मिल गया परमिशन, कूनों में चीता सफारी का प्लान तैयार, जानें पर्यटक कब से कर सकेंगे दीदार
मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क (Kuno National Park) के बाहर करीब 180 हेक्टेयर में चीता सफारी बनाने की तैयारी कर ली गई है। इसमें 130 हेक्टेयर वनभूमि और 50 हेक्टेयर राजस्व भूमि होगी।
मध्यप्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में अब चीता सफारी बनाई जाएगी। यह देश की पहली चीता सफारी होगी। मुकुंदपुर की सफेद बाघ सफारी की तरह यहां भी पर्यटक चीता सफारी कर सकेंगे। चीता सफारी बनाने के लिए सेंट्रल जू अथॉरिटी के लिए भेजा गया था। अब इसको सेंट्रल जू अथॉरिटी ने सैद्धांतिक परमिशन दे दी है। कूनो नेशनल पार्क में एक इंटरप्रिटेशन सेंटर भी बनाया जाएगा, ताकि पर्यटक भ्रमण कर चीतों के विषय में जानकारी हासिल कर सकें।
चीता सफारी में 2 वर्ष का समय लग सकता है। शुरुआती आकलन में इसके निर्माण में 50 करोड़ की लागत आंकी गई है। चीता सफारी का क्षेत्र 181.17 हेक्टेयर होगा, जिसमें 124.94 कूनो वनमंडल का वन क्षेत्र होगा। सफारी में 4 से 6 चीते छोड़े जाएंगे। प्रोजेक्ट को चीता सफारी कम टूरिस्ट फैसिलिटेशन सेंटर कम इंटरप्रिटेशन सेंटर (चीता सफारी सह पर्यटक सुविधा केंद्र सह व्याख्या केंद्र) नाम दिया गया है। साथ ही कूनो नेशनल पार्क में उपलब्ध विभिन्न जानवर, पक्षी आदि के विषय में भी पर्यटकों को बताया जाएगा।
देश में 70 साल बाद चीतों को पुन: बसाने के साथ ही अब कूनो नेशनल पार्क प्रबंधन एनटीसीए की देखरेख में पर्यटन पर भी फोकस करने जा रहा है। इसके लिए कूनो नेशनल पार्क के बाहर करीब 180 हेक्टेयर में चीता सफारी बनाने की तैयारी कर ली गई है। इसमें 130 हेक्टेयर वनभूमि और 50 हेक्टेयर राजस्व भूमि होगी।
सैलानियों के लिए सुविधाएं विकसित होंगी। चीतों की जानकारी देने के लिए व्याख्या केंद्र स्थापित होगा, जिसमें पर्यटक चीता प्रजाति की स्थिति और इतिहास जान पाएंगे। रविवार से कूनो नेशनल पार्क में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए मध्य प्रदेश पर्यटन बोर्ड की ओर से कूनो फॉरेस्ट फेस्टिवल मनाया जा रहा है। इसके लिए रानीपुरा में निजी कंपनी ने टेंट सिटी तैयार की है। जिसमें हॉट एयर बैलून, पैरामोटरिंग, जंगल सफारी जैसी गतिविधियां होंगी।
रिपोर्ट : अमित गौर
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