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दही या छाछ, आयुर्वेद के मुताबिक जानिए क्या है ज्यादा फायदेमंद

Curd Or Chhach: छाछ की तुलना में दही ज्यादा लोकप्रिय और फायदेमंद माना जाता है। वहीं कुछ लोग पाचन के लिए दही के मुकाबले छाछ को बेहतर मानते हैं। यहां जानिए दोनों में से क्या ज्यादा फायदेमेंद है।

Avantika Jain लाइव हिंदुस्तान, नई दिल्लीMon, 12 Sep 2022 01:46 PM
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Curd or Buttermilk which is better:दही छाछ की तुलना में ज्यादा लोकप्रिय है। बेहतर पाचन और हेल्थ के लिए इसे डायट में शामिल किया जाता है। हालांकि विशेषज्ञों का कहना है कि दही के बजाय छाछ को प्राथमिकता देनी चाहिए क्योंकि यह न केवल पचने में हल्का होता है बल्कि आयुर्वेद के अनुसार सभी प्रकार के शरीर के लिए अच्छा होता है। लेकिन दही और छाछ दोनों को लगभग एक ही प्रोसेस से बनाया जाता है।


क्या कहती हैं एक्सपर्ट

डॉ डिंपल जांगडा ने अपने लेटेस्ट इंस्टाग्राम पोस्ट के मुताबिक दही में गर्म इफेक्ट होता है, दूसरी ओर छाछ नैचुरली ठंडा होता है।  विशेषज्ञ वीडियो में बताते हैं कि दही में एक एक्टिव बैक्टीरिया स्ट्रेन होता है जो गर्मी के संपर्क में आने पर फर्मेंट हो जाता है। इसलिए जब हम दही खाते हैं, तो यह पेट की गर्मी के संपर्क में आ जाता है और अधिक आक्रामक रूप से फर्मेंट होने लगता है। यह शरीर को ठंडा करने के बजाय गर्म करता है।

आयुर्वेद विशेषज्ञ का कहना है कि छाछ के साथ ऐसा नहीं होता है क्योंकि जैसे ही आप दही में पानी डालते हैं, फर्मेंटेशन प्रोसेस रुक जाता है। छाछ में जीरा पाउडर, नमक, जैसे मसाले मिलाने से इसके और फायदे बढ़ जाते हैं। भारत में पाचन में  मदद करने के लिए हींग, अदरक, मिर्च और करी पत्ते के साथ घी भी मिलाया जाता है। ऐसे में छाछ नैचुरली ठंडा होता है और दही आपके शरीर द्वारा पचने में ज्यादा समय लेता है।


आयुर्वेद के अनुसार दही खाने के नियम

एक्सपर्ट के मुताबिक, दही फर्मेंटेड हाता है, ये स्वाद में खट्टे, तासीर में गर्म और पचने में भारी होते हैं। ये फैट और ताकत भी बढ़ाते हैं, वात असंतुलन को कम करने में मदद करते हैं और शरीर को स्थिरता देते हैं।

हालांकि, कुछ मामलों में दही से बचना चाहिए-

- मोटापा, कफ विकार, ब्लीडिंग, सूजन संबंधी विकार, बढ़ी हुई जकड़न और अर्थराइटिस होने पर दही से बचें।

- रात में दही खाने से बचना चाहिए क्योंकि इससे सर्दी, खांसी, साइनस हो सकता है। लेकिन अगर आपको रात में दही खाने की आदत है तो इसमें एक चुटकी काली मिर्च या मेथी जरूर मिलाएं।

- दही को गर्म करने से बचें क्योंकि यह सभी बैक्टीरिया को नष्ट कर देता है। 

- स्किन डिसऑर्डर, पित्त असंतुलन, सिरदर्द, नींद में खलल और पाचन विकार वाले लोगों के लिए दही सही नहीं है।


दही को छाछ से बदलने के कारण- इसका इस्तेमाल हेल्थ बनाए रखने और बीमारियों के इलाज के लिए किया जाता है।

- यह पचने में आसान है, इसमें कसैला और खट्टा स्वाद होता है। ऐसे में यह पाचन में सुधार करता है और तीनों प्रकार के शरीर के लिए इसका इस्तेमाल होता है।

- सर्दी के मौसम में भी यह अपच के इलाज के लिए फायदेमंद होता है।

छाछ को दही का सबसे अच्छा ऑप्शन माना जाता है। इसे मनुष्यों के लिए अमृत के तुल्य कहा जाता है। आप 2 चम्मच दही को फेंट में 1 गिलास पानी, थोड़ा जीरा पाउडर, स्वादानुसार नमक मिला सकते हैं और धनिया से गार्निश करके पी सकते हैं। यह भी पढ़ें: दलिया या ओट्स? वजन घटाने के लिए दोनों में क्या है बेहतर

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