Parenting Tips: बच्चे का शर्मीलापन कहीं बन ना जाए उसके पीछे रहने की वजह, मां-बाप जरूर रखें इन बातों का ध्यान
अगर आपका बच्चा भी शर्मीले स्वभाव का है और दूसरों के आगे खुद को ठीक से नहीं रख पाता है, तो ऐसे में मां-बाप की जिम्मेदारी बनती है कि उसके आत्मविश्वास को बढ़ाएं। चलिए जानते हैं इस स्थिति में कैसी परवरिश की जाए।
अक्सर पेरेंट्स की यह शिकायत होती है कि उनका बच्चा बहुत ही शर्मीले स्वभाव का है, जिसकी वजह से उसमें काबिलियत होने के बावजूद वो अपने आप को दूसरों के सामने ठीक से नहीं रख पाता। दरअसल इंट्रोवर्ट नेचर वाले बच्चे कई बार कैपेबिलिटी होने के बावजूद कई चीजों में पीछे रह जाते हैं और अपनी काबिलियत का पूरा फायदा नहीं उठा पाते। वहीं जो बच्चे खुले स्वभाव के होते हैं वो कम जानकारी होने के बावजूद भी सबके सामने खुद को इस ढंग से रखते हैं कि लोग उन्हें पसंद करने लगते हैं। ऐसे में पेरेंट्स का बच्चे के शर्मीले स्वभाव को लेकर चिंता करना लाजमी है। अगर आप भी अपने बच्चे के शर्मीलेपन से परेशान हैं तो यहां दी गई टिप्स अपना सकते हैं। इनकी मदद से आप अपने बच्चे को उसके इंट्रोवर्ट नेचर से बाहर निकालकर, कॉन्फिडेंस के साथ आगे बढ़ाने के लिए मोटिवेट कर पाएंगे।
उसके शर्मीले स्वभाव का ना करें बार-बार जिक्र
अगर आपका बच्चा इंट्रोवर्ट नेचर का है तो बार-बार इस बात का जिक्र करने से बचें। कई बार जब पेरेंट्स बार-बार सबके सामने अपने बच्चे के शर्मीले स्वभाव का जिक्र करते रहते हैं,तो धीरे-धीरे बच्चों के दिमाग में भी यह बात घर करने लगती है। ऐसी सिचुएशन में अक्सर बच्चें और भी दब्बू बनने लगते हैं और अपने इस नेचर से उबर नहीं पाते। ऐसे में पेरेंट्स को चाहिए कि वो अपने बच्चे को दूसरों के सामने अपनी बात रखने के लिए मोटिवेट करें ना कि उसके इंट्रोवर्ट नेचर की बात कर के बात को खत्म करने का प्रयास करें।
यूं सिखाएं सोशल स्किल्स
कई बार बच्चे इसलिए भी इंट्रोवर्ट नेचर के बनने लगते हैं क्योंकि उन्हें समझ नहीं आता है कि दूसरों से बातचीत कैसे शुरू की जाए। ऐसे में बच्चे को सोशल स्किल्स सिखाना बहुत जरूरी है। बच्चों को दूसरों के सामने बातचीत कैसे करनी चाहिए, अपनी बातों को किस तरह से रिप्रेजेंट करना चाहिए; ये सब छोटी-छोटी बातें समझाकर आप अपने बच्चों के आत्मविश्वास को बढ़ा सकते हैं। इसके अलावा दूसरों के सामने अपने बच्चों को कभी भी ना डांटे। अगर उससे कोई गलती भी हो जाए तब भी उसे सबके सामने डांटने के बजाय प्यार से समझने की कोशिश करें। इन सब छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखकर आप अपने बच्चे के मनोबल को गिरने से बचा सकते हैं।
हमेशा दिखाएं पॉजिटिव एटिट्यूड
अगर आपका बच्चा इंट्रोवर्ट नेचर का है तो इस बात का हमेशा ध्यान रखें कि कभी भी पब्लिकली उसके लिए कुछ भी गलत ना बोलें। ऐसा करने से उसका कॉन्फिडेंस लेवल और भी नीचे गिरने लगेगा और वो अपने इंट्रोवर्ट नेचर से कभी बाहर नहीं निकल पाएगा। दूसरों के सामने कभी भी किसी काम को लेकर उसे डिमोटिवेट ना करें और ये भी ना बोलें कि उससे ये काम नहीं हो पाएगा।
छोटी-छोटी अचीवमेंट को करें सेलिब्रेट
बच्चे को इंट्रोवर्ट नेचर से बाहर निकालने के लिए उसके कॉन्फिडेंस लेवल को बढ़ाना बहुत जरूरी है। इसके लिए आप उसकी छोटी से छोटी अचीवमेंट को अच्छे से सेलिब्रेट करें। अगर उसकी थोड़ी सी सफलता को आप अच्छे से इंजॉय करेंगे और उसकी तारीफ करेंगे, तो इससे उसका कॉन्फिडेंस लेवल बढ़ेगा और उसमें आत्मविश्वास आएगा।
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