फेफड़ों में जमा गंदगी क्या वाकई हो जाती है साफ? ठंड में कम होगी सांस की समस्या बस जानें ये बातें
- Lungs Cleansing: फेफड़े शरीर के जरूरी अंगों में से एक है। इसे साफ रखना बहुत जरूरी है। लेकिन क्या वाकई एक बार गंदगी जमा होने के बाद इन्हें साफ कर सकते हैं? जानिए यहां-
आधुनिकता के इस दौर में पानी से लेकर हवा तक तेजी से प्रदूषित होती जा रही है। हवा के दूषित होने की वजह धूल और धुएं का तेजी से बढ़ना है। ये गंदी हवा सीधे फेफड़ों में पहुंचकर उन्हें खराब और कमजोर बनाती है। वहीं कुछ स्मोकिंग करते हैं। जिसकी वजह से फेफड़ों में खतरनाक केमिकल और टार में जमा हो जाता है। जब एक बार फेफड़े गंदे होने लगते हैं तो कई समस्याएं हो सकती हैं। जिनमें सीओपीडी, एम्फाइजिमा, ब्रोन्किइक्टेसिस और क्रोनिक ब्रोंकाइटिस शामिल है। कहा जाता है कि इन समस्याओं से बचने के लिए समय समय पर फेफड़ों को डिटॉक्स करना जरूरी है। लेकिन क्या वाकई फेफड़ों में जमा गंदगी को बाहर निकाल सकते हैं। आइए, जानते हैं-
क्या साफ हो सकते हैं फेफड़े?
अमेरिकन लंग एसोसिएशन की रिपोर्ट का कहना है कि फेफड़े खुद की सफाई करने वाला अंग है जो प्रदूषकों के संपर्क में आने के बाद खुद को ठीक करना शुरू कर देता है। हालांकि, ऐसा होने के लिए आपको अपनी आदतों पर नजर रखनी होगी। इसके लिए सिगरेट के धुएं, वेपिंग और प्रदूषण जैसे खतरनाक टॉक्सिन से बचना है। इसके अलावा रोजाना एक्सरसाइज और अच्छा खाना खाकर आप खुद को हेल्दी रख सकते हैं।
लंग्स को डिटॉक्स करने के लिए यहां कुछ तरीके जानें-
1) स्टीम थेरेपी
स्टीम थेरेपी इनहेलेशन में वायुमार्ग (श्वसन तंत्र का वह हिस्सा जिससे हवा फेफड़ों में जाती) को खोलने और बलगम को ढीला करने में मदद कर सकती है। भाप से सांस लेने में सुधार हो सकता है। यह उन लोगों की भी मदद कर सकता है जिनके गले में खराश या सूखापन है।
2) छाती थपथपाना
परकशन एक मैन्युअल तरीका है जो फेफड़ों से एक्सट्रा बलगम को हटाने में मदद कर सकता है। इसके लिए छाती पर समान रूप से थपथपाएं। इसके लिए फ्लैट हाछ नहीं बल्की हाथों को हल्का मोड़ कर कप वाली शेप का इस्तेमाल करें।
3) नियंत्रित खांसी
खांसी शरीर द्वारा बलगम में फंसे विषाक्त पदार्थों को नैचुरली बाहर निकालने का एक तरीका है। नियंत्रित खांसी फेफड़ों में एक्सट्रा बलगम को ढीला कर देती है। इसे करने के लिए कंधों को आराम देते हुए एक कुर्सी पर बैठें, दोनों पैरों को फर्श पर सपाट रखें। फिर हाथों को पेट के ऊपर मोड़ें। नाक से धीरे-धीरे सांस अंदर लें और धीरे-धीरे सांस छोड़ते हुए आगे की ओर झुकें, हाथों को पेट पर दबाएं। सांस छोड़ते हुए मुंह को थोड़ा खुला रखते हुए दो या तीन बार खांसें। नाक से धीरे-धीरे सांस अंदर लें। आराम करें और फिर से दोहराएं।
स्मोकिंग छोड़ने के बाद फेफड़ों को कैसे डिटॉक्स कर सकते हैं
स्मोकिंग छोड़ने के बाद व्यक्ति अपने फेफड़ों के स्वास्थ्य में सुधार को महसूस कर सकता है अगर वह कुछ आदतों को अपनाएं तो, जैसे-
- रोजाना एक्सरसाइज करना
- स्टीम थेरेपी
- सिगरेट के धुएं जैसे टॉक्सिन से बचना
- नियंत्रित खांसी
- एंटी इंफ्लामेटरी डायट
ठंड में सांस की समस्या से रहेंगे दूर
ठंडी के दिनों में सांस की समस्या से दूर रहने के लिए खुद का ख्याल अभी से रखना शुरू कर दें। मौसम बदल रहा है तो सोडा, कोल्ड ड्रिंक्स से बचें और इनके बजाय साफ पानी पिएं। कभी-कभी हर्बल चाय पीएं। फेफड़ों को साफ करने वाले तरीकों को अपनाएं। ठंडी चीजों से दूर रहकर गर्म चीजों को अपनाएं।
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