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Parenting Tips: रामायण से सिखाएं अपने बच्चों को ये 5 जरूरी बातें, जीवन में सफल होने के साथ बनेंगे अच्छे इंसान भी

रामायण सिर्फ एक धार्मिक ग्रंथ ही नहीं है बल्कि जीवन जीने के कई सूत्र भी सिखाता है। अपने बच्चों की सही परवरिश के लिए उन्हें आप रामायण की कुछ बातें जरूर सिखाएं ताकि भविष्य में वो सफल और संस्कारी दोनों बनें।

Anmol Chauhan लाइव हिन्दुस्तानWed, 9 Oct 2024 01:16 PM
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हिंदू धर्म का पवित्र ग्रंथ रामायण सिर्फ एक महाकाव्य नहीं है, बल्कि इसमें जीवन को सही तरीके से जीने के लिए कई महत्वपूर्ण बातें बताई गई हैं। इस महाकाव्य में जीवन को लेकर कई जरूरी बातें सिखाई गई हैं। रामायण ग्रंथ के हर किरदार के जीवन से कुछ ना कुछ सीख ली जा सकती है। फिर चाहे वो स्वयं श्री राम हों या मां सीता, भरत हों या लक्ष्मण, हनुमान हों या फिर सुग्रीव, सबके चरित्र की कुछ खास विशेषताएं हैं जिनके जीवन से सीख ले कर एक आदर्श जीवन जिया जा सकता है । हर पेरेंट्स अपने बच्चों को अच्छी परवरिश देने के लिए, रामायण से कुछ जरूरी बातें सिखा सकते हैं। चलिए इन्हीं बातों के बारे में जानते हैं।

रामायण से सिखाएं डिसिप्लिन में रहना

रामायण महाकाव्य, मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम के जीवन से जुड़ा हुआ है। श्री राम जी ने अपने पूरे जीवन में डिसिप्लिन का पालन किया। अपने सभी दायित्वों को कठोर अनुशासन में रहकर पूरा किया। पेरेंट्स अपने बच्चों को राम जी के जीवन से डिसिप्लिन का पाठ पढ़ा सकते हैं। डिसिप्लिन में रहकर ही बच्चे अपने जीवन के बड़े लक्ष्यों को हासिल कर पाएंगे।

सत्यता का पाठ

राम जी अपने जीवन में सदा सच्चाई के मार्ग पर चले और सदैव अपने धर्म का पालन किया। रामायण में राम जी के चरित्र से मिली सच्चाई और धर्म के मार्ग पर चलने की सीख, हर पेरेंट्स को अपने बच्चों को जरूर देनी चाहिए। सच्चाई के मार्ग पर चलने से, जीवन के कई रास्ते बहुत आसान हो जाते हैं जबकि झूठ का सहारा ज्यादा दिनों तक साथ नहीं देता।

पेशेंस है जरूरी

रामायण से हमें पेशेंस रखने की भी सीख मिलती है। श्री राम और सीता जी ने अपने पूरे जीवन में धैर्य से काम लिया। तभी श्री राम मर्यादा पुरुषोत्तम कहलाए और सीता जी आदर्श नारी बनीं। माता-पिता को अपने बच्चों को भी पेशेंस से रहने की सीख देनी चाहिए। पेशेंस रखने पर, बच्चे कठिन से कठिन परिस्थितियों का सामना करने के लिए तैयार रहते हैं। पेशेंस बच्चों को मेंटली स्ट्रॉन्ग बनाता है।

सिखाएं आदर और सम्मान

राम जी अपने गुरु, माता- पिता के साथ साथ अपने हर रिश्ते का बहुत ही सम्मान करते थे। माता-पिता के आदेश को वो सबसे पहले रखते थे। गुरु के प्रति भी उनकी हमेशा डेडीकेशन की भावना ही रहती थी। राम जी के जीवन से पेरेंट्स आदर और सम्मान की भावना भी, अपने बच्चों को सिखा सकते हैं, जो उनके जीवन में आगे बहुत काम आएगी।

सही चीजों के लिए सेक्रिफाइज करना

राम जी ने अपने पिता के आदेश पर अपने राज्य को सेक्रिफाइज कर दिया तो वहीं पत्नी धर्म निभाने के लिए सीता मां ने भी अपनी सुख सुविधाओं को छोड़ दिया। भाई का फर्ज निभाने के लिए लक्ष्मण जी ने भी अपना सुख छोड़ा और भरत जी ने, राम जी के सम्मान में पास आए राज्य को ठुकरा दिया। इन सभी के जीवन से सेक्रिफाइज करने की सीख पेरेंट्स को अपने बच्चों को जरूर देनी चाहिए।

(Image credit: Instagram)

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