छह साल से कम है बच्चे की उम्र, तो मां-बाप भूलकर भी ना करें उसके सामने ये 5 बातें
अगर आपके बच्चे की उम्र 6 साल से कम है, तो ये उम्र का वो पड़ाव है जब वो आस-पास की चीजें देखकर काफी कुछ सीख-समझ रहा होता है। ऐसे में उनकी परवरिश अच्छी हो इसलिए मां-बाप को कभी भी ये 5 बातें उनके सामने नहीं बोलनी चाहिए।
कहते हैं कि छोटे बच्चे कच्ची मिट्टी की तरह होते हैं, उन्हें जिस सांचे में ढाल दो उसी में ढल जाते हैं। खासतौर से छह साल तक बच्चों की वो नाजुक उम्र होती है जब उनका मानसिक विकास तेजी से हो रहा होता है। उनका दिमाग बहुत सी नई चीजें, नया व्यवहार देख-समझ रहा होता। बच्चों को हर बात बोलकर या समझकर सीखाने की जरूरत नहीं पड़ती बल्कि अधिकतर बातें वे अपने आसपास का माहौल देखकर ही सीख जाते हैं। आस-पास के माहौल का उनपर काफी गहरा असर होने लगता है। ऐसे में मां बाप को उनकी परवरिश का ध्यान रखना बहुत जरूरी है। आज हम आपको कुछ ऐसी बातें बताने वाले हैं जो पैरेंट्स को अपने 6 साल से कम उम्र के बच्चों के सामने नहीं करनी चाहिए। ये बातें उनके दिमाग पर बुरा असर डाल सकती हैं।
बच्चों के सामने ना करें फाइनेंशियल स्ट्रगल और इनकम की बातें
बच्चों के सामने कभी भी अपने फाइनेंशियल स्ट्रगल और इनकम की बातें नहीं करनी चाहिए। कई बार मां-बाप को लगता है कि उनका बच्चा अभी छोटा है और शायद इन बातों को वो अभी समझता नहीं है। हालांकि बच्चे का छोटा दिमाग भले की पूरी बात ना समझता हो लेकिन इतना तो समझता ही है कि उसके पैरेंट्स परेशानी में हैं और उनके पास पैसों की कमी है। इसके चलते कई बार वो बहुत कुछ सोच लेता है और कहीं ना कहीं एक अनवांटेड स्ट्रेस का शिकार हो जाता है।
आपस में एक दूसरे पर चिल्लाने से बचें
घर में एक साथ रहने पर कपल्स का आपस में थोड़ा बहुत झगड़ना नॉर्मल है लेकिन जब आप एक पेरेंट बन जाते हैं, तो आपको जिम्मेदारी से बिहेव करना चाहिए। थोड़ी बहुत बहस ठीक है लेकिन आपस में तेज आवाज में चिल्लाना और एक दूसरे को भला-बुरा कहना, आपके बच्चे की मेंटल हेल्थ पर नेगेटिव इंपैक्ट डाल सकता है। चीजों को आराम से भी सुलझाया जा सकता है। याद रहे आपका बच्चा आपको देखकर ही सब सीख रहा है, कल को वो भी आपके इसी बिहेवियर को कॉपी भी कर सकता है।
ना करें गंभीर अपराध और काल्पनिक भूत-प्रेतों से जुड़ी बातें
आय दिन अखबार या टीवी में कोई ऐसी घटना सुनने को मिल ही जाती है जो दिल दहलाने वाली होती है। ऐसी शॉकिंग घटनाओं का घर में जिक्र होना स्वाभाविक है लेकिन अगर आपके घर में छोटे बच्चे हैं तो आपको ऐसी बातें करने से बचना चाहिए। इसके अलावा मजे के लिए बच्चों को काल्पनिक भूत-प्रेत, लंबे बालों वाली चुड़ैल और झोली वाले बाबा से डराना बंद करें। ये सभी चीजें बच्चे के मन में एक डर पैदा करती हैं जो उसके मानसिक स्वास्थ्य पर भी बुरा असर डाल सकता है।
स्कूल और पढ़ाई के बारे में ना बोले नेगेटिव
कई बार पैरेंट्स मजाक-मजाक में भी बच्चे के स्कूल और टीचर के बारे में भला-बुरा बोल देते हैं। कई बार आपस में चर्चा करते हुए पढ़ाई तक की बुराई कर डालते हैं। ये शायद आपको नॉर्मल लगे लेकिन अगर बार-बार ऐसा किया जाता है तो बच्चा भी अपने मन में इनके प्रति एक नेगेटिव धारणा बना लेता है। पढ़ाई के प्रति अगर आप लापवाही वाला रवैया शो करते हैं तो बच्चा भी ठीक उसी की कॉपी करता है। ऐसे में हमेशा बच्चे के सामने उसके स्कूल, टीचर और पढ़ाई को पूरा-पूरा सम्मान दें ताकि वो भी उन्हें उतनी ही रिस्पेक्ट दे।
बच्चे के सामने ना करें लोगों की चुगली और बुराई
बच्चे आधे से ज्यादा चीजें अपने पैरेंट्स को देखकर सीखते हैं। बाकी लोगों के प्रति आपका कैसा बिहेवियर है, इसे भी बच्चे बड़ी बारीकी से नोटिस करते हैं। अगर आप हमेशा लोगों की बुराई करते रहते हैं या उनके बारे में नेगेटिव ही बोलते रहते हैं तो कहीं ना कहीं बच्चा भी इसी बिहेवियर को कॉपी करने लगता है। उसके दिमाग में यह बात बैठ जाती है कि ऐसा करना बहुत नॉर्मल है और वो लोगों के बारे में गलत बोल सकता है। ऐसे में किसी के बारे में कुछ गलत बोलना हो तो कम से कम बच्चे के सामने तो ना ही बोलें।
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