मध्य प्रदेश के इस शहर में बनेगा बड़ा IT पार्क, खर्च होंगे 46 करोड़ रुपए; किसे मिलेगा फायदा
- मध्यप्रदेश के उज्जैन में 2.161 हेक्टर भूमि पर आईटी पार्क बनाने की तैयारी की जा रही है। आईटी पार्क का 21 दिसम्बर को सीएम डॉ. मोहन यादव भूमि पूजन करेंगे। इस पार्क के लिए सरकार 46 करोड़ रुपए खर्च करेगी।
मध्यप्रदेश के उज्जैन में 2.161 हेक्टर भूमि पर आईटी पार्क बनाने की तैयारी की जा रही है। आईटी पार्क का 21 दिसम्बर को सीएम डॉ. मोहन यादव भूमि पूजन करेंगे। बताया जा रहा है कि उज्जैन में इस आईटी पार्क के बनने से औद्योगिक विकास को बढ़ावा मिलेगा। पहले चरण में 46 करोड़ रूपये की लागत से 5400 वर्गमीटर जमीन पर आईटी पार्क का निर्माण होगा। यहां 30 आईटी इंडस्ट्रीज अपना प्लग एंड प्ले आधारित मॉडल पर कार्य करेंगी। मिली जानकारी के अनुसार यहां 11, 239 स्क्वॉयर मीटर पर बिल्डिंग बनाई जाएंगी। 31.7 मीटर ऊंचाई होगी। जिसमे हाईटेक सुविधा मिलेगी।
उज्जैन में इंदौर रोड स्थित शासकीय इंजीनियरिंग कॉलेज के पार्क आईटी पार्क का निर्माण किया जाएगा। कलेक्टर नीरज कुमार सिंह ने आईटी पार्क के भूमिपूजन स्थल का निरीक्षण किया है। निरीक्षण के दौरान कलेक्टर नीरज सिंह ने भूमिपूजन स्थल पर साफ-सफाई, लाइट, पार्किंग आदि आवश्यक व्यवस्थाओं को सुनिश्चित करने के निर्देश सम्बन्धित अधिकारियों को दिए। बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव 21 दिसम्बर को उज्जैन में बनाए जाने वाले आईटी पार्क का भूमिपूजन करेंगे।
आईटी पार्क में क्या-क्या सुविधाएं मिलेंगी?
उज्जैन जिले का यह पहला आईटी पार्क होगा जो उज्जैन के विकास को नई ऊंचाई प्रदान करेगा।आईटी पार्क की संकल्पना के आधार पर डिजाईन में केंटिलीवर छज्जे, वक्राकार रेखाएं, गहराई का आभास देने वाले वैनिशिंग पॉईंट्स और दोहराने वाले पेटर्न शामिल होंगे। साथ ही आधुनिक कार्यालय कक्ष, सम्मेलन कक्ष, कैफेटेरिया, रिसेप्शन और अग्नि सुरक्षा उपकरण, लिफ्ट एचवीएसी प्रणाली और पर्याप्त जलापूर्ति अन्य सभी सुविधाओं से परिपूर्ण आईटी पार्क बनेगा। जिसमें हर फ्लोर पर टॉयलेट के साथ कैफेटेरिया ड्रिंकिंग वाटर, लिफ्ट के साथ ऑफिस के लिए हाईटेक सुविधा भी मिल सकेगी। इस बिल्डिंग में ग्राउंड फ्लोर पर 59 कार पार्क हो सकेगी।
कलेक्टर नीरज कुमार सिंह ने प्रशासनिक संकुल भवन के द्वितीय तल पर स्थित सभा कक्ष में आईटी पार्क के भूमि पूजन की तैयारियों के संबंध में संबंधित शैक्षणिक संस्थानों के पदाधिकारियों के साथ बैठक लेकर आवश्यक दिशा निर्देश दिए हैं। आवंटित जमीन में फेज वाइज आईटी इकोसिस्टम और आईटी स्पेस का विकास किया जाएगा। पहले चरण में लगभग 5400 वर्गमीटर क्षेत्र में निर्माण किया जाएगा, जिससे लगभग 1.2 लाख वर्ग फुट आवंटन योग्य आईटी स्पेस का निर्माण किया जाएगा। लगभग 30 आईटी इंडस्ट्री अपना प्लग एंड प्ले आधारित मॉडल पर कार्य प्रारंभ कर सकेगी।
एमपीआईडीसी के राजेश राठौर ने बताया कि हम इस आईटी पार्क में टेक कंपनियों और स्टार्टअप को सभी तरह की एडवांस सुविधाएं देंगे। यह उज्जैन का अपने आप में पहला पार्क होगा। सरकार का इस बात पर जोर है कि स्थानीय युवाओं को इसमें प्राथमिकता दी जाए। आईटी पार्क शुरू होने से स्थानीय अर्थव्यवस्था में विविधता आएगी, पारंपरिक क्षेत्रों पर निर्भरता कम होगी और नवाचार संचालित विकास को बढ़ावा मिलेगा। आईटी कम्पनियों को उज्जैन में कम लागत में काफी लाभ हो सकता है, जिसमें किफायती कार्यालय और कर्मचारियों के लिए न्यूनतम जीवन यापन की लागत शामिल होगी इसके अतिरिक्त शहर अपने राजनैतिक स्थान और बुनियादे ढ़ांचे के विकास की पहलों द्वारा समर्पित विस्तार और विकास के अवसर प्रदान करता है। उज्जैन में आईटी पार्क की स्थापना समग्र शहरी विकास और आर्थिक विकास दोनों के लिए आवश्यक है।
उज्जैन कलेक्टर नीरज सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि उज्जैन शहर के लिए आईटी पार्क की सौगात बहुत ही महत्वपूर्ण है। आईटी पार्क बनने से छात्रों को बेहतरीन उच्च गुणवत्ता की शिक्षा प्राप्त होगी और उज्जैन शहर के लिए औद्योगिक विकास की भी निरंतर वृद्धि होगी। शहर की अर्थव्यवस्था मुख्य रूप से धार्मिक महत्व जैसे श्री महाकालेश्वर मंदिर और कुम्भ मेला जैसे आयोजनों तथा विनिर्माण ईकाइयों के कारण पर्यटन द्वारा संचालित इकाइयों को भी लाभ मिलेगा।
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