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महिलाओं में बांझपन के लिए जिम्मेदार हो सकता है ये विटामिन, नहीं पता चलते लक्षण

Vitamin D Necessary In Infertility: महिलाओं के लिए विटामिन डी की कमी केवल हड्डियों पर असर नहीं डालती बल्कि इसका सीधा असर प्रजनन क्षमता और पीरिएड्स इररेगुलर होना या पीसीओएस पर पड़ता है।

Aparajita लाइव हिंदुस्तान, नई दिल्लीThu, 11 May 2023 11:57 AM
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महिलाओं के लिए मिनरल्स और विटामिन बेहद जरूरी है। खासतौर पर जब वो मां बनने की कोशिश में हो तो उन्हें अपने खानपान का खास ख्याल रखने की जरूरत होती है। विटामिन डी की कमी को लोग सीधा हड्डियों की सेहत से जोड़ते हैं। लेकिन कई सारी रिसर्च में पता चला है कि शरीर में विटामिन डी की कमी का सीधा असर महिलाओं की प्रजनन क्षमता पर भी पड़ता है। यहीं नहीं विटामिन डी महिलाओं के नियमित पीरियड्स ना होने और पीसीओएस से भी जुड़ा है। इसलिए विटामिन डी महिलाओं के लिए बेहद जरूरी है।

फर्टिलिटी में क्यों जरूरी है विटामिन डी
विटामिन डी की कमी महिलाओं के शरीर में प्रजनन क्षमता की दर को घटा देती है। वहीं महिलाओं के साथ ही पुरुषों के लिए भी विटामिन डी बेहद जरूरी है। पुरुषों में स्पर्म काउंट बढ़ाने के लिए विटामिन डी की मात्रा शरीर में बेहद जरूरी है। 
विटामिन डी की पर्याप्त मात्रा स्पर्म काउंट और मोर्टेलिटी रेट को बढ़ा देती है। जिसकी वजह से महिलाओं में कंसीव होने के चांस बढ़ जाते हैं। 
वहीं महिलाओं में विटामिन डी की पर्याप्त और हाई मात्रा कंसीव करने की क्षमता पर असर डालती है और प्रेग्नेंसी के चांस बढ़ जाते हैं। 
वहीं एक्सपर्ट का मानना है कि महिलाएं अगर बेबी प्लान कर रही हैं तो उन्हें विटामिन डी की पर्याप्त मात्रा जरूर लेनी चाहिए। स्टडी के मुताबिक करीब 25 ओएच विटामिन डी या फिर 30ml विटामिन डी सप्लीमेंट्स की मात्रा प्रेग्नेंट होने के चांस को बढ़ा देती है। 

विटामिन डी की कमी से प्रेग्नेंसी के दौरान होते हैं ये खतरे
महिलाओं के शरीर में विटामिन डी की जरूरत केवल मजबूत हड्डियों के लिए ही नहीं होती बल्कि इस विटामिन की कमी प्रेग्नेंसी में इन खतरों को बढ़ा देती है।

-प्रीमेच्योर बेबी बर्थ

-प्रेग्नेंसी के दौरान डायबिटीज या गेस्टेस्टेनल डायबिटीज

-प्रेग्नेंसी के दौरान वजाइनोसिस बैक्टीरिया

-प्रीक्लेम्पसिया या प्रेग्नेंसी में हाई ब्लड प्रेशर की खतरनाक स्थिति

पीसीओएस में विटामिन डी
-नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन के अनुसार विटामिन डी की कमी महिलाओं में पीसीओएस की समस्या को जन्म देती है। 

-पीसीओएस महिलाओं की बहुत ही आम समस्या है। जो कि प्रोडक्टिव एज में प्रेग्नेंसी के चांस को भी कम कर देती है। 

-यहीं नहीं विटामिन डी की कमी कई सारी क्रॉनिक बीमारियों, ट्यूमर और ऑटो इम्यून डिसीज के लिए भी जिम्मेदार है।

कैसे पूरी होगी विटामिन डी की कमी
एक्सपर्ट का कहना है कि महिलाओं को प्रेग्नेंसी के चांस बढ़ाने के लिए जरूरी है कि अपने विटामिन डी की कमी के लेवल का पता कर लें। जिससे सही मात्रा में विटामिन मिल सके।

सनलाइट
शरीर में पर्याप्त मात्रा में विटामिन डी की कमी धूप की रोशनी से पूरी की जा सकती है। सुबह के वक्त करीब 15-20 मिनट सनलाइट विटामिन डी का लेवल बढा सकती है।

विटामिन डी रिच फूड
सनलाइट के साथ ही फूड्स भी शरीर में डेली विटामिन डी की कमी को पूरा कर सकते हैं। 

वेजिटेरियन विटामिन डी रिच फूड्स
प्लांट बेस्ट फूड्स में विटामिन डी की पर्याप्त मात्रा शिटेक और बटन मशरूम में होती है। 10 -15 मिनट धूप में रखे मशरूम विटामिन डी का रिच सोर्स होते हैं। जिन्हें पाउडर फार्म में भी खाया जा सकता है।

नॉन वेजिटेरियन विटामिन रिच फूड्स
अंडे, कॉड लीवर ऑयल, मकरेल, सालमन, सार्डीनेस फिश और बीफ में पर्याप्त मात्रा में विटामिन डी होता है। इसके साथ कुछ फूड्स विटामिन डी को शरीर में एक्टीवेट करने का काम करते हैं। जिसमे दूध, चीज, दही के साथ ही केला, सीरियल्स, रागी शामिल हैं।

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