MP में फिर महंगी हुई बिजली, अब 100 यूनिट तक के बिल पर चुकाने होंगे 24 रुपये ज्यादा
मध्य प्रदेश में एक बार फिर बिजली के दाम बढ़ गए हैं। इस बार बिजली बिल में 3.46% का इजाफा किया गया है। गर्मी की शुरुआत से पहले बिजली बिल में हुई यह वृद्धि ग्राहकों के लिए एक झटके के रूप में देखी जा रही है।

मध्य प्रदेश में एक बार फिर बिजली के दाम बढ़ गए हैं। इस बार बिजली बिल में 3.46% का इजाफा किया गया है। नई बिजली दरों के मुताबिक, अब घरेलू उपभोक्ताओं के 100 यूनिट तक के बिल पर 24 रुपये ज्यादा चुकाने होंगे। गर्मी की शुरुआत से पहले बिजली बिल में हुई यह वृद्धि ग्राहकों के लिए एक झटके के रूप में देखी जा रही है।
मध्य प्रदेश की जनता को एक अप्रैल से 3.46 फीसदी ज्यादा बिजली की बिल चुकाना होगा। इस महीने से उपभोक्ताओं को बिजली की नई बढ़ी दरों के हिसाब से ही बिल भरना होगा। हालाकि स्मार्ट मीटर यूजर को थोड़ी राहत जरूर मिलेगी।
न्यूज18 इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, राज्य विद्युत नियामक आयोग ने नया टैरिफ ऑर्डर जारी कर दिया है। बिजली कंपनी ने आयोग से करीब 7.52 प्रतिशत इजाफा करने की मांग की थी। हालांकि आयोग ने केवल 3.46 प्रतिशत रेट बढ़ाने की मंजूरी दी।
स्मार्ट प्रीपेड मीटर वाले ग्राहकों को पहले की तरह ही छूट और प्रोत्साहन की व्यवस्था जारी रहेगी।वहीं जिन घरों, दुकानों और ऑफिसों में स्मार्ट मीटर लगे हैं, उन्हें भी दिन के समय बिजली इस्तेमाल पर 20 प्रतिशत तक की छूट मिलेगी। हालांकि ग्राहकों को कोई मीटर चार्ज नहीं देना होगा।
नया टैरिफ समझें
घरेलू बिजली यूज करने वाले ग्राहकों के लिए 100 यूनिट तक के बिल पर 24 रुपये का इजाफा किया गया है। लेकिन इन्हें अटल गृह ज्योति योजना के तहत पहले की तरह सिर्फ 100 रुपये का ही भुगतान करना होगा। बढ़ी हुई रकम का भुगतान प्रदेश सरकार सब्सिडी के रूप में करेगी। सभी लो प्रेशर उपभोक्ताओं और मौसम के हाई प्रेशर उपभोक्ताओं के लिए राहत न्यूनतम प्रभार खत्म किया गया है। ग्राहकों को मई महीने में बढ़ी हुई बिजली बिल दरों के हिसाब से बिल चुकाना होगा। महीने में 50 यूनिट तक बिजली जलाने वालों को अब 18 पैसे यूनिट ज्यादा देने होंगे। वहीं 150 यूनिट तक खपत करने पर 26 पैसे प्रति यूनिट महंगी बिजली बिल देनी होगी।
बढ़ सकती है बिजली की मांग
न्यूज एजेंसी भाषा के मुताबिक, मौसम विभाग का मानें तो मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान समेत देश के कई राज्यों में इस साल अप्रैल से जून तक तापमान सामान्य से अधिक रहने की संभावना है। साथ ही अधिक दिन लू चल सकती है। विशेषज्ञों ने कहा है कि भारत को इस साल गर्मियों के मौसम में बिजली की मांग में 9 से 10 प्रतिशत की वृद्धि के लिए तैयार रहना चाहिए क्योंकि लू के दिनों की संख्या अधिक हो सकती है। पिछले साल, देशभर में बिजली की अधिकतम मांग 30 मई को 250 गीगावाट को पार कर गई थी, जो पूर्वानुमान से 6.3 प्रतिशत अधिक थी। जलवायु परिवर्तन, बिजली की मांग में वृद्धि करने वाले प्रमुख कारकों में से एक है।
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के अनुसार, पिछले साल भारत में असाधारण रूप से भीषण गर्मी पड़ी थी, जिसमें विभिन्न इलाकों से लू के कुल 536 दिन दर्ज किए गए थे, जो 14 वर्षों में सबसे अधिक था। आधिकारिक आंकड़े से पता चला है कि गत वर्ष भारत में गर्मी के दौरान लू लगने के 41,789 संदिग्ध मामले सामने आए थे। लू लगने एवं गर्म मौसम संबंधी रोगों से 143 लोगों की मौत हुई थी।
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