जीवन बर्बाद कर देती हैं जवानी में की गई ये 5 गलतियां, बुढ़ापे में भुगतनी पड़ती है सजा!
आचार्य चाणक्य ने अपनी नीति में युवावस्था में की गई कुछ ऐसी गलतियों का जिक्र किया है, जो पूरे जीवन की तबाह करने की ताकत रखती हैं। आचार्य के अनुसार इन गलतियों का पछतावा इंसान को बुढ़ापे में होता है।

जवानी जीवन का सबसे सुनहरा दौर होता है, जहां सपने बड़े होते हैं और उन्हें पूरा करने का जुनून भी चरम पर होता है। लेकिन यही समय सबसे नाजुक भी होता है, क्योंकि जोश में लिए गए गलत फैसले आगे चलकर पछतावे का कारण बन सकते हैं। कई बार इस उम्र में हम जोश में आकर कुछ ऐसी गलतियां कर बैठते हैं, जो हमारे करियर, रिश्तों और पूरे भविष्य को ही प्रभावित कर सकती हैं। महान कूटनीतिज्ञ आचार्य चाणक्य ने भी अपनी नीतियों में युवावस्था को बहुत ही महत्वपूर्ण बताते हुए कहा है कि जवानी में की गई कुछ गलतियों का व्यक्ति के भविष्य पर गहरा असर पड़ता है। चलिए जानते हैं आचार्य चाणक्य के अनुसार जवानी में किन गलतियों को करने से बचना चाहिए।
ना करें समय की बर्बादी
जवानी के दिन भविष्य के निर्माण के दिन होते हैं। आचार्य चाणक्य के अनुसार जो व्यक्ति अपनी जवानी के दिनों को यूं ही बर्बाद करता है, वो अपने लिए स्वयं कुंआ खोदने का काम करता है। ऐसा नहीं है कि युवाओं को मौज मस्ती से बिल्कुल दूर हट जाना चाहिए और सिर्फ काम-काम में लगे रहना चाहिए। लेकिन मौज-मस्ती में ही पूरा समय बिता देना, उनके भविष्य को अंधकार में डाल सकता है। इसलिए समय को यूं ही बर्बाद करने के बजाय अपने जीवन का लक्ष्य निर्धारित करें और उसे पूरा करने के लिए जी जान से जुट जाएं।
शिक्षा और करियर को नजरअंदाज करना
आचार्य चाणक्य के अनुसार जो व्यक्ति अपने जवानी के दिनों में पढ़ाई-लिखाई और अपने करियर को इग्नोर करता है, उसे पूरे जीवन पछताना पड़ता है। क्योंकि किसी भी व्यक्ति के जीवन में जवानी ही वो समय होता है, जब वह अपने भविष्य की नींव रखता है। लेकिन जो व्यक्ति इन महत्वपूर्ण दिनों को सिर्फ मौज-मस्ती में बिता देता है और अपने करियर को नजर अंदाज करता है, उसे पूरे जीवन दर-दर की ठोकरें खानी पड़ती हैं।
स्वास्थ्य को नजरअंदाज करना
आचार्य चाणक्य के मुताबिक जो लोग अपने जवानी के दिनों में अपने स्वास्थ्य को नजरअंदाज करते हैं उन्हें बुढ़ापे में काफी कष्ट झेलना पड़ता है। दरअसल जवानी में शरीर ऊर्जा और उत्साह से भरा रहता है, ऐसे में अक्सर युवाओं को लगता है कि उनके शरीर में यह ऊर्जा हमेशा बनी रहेगी और इसी गलतफहमी के चक्कर में वे अपने खान-पान और स्वास्थ्य का ध्यान नहीं देते। जवानी के दिनों में गलत खानपान और अनहेल्दी रूटीन का असर बढ़ती उम्र में देखने को मिलता है। जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है तरह-तरह की बीमारियां घेरने लगती है। इसलिए जवानी में स्वास्थ्य को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।
जवानी की गलत संगत का असर रहता है ता-उम्र
आचार्य चाणक्य का मानना था कि व्यक्ति की संगति ही उसके भविष्य को निर्धारित करती है। इसलिए जवानी के दिनों में आत्म नियंत्रण रखना बहुत जरूरी है और इसके लिए अच्छी संगत का होना जरूरी है। जवानी के दिनों में जो व्यक्ति गलत संगत में पड़ जाता है, वो अपने जीवन में कभी भी सफलता हासिल नहीं करता है। ऐसा व्यक्ति ना तो जीवन में तरक्की पाता है और ना ही पारिवारिक रूप से सुखी रहता है।
पैसे की बर्बादी करना
आचार्य चाणक्य के मुताबिक जवानी के दिनों में पैसे की बर्बादी करना, भविष्य के लिहाज से सबसे बड़ी गलती है। जवानी में अक्सर पैसा कमाने का जोश और ताकत दोनों चरम पर होते हैं इसलिए लोगों के खर्चे भी बहुत ज्यादा बढ़ जाते हैं। कई बार तो लोग फालतू की चीजों पर ही खर्च करना शुरू कर देते हैं। जबकि ये आदत आपके बढ़ापे में भारी पड़ सकती है। इसलिए जवानी से ही सेविंग्स का ध्यान रखें ताकि उम्र बढ़ने के साथ आपको किसी तरह के आर्थिक समस्या का सामना ना करना पड़े।
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