अपने 12 साल के बच्चे से जरूर कराएं ये 5 काम, भविष्य में सफलता के लिए हैं बहुत जरूरी
अगर आपके बच्चे की उम्र 12 साल या उससे ज्यादा है तो आप उसे कुछ छोटे-मोटे काम और जिम्मेदारियां सौंप सकते हैं। इससे बच्चों का कॉन्फिडेंस भी बढ़ेगा और वो कई तरह की सोशल स्किल भी सीखेंगे।

बच्चा बड़ा हो कर जिम्मेदार और आत्मनिर्भर इंसान बने, इसके लिए पढ़ाई-लिखाई के साथ-साथ उसे घर के कुछ काम सिखाना भी जरूरी है। बच्चों की उम्र के हिसाब से अगर उन्हें थोड़ी-थोड़ी जिम्मेदारियां सौंपी जाएं तो धीरे-धीरे वो खुद की और परिवार की जिम्मेदारियों को समझने लगते हैं और इससे उनकी सोशल स्किल्स भी मजबूत होती हैं। यही वजह है कि बच्चों के संपूर्ण विकास के लिए उसके डेली रूटीन को इस प्रकार सेट करना चाहिए जिसमें पढ़ाई-लिखाई, खेलकूद के साथ-साथ घर के छोटे-मोटे कामों को इंवॉल्व किया जा सके। खासतौर से अगर आपके बच्चे की उम्र 12 साल या उससे ऊपर है, तो ये सही समय है जब आप उसे कुछ काम और जिम्मेदारियां सौंपे। यहां कुछ ऐसे काम बताए गए हैं, जो 12 साल की उम्र के बच्चे के लिए बिल्कुल ठीक रहेंगे और उसे एक आत्मनिर्भर और कॉन्फिडेंट इंसान बनने में मदद करेंगे।
अपना काम खुद करने के लिए करें मोटिवेट
अगर आप अपने बच्चों को आत्मनिर्भर बनाना चाहते हैं तो आपका सबसे पहला कदम यह होना चाहिए कि उन्हें अपना काम खुद करने के लिए मोटिवेट करें। स्कूल का होमवर्क करना हो या स्कूल से जुड़े छोटे-मोटे डिसीजन लेना, इन सभी कामों को उन्हें स्वयं करने के लिए मोटिवेट करें। इससे बच्चे का आत्मविश्वास बढ़ेगा और वो डिसीजन मेकिंग भी सीखेगें। हालांकि जब बच्चा अपना काम खुद कर रहा हो तब आप उस पर अपनी नजर बनाकर जरूर रखें, जिससे जरूरत पड़ने पर आप उसे गाइड कर सकें।
अपने रूम की सफाई उन्हें खुद करने दें
ज्यादातर घरों में माएं बच्चों के रूम की साफ-सफाई का काम खुद ही कर लेती हैं। लेकिन अगर आपका बच्चा 12 साल का हो गया है, तो आप उसे अपना कमरा खुद साफ करने के लिए कह सकती हैं। इसके अलावा बच्चों को कमरे में हर चीज सही जगह पर रखने की भी हिदायत दें। जब आप छोटी उम्र से ही साफ-सफाई का काम बच्चे से करवाएंगी, तो आपके बच्चे के अंदर व्यवस्थित रहने की आदत डेवलप होगी। साथ ही वो अपने छोटे-मोटे कामों के लिए दूसरों पर निर्भर नहीं रहेंगे।
कपड़ों की देखभाल की जिम्मेदारी सौंपे
बच्चों की उम्र यदि 12 साल से ऊपर हो गई है तो उन्हें उनके कपड़ों की देखभाल और रखरखाव की जिम्मेदारी सौंपे। कपड़ों की साफ-सफाई हो या प्रेस करना हो इन सबकी जिम्मेदारी उठाने के लिए उन्हें प्रोत्साहित करें। इससे बच्चों को बेसिक स्किल्स भी आएंगी, वो आत्मनिर्भर भी बनेंगे और कहीं ना कहीं उनके अंदर घर के कामों को ले कर एक हीन भावना या किसी तरह का भेदभाव नहीं रहेगा।
सिखाएं किचन का काम
बेटा हो या बेटी, हर बच्चे को किचन का काम आना जरूरी है। खाना हमारी बेसिक जरूरत है और इसके लिए हमेशा दूसरों पर डिपेंडेंट होना बिल्कुल भी ठीक नहीं है। कभी पढ़ाई या नौकरी के लिए बच्चों को आपसे दूर रहना पड़े या मजबूरी में खाना बनाना पड़े, तो उसके लिए उसे बचपन से ही तैयार करना जरूरी है। 12 साल की उम्र में बच्चा इतना समझदार हो जाता है कि उसे किचन का छोटा-मोटा काम सिखाया जा सके। ऐसे में आप उसे बेसिक किचन के काम सिखा सकती हैं।
मंगवाए घर का छोटा-मोटा सामान
अगर आप अपने बच्चों के अंदर मनी मैनेजमेंट की स्किल डेवलप करना चाहती हैं, तो छोटी उम्र से ही उन्हें ग्रॉसरी शॉपिंग में इन्वॉल्व करें। इसके लिए आप अपने बच्चों से घर के छोटे-मोटे सामान की खरीदारी करा सकती हैं या घर के खर्चों का हिसाब लगाने के लिए कह सकते हैं। इन सब चीजों से ना सिर्फ बच्चे पैसे का मैनेजमेंट सीखेंगे बल्कि बाहरी दुनिया से उनकी झिझक भी खत्म होगी
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