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पीछे हटेंगे पीछा करने वाले, जानिए क्या है स्टॉकिंग और इसके खिलाफ आपके अधिकार

  • आपको लगता है कि कोई आपका पीछा कर रहा है? आपको अनचाहे कॉल या मैसेज आते हैं? मुमकिन है कि आप किसी स्टॉकर का शिकार बन रही हों। पर, अब उससे डरने का नहीं बल्कि लड़ने का वक्त है। कानून भी आपको यह अधिकार देता है। स्र्टांकग के खिलाफ क्या हैं आपके अधिकार, बता रहे हैं वरिष्ठ अधिवक्ता कृष्ण कुमार गौतम

Avantika Jain हिन्दुस्तानSat, 16 Nov 2024 07:55 AM
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आपको भी क्या दो आंखें हमेशा घूरती रहती हैं? हां, तो क्या हुआ, कोई किसी को देख भी नहीं सकता? आप क्या, कब और कैसे करती हैं वह उसे मालूम है? वह भी आपकी जानकारी या इच्छा के बिना। तो इसमें कौन सी बात हो गई? जिज्ञासा में तो ऐसा कोई भी कर सकता है। ये बातें सुनने और कहने में साधारण-सी लग सकती हैं, पर क्या इतनी सामान्य हैं? नहीं, बिल्कुल भी नहीं। यह स्टॉकिंग है यानी पीछा करना। जिसकी इजाजत हमारे देश का कानून भी नहीं देता। भारत में गलत नीयत के साथ किया गया पीछा अपराध की श्रेणी में आता है। जिसमें आईपीसी की धारा 354-डी के तहत कार्रवाई की जा सकती है। पर, फिर भी यह समस्या आम होती जा रही है।

महिलाओं की एक बड़ी जमात इस समस्या से दो-चार होती है। आंकड़े भी इसकी तसदीक करते हैं। आंकड़े बताते हैं कि भारत में 2021 में सिर्फ स्टॉकिंग के हर दिन 25 मामले दर्ज होते थे। यह तो वह संख्या है जो सिर्फ दर्ज की गई है। इससे कई गुना मामले तो घर की चारदीवारी के भीतर ही खामोश रह जाते हैं और उनकी शिकायत दर्ज ही नहीं कराई जाती। साल 2014 में जब राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो ने महिलाओं के खिलाफ अपराधों के तहत स्टॉकिंग के मामले को आधिकारिक रूप से अपराध घोषित किया और इसका आंकड़ा अलग से घोषित किया, तब से इन मामलों में 97 फीसदी की वृद्धि हुई है। ऐसे में जरूरी हो जाता है कि इस बारे में हम सब जागरूक बनें ताकि महिलाओं के प्रति बड़े अपराधों की बुनियाद बनने वाली स्टॉकिंग को रोका जा सके। साथ ही कानून द्वारा इसके खिलाफ हमारे अधिकार को जाना, समझा और प्रयोग किया जा सके ।

क्या है स्टॉकिंग

भारतीय कानून में पीछा करना एक अपराध है। कोई महिला इस अपराध का शिकार होती है तो वह एफआईआर दर्ज करवा सकती है। इसके लिए दो अधिनियम लगते हैं। पहला है, सूचना एवं प्रौद्योगिकी अधिनियम, जो ऑनलाइन स्टर्ॉंकग के बारे में है। जबकि दूसरा है, 2013 का आपराधिक अधिनियम। दोनों में ही यदि कोई शख्स आपको लगातार परेशान कर रहा है या आपका उस तरीके से पीछा कर रहा है, जैसे आप नहीं चाहतीं तो वह आपका अपराधी है। उसके खिलाफ आप शिकायत दर्ज करवा सकती हैं। इस मामले में दोषी साबित होने पर तीन से पांच साल की जेल हो सकती है और जुर्माना भी लगाया जा सकता है।

कैसे करें प्रयोग

आप अपने पास के किसी भी थाने में जाकर या फिर आप ऑनलाइन शिकायत दर्ज करवा सकती हैं। जिसके लिए आप राष्ट्रीय महिला आयोग के पास गुहार लगा सकती हैं। आयोग आपकी आवाज बनकर पुलिस के सामने आपकी समस्या को उठाएगा। वह मामले में तेजी लाने के लिए भी पुलिस पर दबाव बनाने में आपकी मदद करेगा। आप देश के किसी भी हिस्से में अपनी शिकायत दर्ज करवा सकती हैं। अगर दिल्ली में हैं तो 1096 पर कॉल करके भी अपनी शिकायत दर्ज करवा सकती हैं। साथ ही महिलाओं के खिलाफ अपराधों को रोकने के लिए देश भर में 1091 हेल्पलाइन पर भी कॉल कर सकती हैं।

प्रस्तुति: दिव्यानी त्रिपाठी

इन बातों का रखें ध्यान

स्टॉकर पर आरोप लगाने और शिकायत करने से पहले समस्या का अंदाजा होते ही स्टर्ॉंकग का सबूत जुटाने का प्रयास करें। बहस में न पड़ें।

समस्या का अंदाजा लगते ही परिवार, मित्रों आदि को सूचना दें।

खुद की सुरक्षा की ओर ध्यान दीजिए। अपनी दिनचर्या और रास्तों को समय-समय पर बदलती रहिए।

आपके पास कई ऐप्स हैं, जिनकी आप मदद लें सकती हैं। जैसे निर्भया ऐप इसमें जीपीस सिस्टम है, जिसकी मदद से आप अपनों को अपनी लोकेशन की जानकारी दे सकती हैं। फील ऐप, जिसमें आपको जिन लोगों से मदद मिल सकती है ऐसे लोगों कि लिस्ट बनानी होती है। जरूरत पड़ने पर आप उनको मैसेज भेज सकती हैं। वीमेन सीक्योरिटी नाम के ऐप पर इंटरनेट कनेक्शन के बिना भी 45 सेंकेड का वॉयस मैसेज भेजा जा सकता है।

साइबर स्टॉकिंग है आम

आजकल हमारी जिंदगी में वर्चुअल दुनिया का दखल बहुत ज्यादा है। ऑनलाइन हमारी जरूरतें, मनोरंजन, काम सभी कुछ हो रहा है। ऐसे में स्टॉकरों ने वहां भी दस्तक दे दी है। अब सवाल उठता है कि भला साइबर स्टॉकर को पहचानें कैसे? साइबर स्टॉकर वह व्यक्ति होगा जो आमतौर पर आपकी जानकारी इकट्ठा कर रहा हो। ऐसे स्टॉकर आमतौर पर अनचाहे संदेश भेजते हैं, आपके पर्सनल स्पेस में घुसने की कोशिश करते हैं और आपके अकाउंट से जुड़कर आपको ऐसे मैसेज और वीडियो आदि भेजते हैं, जिससे आप असहज हो जाती हैं।

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