Parenting Tips: स्कूल जाता है आपका बच्चा तो ऐसा रखें उसका टाइम टेबल, पढ़ाई हो या खेलकूद हर चीज में रहेगा आगे
बच्चों की हॉलिस्टिक ग्रोथ के लिए उनका डेली टाइम टेबल होना बहुत जरूरी है। इसमें सिर्फ पढ़ाई ही नहीं बल्कि खेलकूद के लिए भी समय होना चाहिए। चलिए जानते हैं बच्चों के लिए परफेक्ट रूटीन बनाते हुए किन बातों का ध्यान रखें।
हर पेरेंट्स का सपना होता है कि उनका बच्चा सबसे आगे रहे। खेलकूद से लेकर पढ़ाई-लिखाई तक हर चीज में उनका बच्चा बिल्कुल परफेक्ट हो। लेकिन सिर्फ सोचना काफी नहीं है, बच्चों के साथ मिलकर एफर्ट करना और उन्हें सही गाइडेंस देना भी बेहद जरूरी है। ऐसे में अगर आप अपने बच्चे की हॉलिस्टिक प्रोग्रेस चाहते हैं तो उनके साथ मिलकर एक टाइम टेबल जरूर बनाएं। टाइम टेबल में उनके सुबह उठने से ले कर रात में सोने तक का रूटीन सेट होना चाहिए। जिससे बच्चों को उनकी दिनचर्या में पढ़ाई और खेलकूद, सबके लिए प्रॉपर टाइम मिल सके और उनकी हॉलिस्टिक ग्रोथ हो सके। हालांकि परफेक्ट टाइम टेबल बनाते हुए कुछ बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है। आइए जानते हैं -
एकेडमिक ईयर को ध्यान में रखकर बनाएं टाइम टेबल
अगर आप चाहते हैं कि आपके बच्चे पर एग्जाम टाइम में एक्स्ट्रा लोड ना आए और वो पैनिक ना हो, तो उसका टाइम टेबल उसके एकेडमिक ईयर को ध्यान में रखते हुए तैयार करें। पिछले साल के रिपोर्ट कार्ड को देखकर बच्चे के वीक और स्ट्रांग सब्जेक्ट के बारे में जानें और फिर इसको ध्यान में रखते हुए ही हर सब्जेट के लिए टाइम टेबल में स्टडी टाइम अलॉट करें।
हर काम के लिए हो टाइम टेबल में जगह
बच्चों का टाइम टेबल इस प्रकार से तैयार करें कि उसमें हर चीज को शामिल किया जा सके। पढ़ाई-लिखाई, खेल-कूद के साथ-साथ टीवी और फोन चलाने का टाइम भी टाइम टेबल में डिसाइड हो। इसके साथ ही टाइम टेबल में बच्चे की हॉबीज के लिए भी टाइम अलॉट करें। इसके अलावा एकेडमिक ईयर में बच्चे को जिन सब्जेक्ट्स को पढ़ना है, उसके सिलेबस के अकॉर्डिंग स्टडी टाइम अलॉट करें। आप चाहें तो इसके लिए बच्चे के स्कूल के टाइम टेबल की भी हेल्प ले सकते हैं।
स्कूल से आने के बाद दें फ्री टाइम
आपका बच्चा स्कूल से जितने बजे भी आता है, उसके बाद से आधे घंटे का समय उसके लिए फ्री रखें। इसमें उसे टीवी या मोबाइल को हाथ ना लगाने दें। दरअसल बच्चा जब स्कूल से थककर घर आता है तो उसे थोड़ी देर के लिए रेस्ट करना जरूरी है। रेस्ट करने के बाद जब वो पढ़ाई के लिए बैठेगा तो फ्रेश मन से पढ़ाई कर सकेगा। इसके अलावा बच्चों का टाइम टेबल इस तरह से डिसाइड करें कि स्कूल और ट्यूशन से मिलने वाले होमवर्क को वह दिन में ही निपटा सके। जिससे अगर कभी रात में किसी वजह से पढ़ने ना बैठ पाए तो होमवर्क वगेरह की टेंशन ना रहे।
छुट्टी वाले दिन का रूटीन हो अलग
हफ्ते भर की भाग दौड़ के बाद छुट्टी वाले दिन बच्चों को भी थोड़ा रेस्ट चाहिए होता है इसलिए छुट्टी वाले दिन डेली रूटीन को फॉलो करना थोड़ा मुश्किल हो जाता है। ऐसे में छुट्टी वाले दिन बच्चों की पढ़ाई स्किप ना हो सके इसके लिए आप इस दिन का अलग टाइम टेबल तैयार कर सकती है। इस हॉलिडे स्पेशल टाइम टेबल में खेलकूद और मस्ती के साथ थोड़ा समय स्टडी के लिए डिसाइड कर सकती हैं।
बीच-बीच में करते रहें चेक
एक बार टाइम टेबल तैयार करने के बाद निश्चिंत ना हो जाएं बल्कि बीच-बीच में टाइम टेबल को चेक भी करते रहें। ऐसा जरूरी नहीं है कि एकेडमिक ईयर की शुरुआत में बनाया गया टाइम टेबल पूरे साल के लिए परफेक्ट ही हो। ऐसे में बीच-बीच में इसे चेक करते रहें और बच्चे से भी इसके बारे में डिस्कस करते रहें। जरूरत पड़ने पर टाइम टेबल में बदलाव करना जरूरी है।
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