बच्चों को Sex Education देना है जरूरी, एक्सर्ट से जानें क्या रखें ध्यान और कैसे करें शुरुआत
How To talk To Kids About Sex: बढ़ते बच्चों के मन में अपने शरीर को लेकर कई सवाल होते हैं। वह अपनी जिज्ञासा शांत करने के लिए इंटरनेट ने कुछ गलत जानकारी लें, बेहतर होगा कि उन्हें आप खुद बता दें।
बच्चों से सेक्स के बारे में बात करना जरूरी है, शुरुआत कैसी की जाए यह थोड़ा मुश्किल हो सकता है पर इम्पॉर्टेंट है। हाल ही में नुसरत भरूचा ने फिल्म जनहित में जारी फिल्म के इंटरव्यू में बताया कि कॉन्डम के बारे में उन्हें स्कूल में बताया गया। इसके अलावा उनके पेरेंट्स ने भी घर पर सेक्स एजुकेशन दी जिसके लिए वह खुद को लकी मानती हैं। बच्चे जब युवावस्था की ओर बढ़ते हैं तो उनके पेरेंट्स को उन्हें जरूर गाइड करना चाहिए। बच्चों से सेक्स पर बात कैसे करें और किन बातों का ध्यान रखें, इस बारे में आप मोटिवेशनल स्पीकर और ऑथर देवीना कौर के ये टिप्स फॉलो कर सकते हैं।
बॉडी पार्ट्स के नाम ऐसे लें
देवीना बताती हैं, बढ़ते बच्चों के शरीर में बदलाव हो रहे होते हैं। उन्हें इन बदलावों को स्वीकार करने के लिए एनकरेज कीजिए। फेशियल हेयर या प्यूबिक हेयर को लेकर वे असहज हो सकते हैं। इसी उम्र में बच्चों को इनसिक्योरिटी और कई तरह के डाउट्स होते हैं। बच्चों की चिंताओं को समझें। इन पर बात करें और उन्हें बताएं कि अगर वह थोड़े असहज हैं तो यह एकदम नॉर्मल है। बॉडी पार्ट्स के मेडिकल नामों के साथ उनसे बात करें और उन्हें भी ऐसा ही करने को बोलें। बच्चों को सेफ और अनसेफ टच के बारे में काफी पहले ही गाइड करना शुरू कर दें। उन्हें सीमाएं बता दें। जैसे जहां से पैंट्स पहनते हैं वहां से नीचे तक किसी का छूना या किसी को टच करना गलत है। कोई ऐसा करे तो मना करें और घर पर बताएं। ये भी पढ़ें: स्मार्टफोन का इस्तेमाल करता है आपका बच्चा, तो आपको पता होने चाहिए ये सेफ्टी टूल्स
घर पर खुलेपन से बढ़ेगा कॉन्फिडेंस
बच्चों को सेक्स पॉजिटिव माहौल में बड़ा करें। उन्हें अहसास करवाएं कि उनके मन में सेक्स से जुड़े जो सवाल आ रहे हैं उन पर बात करना गलत नहीं है। देवीना बताती हैं, अगर उन्हें सही सपोर्ट, जानकारी और खुलापन मिलेगा तो इससे उनका कॉन्फिडेंस बढ़ेगा साथ ही नॉलेज की कमी में किसी गलत चीज में नहीं फंसेंगे। सेक्स पर बात करना गलत समझा जाता है। सबसे पहले आपको खुद इस सोच से बाहर निकालना पड़ेगा।
न करें जबरदस्ती
इस बात का ध्यान रखें कि बच्चे अपने हिसाब से सीखते हैं। वे किसी टॉपिक पर बात नहीं करना चाहते तो उनसे जबरदस्ती न करें। उन्हें साइंस-बेस्ड जानकारी देने से शुरुआत करें। कई घरों में लोग अपने पुराने बुरे अनुभवों की वजह से सेक्शुअल नीड्स या पार्ट्स के बारे में सहज नहीं होते। ऐसे में सहज रहें और ऐसा माहौल खोजें जहां दोनों कम्फर्टेबल हों।
ले सकते हैं प्रोफेशनल हेल्प
जब आपके बच्चे प्यूबर्टी स्टेज में पहुंचते हैं तो कई सारे हॉर्मोनलल बदलाव हो रहे होते हैं। उन्हें कई सारे कन्फ्यूजंस होते हैं और इंटरनेट से गलत चीजों तक पहुंच सकते हैं। पेरेंट्स के तौर पर हम अपने बच्चों का बेस्ट चाहते हैं तो बेहतर होगा कि आप खुद बात करें। बच्चा तैयार न हो या आप सहज न हों तो प्रोफेशनल की हेल्प लें।
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