सबके साथ के बावजूद महसूस होता है अकेलापन या छोटी-छोटी बातों में झूठ बोलता है बच्चा, एक्सपर्ट से जानें जवाब
- हम सबके पास ढेरों सवाल होते हैं, बस नहीं होता जवाब पाने का विश्वसनीय स्रोत। इस कॉलम के जरिये इस बार मनोविशेषज्ञ देंगी आपके सवालों के जवाब। हमारी एक्सपर्ट हैं, डॉ. गगनदीप कौर
मन में अक्सर कुछ ऐसे सवाल चलते रहते हैं जिनके जवाब आपके पास नहीं होते हैं। कुछ लोगों की शिकायत रहती है कि उनके पास दोस्तों और परिवारवालों का साथ होता है लेकिन फिर त्योहारों के समय उन्हें अकेलापन महसूस होता है। ऐसे में इससे निपटने के लिए क्या किया जाए? तो आइए एक्सपर्ट से जानें जवाब। साथ ही जानते हैं बच्चे के झूठ बोलने की क्या वजह हो सकती है और उसकी इस आदत को कैसे खत्म करें।
• मैं 28 साल की कामकाजी महिला हूं। करियर में काफी अच्छा कर रही हूं। पर, अकसर अकेलापन मुझ पर हावी हो जाता है। त्योहारों के मौसम में यह अकेलापन इस हद तक बढ़ जाता है कि मैं हमेशा उदास रहने लगती हूं, जबकि मेरे पास दोस्तों और परिवारवालों का साथ है। कैसे इस स्थिति से बाहर निकलूं?
- राधिका त्रिपाठी, लखनऊ
आज अधिकांश लोगों को अकेले रहने से डर लगता है और यह आज के युवाओं की आम समस्या है। अकेलेपन का सामना करने के लिए पार्टी करना, क्लब में जाना या फिर शराब पीना आम बात बनती जा रही है। पर, यह अकेलेपन का समाधान नहीं है। पहले आपको यह समझना होगा कि आपकी जिंदगी में अकेलापन कहां से आ रहा है? आप 28 साल की हैं, तो क्या आपको अभी तक कोई साथी नहीं मिला या फिर मिलने के बाद किसी कारण से आप लोग अलग हो गए? रिश्ते से जुड़ा अगर कोई ट्रॉमा आप ढो रही हैं, तो काउंसलर से मिलें और मन की उस गांठ को सुलझाने की कोशिश करें। हम सब अपनी जिंदगी में तरह-तरह के लोगों से मिलते हैं, पर उनकी भूमिका ऐसी नहीं होनी चाहिए कि वे हमें जिंदगी में आगे बढ़ने से रोक सकें। माना कि आपकी जिंदगी में दोस्त और रिश्तेदार हैं, पर इसके बावजूद कुछ बातें ऐसी होती हैं, जो हम उनसे साझा नहीं कर पाते। मुझे लगता कि आपकी जिंदगी में ऐसे व्यक्ति की कमी है, जिससे आप बेबाकी से अपने मन की बातें कर सकें। अच्छे दोस्त नसीब वालों को ही मिलते हैंर्। ंजदगी से अकेलेपन के भाव को दूर करने के लिए कुछ हॉबी विकसित करें। नियमित रूप से खुद को किसी गतिविधि में व्यस्त करें। त्योहारों के समय में अगर आपका अकेलापन ज्यादा बढ़ जाता है, तो खास इस वक्त आप कहीं घूमने जाने की योजना बना सकती हैं। आपको नए लोगों से जुड़ना होगा और अपने नए शौक विकसित करने होंगे ताकि जिंदगी में महसूस हो रहा यह खालीपन धीरे-धीरे खत्म हो जाए। ऑफिस के बाहर भी दोस्ती का दायरा बढ़ाएं ताकि आप दिल खोलकर उनसे अपने मन की बातें कह सकें।
• मेरी बेटी आठ साल की है। पिछले कुछ दिनों से वह छोटी-छोटी बातों में भी झूठ बोलने लगी है। पहले उसका स्वभाव ऐसा नहीं था। अचानक से झूठ बोलने लगने की क्या वजह हो सकती है और उसकी इस आदत को कैसे खत्म करूं?
- सौम्या सिंह, पटना
आठ साल के बच्चे समझदार होने लगते हैं। दोस्तों का असर भी उन पर पड़ने लगता है। इस उम्र में वे झूठ बोलना और बातों को छुपाना जैसी चीजें सीखना शुरू कर देते हैं। शायद उसके मन में यह डर हो कि वह जिन चीजों को करना चाहती है, शायद आप उसके लिए सहमति न दें। आपकी डांट के डर से शायद वह झूठ बोलने लगी हो। संभव है कि संवाद में कमी की वजह से बच्चा अचानक से झूठ बोलने लगा हो। बच्चे से बैठकर बात करें। झूठ बोलने पर डांटने या बहुत ज्यादा ज्ञान देने की जगह प्यार से बात करें। अपने बचपन की घटना उसे सुनाएं। या बचपन की कोई ऐसी घटना बताएं, जब आपने भी ऐसा ही व्यवहार किया था। सामान्य बातचीत से उसके मन की बात जानें। बातचीत के माध्यम से उसे बताएं कि झूठ बोलना गलत है, पर अपनी बात रखना गलत नहीं। उसे समझाएं कि कैसे किसी का विश्वास तोड़ना सबसे गलत बात है। आप उसके मन की बात जानने की कोशिश करें तभी परवरिश के इस पड़ाव को आसानी पार कर पाएंगी।
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