Ram Janmbhoomi Babri Masjid Dispute: रामलला ही नहीं ये 5 मंदिर भी हैं अयोध्या की शान
लंबे समय से लंबित राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद का आज अंत हो गया। आज सुप्रीम कोर्ट ने 40 दिन की मैराथन बहस के बाद हिंदू-मुस्लिम पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अपना फैसला सुना दिया। अयोध्या को...
लंबे समय से लंबित राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद का आज अंत हो गया। आज सुप्रीम कोर्ट ने 40 दिन की मैराथन बहस के बाद हिंदू-मुस्लिम पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अपना फैसला सुना दिया। अयोध्या को ज्यादातर लोग सिर्फ इस विवाद से जोड़कर देखते हैं लेकिन आपको बता दें अयोध्या सिर्फ इस विवाद के लिए ही नहीं बल्कि यहां मौजूद कई खूबसूरत मंदिरों के लिए भी जानी जाती है। आइए जानते हैं आयोध्या के वो 5 मंदिर जहां एक बार आने के बाद आप वापस नहीं जाना चाहेंगे।
भारत के फेमस तीर्थ स्थानों में से एक नाम अयोध्या का भी है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भगवान राम की यह जन्मभूमि बेहद प्राचीन और सरयू नदी के तट पर बसी हुई है। आज के समय में यह जगह उत्तरप्रदेश के फैजाबाद जिले में शामिल है। आइए जानते हैं आखिर कौन से हैं अयोध्या में मौजूद 5 खूबसूरत मंदिर।
हनुमानगढी-
अयोध्या के बीचोंबीच हनुमानगढ़ी में हनुमानजी का एक बहुत बड़ा मंदिर बना हुआ है। कहा जाता है कि अयोध्या के किसी भी मंदिर में दर्शन करने से पहले इस मंदिर में जाकर हनुमानजी का आशीर्वाद जरुर लेना चाहिए। कहा जाता है कि जो लोग ऐसा नहीं करते उन्हें राम जी का आशीर्वाद नहीं मिलता है।
नागेश्वरनाथ मंदिर-
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस मंदिर का निर्माण भगवान राम के बेटे कुश द्वारा हुआ था। यह भगवान शिव का मंदिर है। शिवरात्रि के समय इस मंदिर में बड़ी संख्या में श्रद्धालु दूर-दूर से पूजा करने के लिए पहुंते हैं।
कनक भवन-
अयोध्या का कनक भवन मंदिर बेहद विशाल और खूबसूरत है। इस मंदिर को देखने के लिए लोग बहुत दूर-दूर से आते हैं। इस मंदिर में राम-सीता की सोने की मूर्ति लगी हुई है। माना जाता है कि विवाह के बाद महल माता कौशल्या ने भगवान राम की पत्नी सीता को यह मुंह दिखाई में दिया था।
गुलाबबाड़ी-
शुजाउद्दौला के मकबरे के चारों तरफ फैले इस गुलाब के बगीचे में अलग-अलग तरह के गुलाब के फूल देखने को मिलते हैं। गुलाबबाड़ी के बगीचे के अलावा यहां मौजूद इमामबाड़ा और मस्जिद भी काफी फेमस है।
सीता की रसोई-
सीता की रसोई का नाम सुनते ही मन किसी रसोई की कल्पना करने लगता है। अगर आप भी यह नाम सुनकर किसी रसोई की कल्पना करने लग गए हैं तो आपको बता दें कि वास्तव में सीता की रसोई कोई रसोई घर नहीं है बल्कि यह एक मंदिर है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सीता की रसोई इसी जगह थी। हालांकि आज के समय में यह मंदिर के एक कोने में बना पुराने रसोई घर का एक मॉडल है। यहां प्राचीन, बर्तन आदि नमूने के तौर पर रखे गए हैं। जबकि मंदिर परिसर के दूसरे किनारे में चारों भाई राम, लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न एवं उनकी पत्नियों की मूर्तियां हैं।
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