Chanakya Tips: आचार्य चाणक्य ने बताया, मां-बाप जरूर रखें इन 5 बातों का ध्यान, जीवन में हमेशा कामयाब होगा बच्चा
Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य ने अपनी नीतियों में जीवन के हर पहलू के बारे में बताया है। उन्होंने सही परवरिश कैसी हो उसपर भी काफी चीजें कही हैं। तो चलिए आज उसी के बारे में बात करते हैं:
हर पेरेंट्स की ये चाहत होती है कि उनका बच्चा बड़ा होकर एक सक्सेसफुल इंसान बनें। इसके लिए पेरेंट्स बचपन से ही नींव रखना शुरू कर देते हैं। बच्चों को बेहतर से बेहतर एजुकेशन देने में कोई कसर नहीं छोड़ते। लेकिन बच्चे को सक्सेसफुल इंसान बनाने के लिए, उसे सिर्फ अच्छे स्कूल में डाल देना ही काफी नहीं है क्योंकि स्कूल में सिर्फ एजुकेशन मिलेगी और सक्सेसफुल इंसान बनने के लिए सिर्फ एजुकेशन ही काफी नहीं है। इसके लिए और भी बहुत सी चीजों की जरूरत होती है। महान विद्वान आचार्य चाणक्य ने अपनी नीति में बच्चों को सफल इंसान बनाने के लिए कुछ खास बाते बताई हैं। तो चलिए जानते हैं आचार्य चाणक्य के अनुसार बच्चे को सफल इंसान बनाने के लिए उनकी परवरिश कैसे करनी चाहिए।
बच्चे को दें भरपूर प्यार
चाणक्य के अनुसार बच्चों की परवरिश हमेशा भरपूर प्यार और केयर के साथ की जानी चाहिए। घर में बच्चों को ऐसा माहौल देना चाहिए कि हमेशा वो खुद को सुरक्षित महसूस कर सकें और उन्हें इस बात का एहसास हो कि उनके माता-पिता उनसे कितना प्यार करते हैं। प्यार और केयर के माहौल में जब बच्चों की परवरिश की जाती है तब बच्चे बिना किसी से डरे खुलकर अपना जीवन जीते हैं और ऐसे बच्चे अपने जीवन में आगे जरूर बढ़ते हैं।
सिखाएं सबका सम्मान करना
चाणक्य नीति के अनुसार बच्चों को हमेशा सबका आदर करने की सीख देनी चाहिए। बच्चों को गुरु, माता-पिता, बड़े के साथ-साथ, खुद से छोटी उम्र के और कमजोर लोगों का भी सम्मान करना सिखाना चाहिए। जो लोग दूसरों का सम्मान करते हैं, उन्हें भी हर जगह सम्मान ही मिलता है और ऐसे ही लोगों के व्यक्तित्व की प्रशंसा होती है। इसलिए बच्चों को बचपन से ही लोगों का सम्मान करने की सीख देनी चाहिए।
समझाएं सही और गलत का फर्क
चाणक्य के अनुसार बच्चों को बचपन से ही सही-गलत, धर्म और अधर्म की सीख देनी चाहिए। बचपन से ही जब बच्चों को नैतिकता का पाठ पढ़ाया जाता है, तो ऐसे बच्चे आगे चलकर उत्तम चरित्र वाले इंसान बनते हैं और अपने घर, परिवार और माता-पिता का नाम रोशन करते हैं।
बच्चों को बनाएं आज्ञाकारी
चाणक्य नीति के अनुसार बच्चों को सक्सेसफुल इंसान बनाने के लिए, उन्हें बचपन से ही आज्ञाकारी बनना सिखाएं। मां-बाप का कर्तव्य होता है कि वो बच्चों को इस बात की सीख दें कि वह अपने से बड़े की बात का मान रखें और उनकी आज्ञा का पालन करें। लेकिन इसके साथ ही बच्चों को सही और गलत की भी सीख देना जरूरी है। बड़ों की गलत बात में भी हां में हां मिलाने की सीख बच्चों को कतई ना दें। किसी भी गलत बात के लिए ना कहना भी आना जरूरी है।
नया सीखने के लिए करें प्रोत्साहित
एक सक्सेसफुल इंसान बनने के लिए नया सीखने की ललक होना बहुत जरूरी है। बच्चे जब बड़े हो रहे होते हैं, तब उनके मन में कई सवाल होते हैं। वे अपने माता-पिता से हर चीज से जुड़े सवाल करते रहते हैं। इस सिचुएशन में माता-पिता को बच्चों के सवाल का धैर्यता के साथ जवाब देना चाहिए और उन्हें सवाल पूछने के लिए उत्साहित करना चाहिए। ऐसा करने से बच्चों में हमेशा कुछ नया सीखने के लिए उत्साह बना रहेगा।
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