जल्दी-जल्दी भूख क्यों लगती है और इस समस्या से कैसे निपटें, क्या खाने-पीने से पीरियड हो सकते हैं नियमित?
- हम सबके पास ढेरों सवाल होते हैं, बस नहीं होता जवाब पाने का विश्वसनीय स्रोत। इस कॉलम के जरिये हम एक्सपर्ट की मदद से आपके ऐसे ही सवालों के जवाब तलाशने की कोशिश करेंगे। इस बार आहार विशेषज्ञ देंगी आपके सवालों के जवाब। हमारी एक्सपर्ट हैं, कविता देवगन
कुछ लोगों को समस्या रहती है कि पेट भरकर खाना खाने के बाद भी उन्हें भूख लगती है। क्या आप जानते हैं ये समस्या क्यों होती है? नहीं तो यहां जानिए इस समस्या का कारण और इसे कैसे ठीक करें। आहार विशेषज्ञ कविता देवगन ने कुछ सवालों के जवाब दिए हैं, जो आप भी जान सकते हैं।
• पेट भरकर खाना खाने के बाद भी मुझे कुछ ही देर में भूख लग जाती है। ऐसा कभी-कभार नहीं बल्कि अकसर होता है। जल्दी-जल्दी भूख क्यों लगती है और इसे कैसे ठीक किया जाए?
-कल्पना तिवारी, वाराणसी
बार-बार भूख लगने की कई वजहें हो सकती हैं। बार-बार भूख लगना इस बात की निशानी भी हो सकता है कि आप भूख से कम खाना खा रही हैं या फिर आपके शरीर में कई पोषक तत्वों की कमी हो। कई बार बहुत जल्दी-जल्दी खाना खाने या फिर तनाव में खाना खाने से भी बार-बार भूख लगती है। कई दफा शरीर में पर्याप्त मात्रा में इंसुलिन नहीं बनने से भी यह समस्या होती है। अगर आप बहुत ज्यादा कार्बोहाइड्रेट वाली डाइट लेती हैं तो उसके कारण ब्लड शुगर का स्तर तेजी से बढ़ता है और जब शरीर में शुगर की मात्रा कम होती है, तो तेजी से भूख लगती है। बार-बार भूख लगने की अपनी इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए अपनी डाइट में प्रोटीन और वसा युक्त खाद्य पदार्थों की मात्रा को बढ़ाएं। रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट के स्रोत जैसे पैकेज्ड फूड, पिज्जा, पास्ता, बिस्कुट, मैदा आदि की मात्रा कम करें। इनकी जगह डाइट में कॉम्प्लेक्स कार्बोहाहड्रेट के स्रोत जैसे दाल, फल, आलू, शकरकंद और चावल आदि की मात्रा बढ़ाएं।
• मेरी उम्र 25 साल है। पिछले कुछ माह से मेरा पीरियड अनियमित आने लगा है और उस दौरान दर्द भी बहुत ज्यादा होता है। क्या खानपान में कुछ विशेष चीजों को शामिल करके पीरियड को नियमित किया जा सकता है?
- रमा वर्मा, मेरठ
पर्याप्त मात्रा में खाना नहीं खाना, डाइटिंग करना और शरीर में पोषक तत्वों की बहुत ज्यादा कमी से भी पीरियड अनियमित होते हैं। शरीर को उचित मात्रा में सभी पोषक तत्व नहीं मिलने से हाइपोथेलेमस, पिट्यूटरी और एड्रेनलिन ग्लैंड्स तनाव में आ जाते हैं। ये ग्लैंड्स शरीर में हॉर्माेन के स्तर को संतुलित करते हैं, इनकी कार्यप्रणाली प्रभावित होने से पीरियड पर सीधा असर पड़ता है। अपने आहार में कार्बोहाइड्रेट की मात्रा को बहुत कम कर देने से भी थायरॉइड ग्लैंड की कार्यप्रणाली प्रभावित होती है। शरीर में हॉर्मोन के स्तर को ठीक रखने के लिए अच्छी वसा का सेवन भी जरूरी है। नियमित पीरियड के लिए बहुअसंतृप्त वसा का पर्याप्त मात्रा में सेवन भी जरूरी है। इसके लिए वसा युक्त मछलियां जैसे सालमन आदि, अखरोट और अलसी के बीजों को अपने आहार का हिस्सा बनाएं। ओमेगा-थ्री फैटी एसिड सप्लीमेंट के सेवन से भी आपको लाभ मिल सकता है। नियमित पीरियड के लिए फोलेट एक जरूरी मिनरल है। फोलेट के लिए छोला, राजमा, हरी पत्तेदार सब्जियां और खट्टे फलों को अपने आहार का हिस्सा बनाएं। फलों में पपीता और अन्ननास पीरियड के दौरान सामान्य ब्लीडिंग में मदद करते हैं। पपीता में कैरोटीन नाम का पोषक तत्व पाया जाता है, जो शरीर में एस्ट्रोजन हॉर्मोन के स्तर को संतुलित रखता है। वहीं अन्ननास में ब्रोमलेन नाम का एंजाइम पाया जाता है, जो रक्तसंचार में मदद करता है। कुछ मसाले भी पीरियड को नियमित करने में आपकी मदद कर सकते हैं। दालचीनी शरीर में इंसुलिन के स्तर को नियंत्रित करता है, जिसका असर शरीर के अन्य हॉर्मोन और पीरियड के चक्र पर पड़ता है। हल्दी की तासीर गर्म होती है, जो हॉर्मोनल सिस्टम को ठीक करके पीरियड को नियमित करने में मदद करती है। साबुत धनिया भी पीरियड को नियमित करने में मददगार होता है। एक चम्मच साबुत धनिया को पानी में भिगोएं। सुबह धनिया सहित उस पानी को उबालें। जब पानी आधा रह जाए तो गैस ऑफ करें और मिश्रण को छानकर इस पानी को थोड़ा ठंडा होने पर पिएं। दिन भर में तीन बार इस तरह से धनिया का पानी पिएं। कुछ दिनों तक लगातार इस पानी के सेवन से पीरियड की दिक्कतें खत्म होती हैं।
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