काम के प्रेशर से तंग आकर रोबोट ने की सुसाइड, जानें रोज बढ़ते हुए वर्कलोड को कैसे करें हैंडल
हाल ही में साउथ कोरिया के एक रोबोट ने काम के प्रेशर से तंग आकर सुसाइड कर ली। रोबोट के केस में भले ही यह पहला मामला हो लेकिन इंसानों को केस में ऐसे कई मामले होते रहते हैं। आज हम इसी टॉपिक पर आपसे बात करने वाले हैं।
हाल ही में एक बड़ा अटपटा मामला सामने आया है। साउथ कोरिया में एक रोबोट ने काम के प्रेशर से तंग आकर सुसाइड कर ली है। यह पहला ऐसा मामला है जहां एक मशीन यानी रोबोट ने काम से थक हार कर मौत को गले लगा लिया। अधिकारियों का कहना है कि रोबोट 9 घंटो की ड्यूटी करता था। जहां काम के प्रेशर से तंग आकर उसने सीढ़ियों से छलांग लगातार आत्महत्या कर ली। इस मामले ने एक गंभीर समस्या की ओर एक बार फिर सबका ध्यान खींच लिया है। वो है बढ़ते काम के दवाब को ना झेल पाने की समस्या। आज हम सब कहीं ना कहीं ओवरवर्क का शिकार हो रहे हैं जिसके चलते स्ट्रेस और एंजाइटी होना बहुत आम हो गया है। हर कोई इस स्ट्रेस को हैंडल नहीं कर पाता जिसके चलते कई लोग ऐसे खौफनाक कदम उठा लेते हैं। आज हम आपके साथ इसी प्रेशर को हैंडल करने के तरीकों के बारे में बात करने वाले हैं।
"आस्क फॉर हेल्प"
जी हां, सबसे जरूरी बात यही है कि जब भी जरूरत लगे लोगों की हेल्प मांगने में ना झिझकें। अक्सर हम लोग अन्दर ही अंदर चाहे कितना भी परेशान होते रहें लेकिन दूसरों से कभी भी हेल्प मांगना नहीं चाहते। ये छोटी सी झिझक ही आपके स्ट्रेस को कभी कम नहीं होने देती। हमेशा जरूरी नहीं कि हर काम खुद करें, सही से ना भी आ रहा हो तो जबरदस्ती एफर्ट्स मारते रहें। ज्यादा काम होने पर दूसरे लोगों की हेल्प लेने में कोई भी बुराई नहीं है।
बीच-बीच में खुद के लिए भी समय निकालें
काम का प्रेशर होना ठीक है लेकिन अगर आप खुद के लिए भी थोड़ा सा समय नहीं निकाल पा रहे हैं तो आपको गंभीर होकर सोचने की जरूरत है। हो सकता है आपको ज्यादा काम करना भी पड़ रहा हो लेकिन थोड़ा सा समय अपने लिए जरूरी निकालें। एक साथ ना सही लेकिन काम करते-करते बीच में थोड़ी देर ब्रेक लेते रहें। इस दौरान अपने किसी साथी से काम के अलावा थोड़ा हंसी मजाक या अपने मनपसंद गाने को सुनकर थोड़ी देर वॉक कर लें।
बॉस के सामने अपनी बात रखें
अगर आपको लग रहा है कि वर्कलोड कुछ ज्यादा ही हो रहा है जिसके चलते आपकी मेंटल हेल्थ पर काफी बुरा असर पड़ रहा है तो अपने बॉस से बात करने में बिल्कुल भी ना हिचकिचाएं। अपने बॉस के साथ बैठकर आराम से अपनी बातों को उनके सामने रखें। कई बार हम पहले से ही ये सोचते रहते हैं कि बॉस गुस्सा होंगे या नहीं समझ पाएंगे। लेकिन वो आपसे ज्यादा अनुभवी हैं और उन्होंने भी यह सब पहले फेस किया हुआ है। इसलिए अपनी बात को सामने रखने में बिल्कुल भी ना हिचकिचाएं।
थेरेपी की भी ले सकते हैं मदद
अगर आप मेंटली बहुत ज्यादा टूट चुके हैं और स्ट्रेस आपके दिमाग के अंदर तक घर कर चुका है तो इसके हल्के लेना बहुत बड़ी बेवकूफी है। जैसे हमारा शरीर बीच-बीच में बीमार होता है उसी तरह हमारी मेंटल हेल्थ भी बीमार हो सकती है। इसलिए इसका इलाज कराने में बिल्कुल भी झिझकने की जरूरत नहीं है। आप मेंटल हेल्थ एक्सपर्ट के पास जाकर थेरेपी सेशंस भी ले सकते हैं।
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