क्या सुबह उठते ही लगता है भारीपन, जानें रातोरात क्यों बढ़ जाता है वजन?

  • अचानक से वजन बढ़ जाने की वजह हमेशा ज्यादा खाना खाना ही नहीं होता। कई दफा शरीर में इकट्ठा हो जाने वाले तरल पदार्थ भी इसके लिए जिम्मेदार होते हैं। कैसे इस वॉटर वेट से पाएं छुटकारा, बता रही हैं शमीम खान

Kajal Sharma लाइव हिन्दुस्तानFri, 18 Oct 2024 02:50 PM
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आपके साथ क्या ऐसा होता है कि सुबह उठने पर शरीर बहुत भारी-भारी लगता है और दोपहर होते ही आप महसूस करती हैं कि ऐसी तो कोई बात नहीं। आपका वजन तो बिल्कुल ठीक है। दरअसल, शरीर के वजन में इस बदलाव के लिए हमारा वॉटर वेट जिम्मेदार होता है। हमारे शरीर के कुल भार का 50-60 प्रतिशत पानी होता है। कई बार जब असामान्य रूप से शरीर में पानी और दूसरे तरल पदार्थ जमा होने लगते हैं तो वजन बढ़ने की समस्या हो जाती है। इसके कारण पेट, बांहों, पैरों, टखनों और हाथों व पैरों के पंजो में सूजन आ सकती है। कई बार चेहरा भी सूजा-सूजा लग सकता है। मासिक चक्र और गर्भावस्था के दौरान अकसर महिलाओं को इस समस्या का सामना करना पड़ता है। लेकिन, इनके अलावा अगर वॉटर वेट की समस्या हो तो इसे गंभीरता से लें, क्योंकि इसका कारण खानपान की गलत आदतों से लेकर गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं।

क्या है वॉटर रिटेंशन?

वॉटर रिटेंशन तब होता है, जब अतिरिक्त तरल पदार्थ प्रभावी तरीके से शरीर से बाहर निकलने की जगह शरीर में ही इकट्ठा होने लगता है। इसे वॉटर वेट या इडेमा भी कहा जाता है। यह समस्या गर्मियों में अधिक होती है, क्योंकि शरीर के लिए गर्म मौसम में उतकों से तरल पदार्थों को निकालना मुश्किल हो जाता है। शरीर कुछ लक्षणों के द्वारा इस परेशानी के संकेत देता है, जिनमें से निम्न प्रमुख हैं:

वजन बढ़ना या वजन में उतार-चढ़ाव

पंजों और टखनों में सूजन

त्वचा फूली हुई होना

जोड़ों का कड़ा होना

प्रभावित क्षेत्रों में दर्द और चुभन

मासिक चक्र के दौरान स्तनों में भारीपन

क्यों होती है यह समस्या

नमक और कार्बोहाइड्रेट का अधिक मात्रा में सेवन

लंबे समय तक खड़े या बैठे रहना

एलर्जिक रिएक्शन, संक्रमण, जलना, चोट लगना या रक्त का थक्का बनने के कारण इम्यून सिस्टम का कमजोर होना

प्रोटीन या विटामिन-बी1 जैसे पोषक तत्वों की शरीर में कमी

मासिक चक्र और हार्मोनल परिवर्तन

कुछ निश्चित दवाओं का सेवन जिनमें कीमोथेरेपी की दवाइयां, पेन किलर्स, रक्तचाप की दवाएं, पर्किंसन्स की दवाइयां, गर्भ निरोधक गोलियां और स्टेरॉयड शामिल हैं

गर्भावस्था, हार्ट फेल्योर, गुर्दों से संबंधित बीमारियां, अर्थराइटिस, ऑटो इम्यून बीमारी जैसे लुपुस, थायरॉइड, लिवर सिरोसिस और डीप वेन थ्रोम्बोसिस (डीवीटी) की वजह से भी किसी व्यक्ति को वॉटर रिटेंशन की समस्या हो सकती है

(डॉ. सुनील सेखरी, एसोसिएट कंस्लटेंट, इंटरनल मेडिसीन, मैक्स हॉस्पिटल, गुरुग्राम से बातचीत पर आधारित)

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