Hindi Newsलाइफस्टाइल न्यूज़जीवन मंत्रMeenakshi Menon changed the trend made the second innings of her life wonderful in this way

मीनाक्षी मेनन ने बदला ट्रेंड, जिंदगी की दूसरी पारी को इस तरह बनाया शानदार

  • वो बीते दिनों की बात है, जब रिटायरमेंट के साथ ही जिंदगी भी सुस्त हो जाया करती थी। अब तो लोग नौकरी से रिटायर होने के बाद करियर की दूसरी पारी शुरू करने लगे हैं। इस बदलते ट्रेंड की सटीक उदाहरण हैं, मीनाक्षी मेनन। उनकी इस नई पारी के बारे में बता रही हैं जयंती रंगनाथन

Avantika Jain हिन्दुस्तानSat, 1 March 2025 06:09 AM
share Share
Follow Us on
मीनाक्षी मेनन ने बदला ट्रेंड, जिंदगी की दूसरी पारी को इस तरह बनाया शानदार

सीनियर सिटिजन शब्द सुनते ही क्या आपके दिमाग में भी सफेद बालों वाले, धीरे-धीरे चलते, उदास से उम्रदराज लोगों की छवि आ जाती है? अगर हां, तो ऐसा सोचने वाली आप अकेली नहीं हैं। पर, सच तो यह है कि आज के सीनियर सिटिजन भले उम्र में आगे बढ़ हो गए हों, पर उनकी सोच, उनका पहनावा, जीवन जीने की लालसा और उमंग किसी भी युवा से कम नहीं है। एक वक्त था, जब हमारे देश में माना जाता था कि रिटायरमेंट के बाद व्यक्ति की क्षमता चूक जाती है। अब उसे घर बैठ जाना चाहिए। आज आप किसी भी उम्रदराज पुरुष या स्त्री से पूछिए कि क्या उन्हें लगता है कि उनकी जिंदगी अब खत्म हो गई है? वे बताएंगे कि ऐसा बिल्कुल नहीं है। उनकी कई इच्छाएं बाकि हैं। कई काम हैं जो वो करना चाहते हैं, बस मौके की तलाश में है। दरअसल सेकेंड र्ईंनग या दूसरी पारी की जरूरत हम सबको है। किसी को जल्दी तो किसी को देर से। इसी सोच को मुकम्मल किया है मुंबई की मीनाक्षी मेनन ने, जो खुद 65 साल की हैं।

खाली वक्त आया काम

मीनाक्षी एक विज्ञापन एजेंसी में काम करती थीं। रिटायर होने के बाद उन्होंने पाया कि उनकी ऊर्जा में कोई कमी नहीं आई है, उनके पास वक्त था और कुछ करने की ललक भी। उन्होंने यह भी देखा कि उनकी उम्र के लोग जिंदगी से लबालब हैं, कुछ नया करना चाहते हैं। बस, समय के साथ आगे बढ़ने के लिए शायद उनमें तकनीकी ज्ञान कम है और शारीरिक तौर पर उनकी ताकत कुछ कम हो गई है। उस समय उन्हें ख्याल आया कि उन्हें सीनियर लोगों के लिए एक ऐप शुरू करना चाहिए। मीनाक्षी बताती हैं, ‘समाज यही सोचता है कि अगर आप साठ साल के हो गए तो आप अब किसी काम के नहीं रह गए। मैं ऐसा बिल्कुल नहीं मानती। उम्र होने का मतलब शरीर से अशक्त होना नहीं, बल्कि अनुभव से समृद्ध होना है।’

बुर्जुगों के लिए खास ऐप

मीनाक्षी ने GenS नाम से अपने रिटायरमेंट के बाद एक ऐप बनाया है। इस समय हमारे देश में मध्यम वर्ग के लगभग 15 करोड़ लोग साठ साल से ऊपर के हैं। यानी हमारे देश में हर दस में से एक व्यक्ति साठ से ऊपर का है। इस उम्र के लोगों की सबसे बड़ी दिक्कत है, बढ़ता अकेलापन। आर्थिक तौर पर हो सकता है, उन्हें खास दिक्कत ना हो। खुद का पेंशन हो, बचत हो या बच्चे पैसे भेजते हों, पर बात जब सुरक्षा की आती है, वे अकेले पड़ जाते हैं। मीनाक्षी अपने ऐप के जरिये उन सभी मुद्दों पर बात करती हैं और उनकी मदद को हाथ बढ़ाती हैं, जिससे उम्रदराज लोग हर रोज दो-चार होते हैं। स्वास्थ्य बीमा हो या घरों में सुरक्षा के लिए कैमरा लगाना हो, इस ऐप से जुड़कर आपको इन सबमें सहयोग और डिस्काउंट मिल सकता है। यही नहीं, वे ऑनलाइन इवेंट भी करवाती हैं, जहां घर बैठे विभिन्न विषयों पर टिप्स मिलते हैं, मनोरंजन मिलता है और अपने हुनर को दिखाने का मौका मिलता है। पिछले साल नवंबर में उन्होंने यह ऐप लॉन्च किया है और इस समय ऐप केचार सौ से अधिक सदस्य हैं। इस ऐप में 12 भाषाओं में जानकारी दी जाती है।

मीनाक्षी कहती हैं, ‘इन दिनों चाहे आप छोटे शहर में रहते हों या महानगरों में। बच्चे बड़े हो गए हैं और अपने करियर में व्यस्त हो गए हैं। मां-बाप अकेले रहते हैं। मैंने देखा है कि अगर माता-पिता हर समय अपने बच्चों से यह शिकायत करते रहें कि वो उनको समय नहीं देते या मेरा यह काम करवा दो, बच्चे भी परेशान हो जाते हैं। मुझे जरूरी लगा कि हम उन दोनों की मदद करें।’ उनका कहना है कि इसे ऐप से जुड़ने के बाद अधिकांश लोगों का यह मानना था कि उनको जिंदगी में फिर से मजा आने लगा है। इस ऐप में मीनाक्षी लगातार नए प्रयोग करना चाहती हैं। वे कहती हैं, ‘नॉर्वे, जापान, स्वीडन, डेनमार्क और न्यूजीलैंड जैसे देशों में बुजुर्गों के लिए कई तरह के स्कीम चलाए जाते हैं। पेंशन दिया जाता है और कई सारी एक्टिविटीज और हेल्थ प्रोग्राम चलाए जाते हैं। हमारे यहां ऐसा कुछ भी नहीं है। एक वक्त था जब संयुक्त परिवार के चलते बुजुर्ग अपने बच्चों के साथ रहते थे। उनकी जिंदगी एक लय पर चलती थी। अब बच्चे साथ नहीं रहते। ऐसे में बड़ी उम्र के लोगों को एक सहारा तो चाहिए ही। हम वो सहारा बनने की कोशिश कर रहे हैं।’ यह ऐप आप गूगल प्ले से डाउनलोड कर सकते हैं, पर यह सशुल्क है। लेकिन मीनाक्षी का मानना है कि वो जितना शुल्क लेती हैं, उससे कहीं ज्यादा सेवा देती हैं।

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।

अगला लेखऐप पर पढ़ें