MP में डॉक्टरों की बड़ी लापरवाही, गलत ऑपरेशन से 6 बुजुर्गों ने खोई आँख की रोशनी
मध्य प्रदेश में डॉक्टरों की लापरवाही का मामला सामने आया है। इस लापरवाही के चलते 6 बुजुर्गों को अपनी आँख की रोशनी खोनी पड़ गई।
मध्य प्रदेश में डॉक्टरों की लापरवाही का मामला सामने आया है। इस लापरवाही के चलते 6 बुजुर्गों को अपनी आँख की रोशनी खोनी पड़ गई। बताया गया कि मरीजों की भिंड जिले में लगे नेत्र शिविर कैंप में जांच हुई थी, जिसमें उन्हें बताया गया था कि उन्हें मोतियाबिंद है। इसके चलते इन मरीजों को ग्वालियर के कालरा नेत्र अस्पताल लाया गया था। यहां उनका ऑपरेशन हुआ। मगर बाद में पता चला कि छह मीरज देखने में समस्या का सामना कर रहे हैं। इस घटना के बाद से रातो-रात अस्पताल का स्टाफ और डॉक्टर गायब हो गए हैं। साथ ही साथ मरीजों को भी कहीं और शिफ्ट कर दिया गया है।
बताया गया कि नेत्र विशेषज्ञ डॉ. रोहित कालरा और उनकी टीम ने 50 मरीजों की आंखों की जांच की थी। इसमें से आठ मरीजों को मोतियाबिंद ऑपरेशन के लिए ग्वालियर बुलाया गया था। इनमें से छह बुजुर्गों की आँख की रौशनी चली गई है। इनके नाम चिरोंजीलाल सखवार, भागीरथ सखवार, चुन्नीबाई, राजवीर, भूरीबाई और चमेली बाई हैं। पीड़ितों ने गोरमी में इसकी शिकायत दर्ज कराई कि उनकी ऑंख की रोशनी चली गई है। एक मरीज ने बताया कि उनकी गलत ऑंख(जिसका होना था, उसके बजाय दूसरी आंख) का ऑपरेशन कर दिया गया है। इस घटना के बाद से चारो तरफ हलचल मची हुई है।
मामले की शिकायत भिंड जिला प्रशासन तक पहुंची तो इसके खिलाफ एक्शन लिया गया। मरीजों को आश्वासन दिया गया कि उनकी सुनवाई जल्द होगी। इसीके चलते अब सामने आया है कि कालरा अस्पताल को सील कर दिया गया है। साथ ही साथ मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया है। ताकि पूरी बात सामने आ सके कि आखिर इन छह बुजुर्गों की आँख की रोशनी कैसे गई। जिला अस्पताल के सीनियर डॉक्टर जी एस गुर्जर ने बताया कि यहां ऑपरेशन और ओटी को पूरी तरह सील कर दिया है। साथ ही जांच की जा रही है कि इतनी बड़ी लापरवाही कैसे हुई। इसमें शामिल दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
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