गर्भ में पल रहे जुड़वां बच्चे दोनों के पिता अलग-अलग!.. जानिए क्या है विक्की कौशल की "बैड न्यूज" में दिखाई गई कंडीशन
- विक्की कौशल की हाल ही में रिलीज हुई फिल्म बैड न्यूज अपनी स्टोरीलाइन को लेकर काफी ज्यादा सुर्खियों में है। इसमें एक ऐसे कंडीशन के बारे में बात की गई है जिसमें एक ही औरत के गर्भ में पल रहे जुड़वां बच्चों के पिता अलग-अलग हैं। आइए जानते हैं इस कंडीशन के बारे में।
हाल ही में धर्मा प्रोडक्शन की फिल्म बैड न्यूज रिलीज हुई है। फिल्म अपने बोल्ड टॉपिक की वजह से काफी ज्यादा सुर्खियों में बनी हुई है। फिल्म की स्टोरीलाइन सुनकर काफी लोग हैरत में पड़ गए हैं कि भला ऐसा भी होता है। दरअसल फिल्म में एक औरत जुड़वां बच्चों से प्रेगनेंट है लेकिन दोनों ही बच्चों के पिता अलग-अलग हैं। ये शायद सुनने में बेहद अटपटा और लगभग झूठ लग रहा हो लेकिन ऐसी कंडीशन वाकई में पॉसिबल है। इस कंडीशन को मेडिकल की भाषा में हेटेरोपैटर्नल सुपरफेकंडेशन (Heteropaternal Superfecundation) कहा जाता है। तो चलिए जानते हैं आखिर ये कैसे पॉसिबल है।
क्या होता है हेटेरोपैटर्नल सुपरफेकंडेशन?
हेटेरोपैटर्नल सुपरफेकंडेशन यानी वो स्थिति जहां एक गर्भवती महिला के गर्भ में दो अलग-अलग पिताओं के बच्चे पल रहे हों। हेटेरोपैटर्नल का मतलब ही होता है अलग-अलग पिता। ये कंडीशन तब होती है जब अलग-अलग मेल्स के स्पर्म यानी शुक्राणु द्वारा दो या दो से ज्यादा एग्स का फर्टिलाइजेशन होता है। हालांकि ये कंडीशन काफी रेयर हैं लेकिन इसके काफी सारे मामले सामने आ चुके हैं।
आसान भाषा में जानें आखिर कैसे होती है ये स्थिति
एकदम आसान शब्दों में इस पूरी कंडीशन को समझने की कोशिश करें तो आमतौर पर एक मेंस्ट्रुअल यानी पीरियड्स साइकिल के दौरान एक महिला एक ही एग रिलीज करती है। इस दौरान अगर वो किसी मेल के साथ शारीरिक संबंध बनाती है तो उसके स्पर्म से ये एग मिलता है और फर्टिलाइजेशन हो जाता है। यह एकदम नॉर्मल स्थिति है। लेकिन कई बार पीरियड साइकिल के दौरान महिलाएं एक से ज्यादा एग्स भी रिलीज कर सकती हैं।
ऐसे में अगर कोई महिला जिसके दो एग्स रिलीज हुए हैं, अगर दो अलग-अलग मेल्स के साथ फिजिकल हो जाती है तो दोनों की एग्स अलग-अलग पुरुषों के स्पर्म्स के साथ फर्टिलाइज होते हैं। इसका परिणाम होता है कि गर्भ में पल रहे दोनों जुड़वां बच्चों के पिता अलग अलग होते हैं। ऐसे बच्चे एक दूसरे से दिखने में एकदम डिफरेंट हो सकते हैं। कई एक्सपर्ट्स का मानना है कि ऐसे बच्चों की हाइट में भी काफी ज्यादा अंदर देखने को मिलता है।
जानें कितनी कॉमन है ये कंडीशन
देखा जाए तो ये कंडीशन काफी रेयर है। यानी बहुत ही कम लोग ऐसे हैं जिनके साथ ये हुआ है। हालांकि कुछ जानवरों के बीच जैसे गाय और बिल्ली, ये कंडीशन काफी नॉर्मल होती है। साल 2020 तक दुनिया के सामने इसके कुल 20 मामले ही सामने आए थे। भारत में तो ऐसे मामलों की संख्या काफी ज्यादा कम है।
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