Hindi Newsमध्य प्रदेश न्यूज़Aashiq ka Janaza Hai Zara Dhoom Se Nikle Amit Shah attacked Digvijay Singh

आशिक का जनाजा है, जरा धूम से निकले; दिग्विजय सिंह पर अमित शाह का शायरी से वार

दिग्विजय 33 साल के अंतराल के बाद राजगढ़ निर्वाचन क्षेत्र से आम चुनाव लड़ रहे हैं, जिसे उनका गढ़ माना जाता है। दिग्विजय ने 1980 और 90 के दशक की शुरुआत में संसद में राजगढ़ का प्रतिनिधित्व किया था।

Amit Kumar एजेंसियां, राजगढ़Fri, 26 April 2024 09:27 PM
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केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह पर खूब हमला बोला। उन्होंने लोगों से अपील करते हुए कहा कि दिग्विजय सिंह को उनके सम्मान के हिसाब की लीड से हराएं। अमित शाह मध्य प्रदेश की राजगढ़ लोकसभा सीट के अंतर्गत खिलचीपुर कस्बे में चुनावी रैली को संबोधित कर रहे थे। यहां से मौजूदा भाजपा सांसद रोडमल नागर का मुकाबला कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह से है।

चुनावी सभा को संबोधित करते हुए अमित शाह ने शायराना अंदाज में दिग्विजय पर हमला बोला। उन्होंने कहा, “अब, उनको (दिग्विजय सिंह) को राजनीति से स्थायी विदाई देने का समय आ गया है, लेकिन मेरा आप सभी से अनुरोध है कि उनकी स्थायी विदाई करें, लेकिन, आशिक का जनाजा है जरा धूमधाम के निकले। इसके लिए आपको उन्हें भारी अंतर से हराना है। राजगढ़ के लोगों को उन्हें घर बैठा देना चाहिए।'' 

अनुभवी कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह 33 साल के अंतराल के बाद राजगढ़ निर्वाचन क्षेत्र से आम चुनाव लड़ रहे हैं, जिसे उनका गढ़ माना जाता है। दिग्विजय ने 1980 और 90 के दशक की शुरुआत में संसद में राजगढ़ का प्रतिनिधित्व किया था। वे अब तीन दशकों के बाद अपने गृह क्षेत्र में लौट रहे हैं। दिग्विजय सिंह वर्तमान में राज्यसभा सांसद हैं और पार्टी की सर्वोच्च निर्णय लेने वाली संस्था कांग्रेस कार्य समिति के सदस्य हैं। 2019 के लोकसभा चुनाव में, उन्होंने भोपाल से चुनाव लड़ा लेकिन भाजपा उम्मीदवार साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर से 3.6 लाख से अधिक वोटों से हार गए। राजगढ़ से भाजपा ने रोडमल नागर को मैदान में उतारा है, जिन्होंने 2014 और 2019 में लगातार दो संसदीय चुनाव जीते थे। राजगढ़ में सात चरणों में होने वाले आम चुनावों के तीसरे चरण में 7 मई को मतदान होगा।  

इससे पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अयोध्या में राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल नहीं होने के लिए शुक्रवार को कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं राहुल गांधी तथा दिग्विजय सिंह की आलोचना की और कहा कि उनका यह कदम पूरी तरह वोट-बैंक की राजनीति से प्रेरित था। भाजपा नेता ने जोर देकर कहा कि कांग्रेस ने लगभग 70 वर्ष तक अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण की उपेक्षा की और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इसे वास्तविकता बनाकर 22 जनवरी को रामलला की मूर्ति के अभिषेक का मार्ग प्रशस्त किया।

उन्होंने कहा, "क्या आप जानते हैं कि शहजादे राहुल गांधी और दिग्गी राजा (दिग्विजय सिंह) अयोध्या में रामलला की मूर्ति के अभिषेक में क्यों शामिल नहीं हुए? क्योंकि वे अपने वोट-बैंक से डरते हैं और इसलिए, उन्हें कभी माफ नहीं किया जाना चाहिए।" उन्होंने मतदाताओं से कहा कि वे उन लोगों को कभी माफ न करें, जिन्होंने अयोध्या में मूर्ति प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होने का निमंत्रण अस्वीकार कर दिया।

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