लिए नामीबिया से यहां चीतों को लाया गया था। दरअसल देश में चीता पूरी तरह से विलुप्त हो चुके थे। जिसके बाद पहले नामीबिया से 8 चीतों को लाया गया और फिर 18 फरवरी, 2023 को दक्षिण अफ्रीका से 12 और चीतों को लाकर कूनो नेशनल पार्क में छोड़ा गया। कूनो में अब तक 6 चीतों की मौत भी हो चुकी है। लेकिन अब तीन शावकों के जन्म के बाद कूनों में चीतों का कुनबा बढ़ गया है।
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