रोजाना के रूटीन में इन 4 बातों को रखें ख्याल, हेल्थ और ब्यूटी रहेगी मेंटेन
हेल्दी रहने के लिए आपको कुछ बातों को ख्याल में रखना चाहिए। यहां 4 ऐसी बातों के बारे में बता रहे हैं जो आपको रोजाना के रूटीन में शामिल करनी चाहिए। देखिए हेल्थ से ब्यूटी तक को मेंटेन करने के टिप्स।
फिट एंड फाइन रहने के लिए आपको कुछ बातोंं का ध्यान रोजाना के रूटीन में रखना चाहिए। अगर आप चाहती हैं कि आपकी स्किन से लेकर बॉडी एकदम परफेक्ट बनी रहे तो आपको कुछ बातों को ध्यान में रखना चाहिए। यहां देखिए 4 ऐसी टिप्स जो फिट रहने में आपकी मदद कर सकती हैं।
आप तो नहीं कर रहीं यह गलती?
इस बात से आप वाकिफ होंगी कि हर दिन सात से आठ घंटे की नींद नहीं लेने से शरीर पर कई नकारात्मक प्रभाव पड़ते हैं। कम नींद का शरीर पर पड़ने वाले प्रभावों के बारे में हाल ही में यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ लंदन द्वारा किए गए अध्ययन में एक नई बात सामने आई है। इस जेनेटिक अध्यययन के मुताबिक नियमित रूप से पांच घंटे से कम की नींद आपको अवसाद के लक्षणों का शिकार बना सकती है। इससे पहले कम नींद का मानसिक सेहत पर असर जगजाहिर था, पर यह अवसाद का आपको आसान शिकार बना सकती है, यह साबित नहीं हुई थी। औसतन 65 आयु वर्ग के 7,146 लोगों से एकत्रित आंकड़ों पर किए गए इस अध्ययन की रिपोर्ट ट्रांसलेशनल साइकैट्री नाम की पत्रिका में प्रकाशित हुई है।
हेयर स्टाइलिंग करो, पर संभलकर
अपने बालों की तरह-तरह से स्टाइलिंग करना हम सबको भाता है। इस क्रम में हम तरह-तरह के अप्लाइंसेज और प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल भी धड़ल्ले से करते हैं। पर, हाल ही में हुए एक अध्ययन के मुताबिक अमेरिकी घरों में खासकर बच्चों को होने वाली बर्न इंज्युरी के लिए सबसे ज्यादा जिम्मेदार एलेक्ट्रिक हेयर स्टाइलिंग अप्लाइंसेज ही होते हैं। इस अध्ययन के मुताबिक 2013 से 2022 के बीच सिर्फ हेयर स्टाइलिंग अप्लाइंसेज से वहां 30, 839 त्वचा जलने के मामले दर्ज हुए हैं। कर्लिंग आयरन और हेयर कल्र्स की वजह से इसमें से 97.4 प्रतिशत मामले दर्ज हुए हैं।
याददाश्त मजबूत रखेगी यह डाइट
जो महिलाएं 30 वर्ष की आयु के बाद रक्तचाप को संतुलित रखने वाली डाइट लेती हैं, उन्हें वृद्धावस्था में याददाश्त से जुड़ी परेशानियां होने का खतरा कम होता है। इस अध्ययन के मुताबिक पोटैशियम, कैल्शियम व मैग्नीशियम से भरपूर वनस्पति आधारित खाद्य पदार्थों को डाइट में शामिल करने और संतृप्त वसा, कोलेस्ट्रॉल, सोडियम और शुगर आदि से दूर रहने से यह लाभ होता है। 5,116 महिलाओं से इकट्ठा किए गए आंकड़ों के आधार पह यह निष्कर्ष निकाला गया है। अध्ययन की रिपोर्ट अल्जाइमर एंड डिमेंशिया नाम की पत्रिका में प्रकाशित हुई है।
अवसाद पर विक्रम योग का वार
ध्यान, व्यायाम, योगासन और संतुलित जीवनशैली आदि को अवसाद से निपटने में कारगर माना जाता है। अब अवसाद के शिकार लोगों पर किए गए क्लीनिकल ट्रायल में पाया गया है कि अपेक्षाकृत ज्यादा तापमान वाले कमरे में (विक्रम योग) योगसन करने से इसके लक्षणों पर काबू पाने में मदद मिलती है। जर्नल ऑफ क्लीनिकल साइकैट्री नाम की पत्रिका में प्रकाशित इस रिपोर्ट के मुताबिक अवसाद के उपचार में योग का यह प्रकार प्रभावी साबित हो सकता है। अध्ययन में पाया गया कि विक्रम योग करने वाले 59.3 प्रतिशत लोगों में अवसाद के लक्षणों में 50 प्रतिशत की कमी आई।
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