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नहीं लेते हैं धूप? हेल्थ पर पड़ सकता है बुरा असर, जानें शोध का नतीजा

Benefits Of Sunlight: शहरों की ऊंची बिल्डिंग्स और लाइफस्टाइल लोगों को सूरज की रोशनी से दूर कर रही है। अब एक शोध में सामने आया है कि कृत्रिम रोशनी में रहने के कितने नुकसान हो सकते हैं।

Kajal Sharma एजेंसी, वॉशिंगटनFri, 16 Dec 2022 03:57 PM
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प्रकृति के संपर्क में रहना हमारी हेल्थ के लिए अच्छा होता है। यह बात मेडिकल साइंस में भी साबित हो चुकी है। सूरज की रोशनी से कई हॉरमोन्स रेग्युलेट होते हैं। इससे विटामिन डी मिलता है, जो शरीर के लिए फायदेमंद होता है। विटामिन डी की कमी से शरीर में कई तरह से रोग हो सकते हैं। वहीं, अमेरिका में हुए एक अध्ययन में सामने आया है कि दिन में अगर पर्याप्त सूरज की रोशन न ली जाए तो नींद से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं। इस अध्ययन को जर्नल ऑफ पीनियल रिसर्च में प्रकाशित किया गया है।

500 से ज्यादा स्टूडेंट्स पर हुआ शोध
अमेरिका के वाशिंगटन विश्वविद्यालय में 2015 से 2018 तक 500 से अधिक स्नातक छात्रों पर यह शोध किया गया। इसमें उनकी नींद और सूरज की रोशनी से कनेक्शन को देखा गया। उन्होंने पाया कि सर्दियों के मौसम में देर रात सोते हैं और सुबह देर से जागते हैं, वहीं विश्विद्यालय परिसर में सीमित समय के लिए सूरज की रोशनी आती है। जबकि, परिसर में दिन के उजाले के उनके घंटे सीमित होते हैं। वैज्ञानिकों ने बताया कि छात्र मौसम की परवाह किए बिना रात में लगभग समान मात्रा में नींद ले रहे थे, लेकिन सर्दियों में वे औसतन 35 मिनट बाद बिस्तर पर जाते थे और गर्मियों की तुलना में 27 मिनट बाद जागते थे। इस वजह से छात्रों को सर्दियों में दिन के समय रोशनी न मिलना था। इसलिए उनकी सर्कैडियन घड़ी गर्मियों की तुलना में देरी से चल रही थीं।

सोने जागने का समय तय करती है सर्केडियन क्लॉक 
वाशिंगटन विश्वविद्यालय में जीव विज्ञान विभाग के प्रोफेसर होरासियो डे ला इग्लेसिया ने बताया कि हमारे शरीर में एक प्राकृतिक सर्कैडियन घड़ी होती है जो बताती है कि रात को कब सोना है और सुबह कब जागना है। यदि आपको दिन के दौरान पर्याप्त सूरज की रोशनी नहीं मिलती है, तो इससे आपकी घड़ी में देरी होने लगती है और यह रात में नींद को पीछे धकेलता है। यानी रात के समय आसानी से नींद नहीं आती है। अध्ययन में पाया गया कि कि छात्रों के लिए ये सर्कैडियन घड़ी गर्मियों की तुलना में सर्दियों में 40 मिनट बाद तक चल रही थी।

शहर में रहने वाली आबादी को ज्यादा जोखिम 
शोधकर्ताओं ने इस अध्ययन के माध्यम से दुनिया भर की शहरी जनसंख्या को चेताया है। क्योंकि यहां कृत्रिम प्रकाश का चलन ज्यादा बढ़ रहा है।

दिन में बाहर निकलें
शोधकर्ताओं ने सोने में मदद करने के लिए स्क्रीन पर गुजारने वाले समय और कृत्रिम प्रकाश को कम से कम करने की और में दिन में बाहर निकलने की सलाह दी है। उनका कहना है कि यह अध्ययन लोगों को खासकर सुबह प्राकृतिक प्रकाश प्राप्त करने की सलाह देता है। भले ही वह थोड़ी देर के लिए ही क्यों न हो।

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