आयुर्वेद में हरीतकी को बताया गया है फायदेमंद, इन बीमारियों में मिलता है आराम
Ayurvedic Remedy: आयुर्वेद में हरीतकी को बेहद असरदार औषधियों में गिना जाता है। इसको नियम से खाने से शरीर की काफी सारी परेशानियों में राहत मिल जाती है। कब्ज से लेकर डायबिटीज में असरदार है हरीतकी।
आयुर्वेद में कुछ औषधियों को रामबाण बताया गया है। इन्हीं में से एक है हरीतकी। जिसे आम भाषा में हरण या हर्र भी कहा जाता है। हरीतकी औषधीय गुणों का भंडार है। इसमे विटामिन सी, विटामिन के, अमीनो एसिड, मैग्नीशियम, फ्लेवेनॉएड और एंटी ऑक्सीडेंट्स जैसे भरपूर पोषक तत्व पाए जाते हैं। आयुर्वेद में हर्र को काफी सारी बीमारियों के इलाज के लिए इस्तेमाल किया जाता है। ब्लड शुगर को कंट्रोल करने से लेकर डाइजेशन के लिए हरीतकी बेहद फायदेमंद है। हरीतकी को इस तरह से खाया जाए तो कई बीमारियों के लिए फायदेमंद है।
हरीतकी को चूर्ण बनाकर खाएं
हरीतकी को चूर्ण बनाकर खाया जाए तो ये कई बीमारियों के लिए बहुत फायदेमंद है। इस चूर्ण को हर दिन गुनगुने पानी से खाना चाहिए। हरीतकी चूर्ण को इन बीमारियों में खाने से फायदा होता है।
कब्ज की समस्या से निजात
हरीतकी में नेचुरल लेक्सेटिव होता है। जो आंतों में फंसे मल को आसानी से निकालने में मदद करता है। हर रोज रात को सोने से पहले एक चम्मच हरीतकी चूर्ण को गुनगुने पानी से खाने से कब्ज की समस्या खत्म होती है और डाइजेशन भी सही रहता है।
पेट की दूसरी समस्याओं से आराम
हरीतकी चूर्ण को हर रोज खाया जाए तो अल्सर, अपच, गैस और पेट में सूजन की समस्या से आराम मिलता है।
डायबिटीज की समस्या में आराम
हरीतकी चूर्ण को डायबिटीज के मरीज भी बिल्कुल आराम से खा सकते हैं। हरीतकी में हाइपोग्लाइसेमिक गुण होते हैं। जो शरीर में अचानक इंसुलिन को बढ़ने से रोकता है और ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल में रहता है। नियम से अगर हरीतकी चूर्ण को खाया जाए तो बार-बार प्यास लगने की समस्या कंट्रोल होती है। साथ ही अचानक से वजन कम होना और बार-बार यूरिन की समस्या में भी राहत मिलती है।
वेट लॉस में मददगार
बेली फैट कम करने में हरीतकी असरदार है। ये आंतों में जमा गंदगी को निकालने में मदद करती है। जिससे बॉडी डिटॉक्स होती है । साथ ही मेटाबॉलिज्म बूस्ट होता है और शरीर में जमा फैट बर्न होता है।
शरीर की जकड़न दूर होती है
सुबह उठने पर जिन लोगों के शरीर में जकड़न और दर्द महसूस होता है। उन्हें हरीतकी चूर्ण को गुड़ के साथ मिलाकर रोजाना सुबह के वक्त खाना चाहिए। करीब दो सप्ताह तक खाने से शरीर की इस समस्या में आराम मिल सकता है।
डिस्क्लैमर: यह लेख मात्र सामान्य जानकारी के लिए है। किसी भी दवा के प्रयोग से पहले चिकित्सक की सलाह अवश्य लें।
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